सरगुजा: मशहूर कॉमेडियन सुनील पाल का कहना है कि "कॉमेडी का स्तर बहुत तेजी से बदल रहा है. आपने सीनियर कलाकार जॉनी लीवर साहब की बात की, मध्यप्रदेश के केके नायकर साहब हैं. कपिल शर्मा जैसे ऐसे कलाकार हैं जिन पर हमें गर्व है. कपिल शर्मा को मैं दिल से सलाम करता हूं क्योंकि आज बॉलीवुड का कोई भी कलाकार हो चाहे वो कितनी भी बड़ी फिल्म कर रहा हो उनके मंच पर आकर प्रमोशन करता है."
फूहड़ कॉमेडी से करें परहेज : कॉमेडियन सुनील पाल ने कहा कि "लेकिन मैं समझता हूं कि अच्छाई के साथ साथ बुराई भी आती है. जिस तरह देश में एक ही प्रधानमंत्री होता है और बाकी सब जनता होती है. कुछ जनता अच्छी होती है तो कुछ बुरी भी होती है. इस तरह जॉनी लीवर, केके नायकर, कपिल शर्मा भी एक ही है और बाकी हम सभी कोशिश करते है कि अच्छा काम कर सकें. अच्छा करने के लिए हम धोरे धीरे चलते है लेकिन कुछ लोग तेजी से आते है और अंधाधुन कुछ भी शब्द, अपशब्द बोलकर निकल जाते है."
"अपशब्दों का प्रयोग करने वालों के खिलाफ हूं": कॉमेडियन सुनील पाल ने कहा कि "कोमेडी में अपशब्दों का उपयोग करने वाले स्टैंडअप कॉमेडियन के खिलाफ हूं. मौजूदा दौर की फिल्मों और कॉमेडी में भी फूहड़ता आ गई है. मैं उसके खिलाफ हूं.
वो हंसते हैं तो हमारे घर बसते हैं, वरना कॉमेडियन बड़े सस्ते हैं: कॉमेडियन सुनील पाल ने कहा कि " फूहड़ कॉमेडी करने वाले लोग वे कलाकार नहीं कलंकार है जो समाज को नुकसान पहुंचा रहे है. जो लोगों को समझ में नहीं आता है. मेरा मानना है कि जनता को हमें पूजना चाहिए. क्योंकि ये हंसते है तो हमारे घर बसते है, वरना हम कॉमेडियन बहुत सस्ते हैं."
स्वस्थ मनोरंजन पर दिया जोर: कॉमेडियन सुनील पाल ने कहा कि "हंसाना मुश्किल काम हो सकता है. लेकिन आज के जमाने में जनता जो काम कर रही है. हंसने का वह और भी मुश्किल हो गया है. तो ये हमारे लिये भीड़ नही लीड है, क्राउड नहीं प्राउड है. जनता ही माई बाप भी है और भाई बहन भी है. जो कला हमें मिली है. उसका सम्मान करना चाहिए. जब भी हम स्टेज पर जाए तो कोशिश होनी चाहिए कि हमारे दिल, दिमाग, आंखें, आवाज, नेचर, नीयत और कंटेंट साफ होने चाहिए. क्योंकि हमारी जिम्मेदारी बनती है कि दर्शकों को स्वस्थ मनोरंजन दिया जाए. जिससे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक कोई शर्मिंदा ना हो"
राजू भाई को मिले भारत रत्न: दिवंगत कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को लेकर सुनील पाल ने कहा कि "उनकी यादें आज भी ताजा है. अगर कोई बोलता है कि राजू श्रीवास्तव नहीं रहे तो मुझे लगता है कोई अफवाह फैला रहा है. क्योंकि राजू भाई आज हमारे बीच मे नहीं हैं. ये मैं मानने को ही तैयार नहीं हूं. उन्होंने 40 वर्षों तक अलग अलग मंच पर लोगों को हंसाने का काम किया है. इसलिए सरकार से भी मांग है कि राजू श्रीवास्तव को भारत रत्न दिया जाए. उनकी बायोपिक बनाई जाये."
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सुनील पाल ने पेश किया कॉमेडी का धमाल: सुनील पॉल ने अपने शुरुआती दौर में लाफ्टर चैलेंज के समय के डायलॉग भी सुनाये. उन्होंने कॉमेडियन अंदाज में कहा " हमारा नाम है रतन नूरा. ईटीवी के बिना हम हूं अधूरा और अब जब ईटीवी में हमरा इंटरव्यू हो गया है तो हम हो गया हूं पूरा. ईटीवी भारत को देखने वाले तमाम दर्शक हैं. वो हमारे लिए हैं काशी और मथुरा हैं और जो नहीं देख रहें हैं या किसी ना किसी वजह से नही देख पा रहे हैं तो देख लेना और जो तुम्हारे बारे में बुरा सोचे वो है धतूरा."