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चॉकलेट डे विशेष: जानिये सरगुजा की खास चॉकलेट के बारे में - हैंडमेड चॉकलेट

चॉकलेट डे पर ETV भारत सरगुजा के एक ऐसे संस्थान के बारे में बता रहा है, जहां हेल्दी और नेचुरल प्रोडक्ट से बनी चॉकलेट बेची जा रही है. यहां बनी चॉकलेट पूरे प्रदेश में मशहूर है.

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सरगुजा की खास चॉकलेट
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Published : Feb 9, 2021, 7:37 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: फरवरी को प्यार का महीना कहा जाता है. क्योंकि इस महीने की 14 तारीख को वैलेंटाइन डे आता है. वैलेंटाइन डे का इंतजार दुनिया भर के प्रेमियों को रहता है. वैलेंटाइन सप्ताह शुरू हो गया है. 9 फरवरी के दिन विश्वभर में चॉकलेट डे मनाया जा रहा है. इस दिन लोग अपने चाहने वालों को चॉकलेट गिफ्ट करते हैं. हर कोई अपने जीवन साथी या मित्र को खुश करने के लिए बेहतर से बेहतर चॉकलेट खरीदने की चाह भी रखते हैं. चॉकलेट का क्रेज ना सिर्फ बच्चों में बल्कि बड़े बूढ़ों में भी होता है. हर किसी को अलग-अलग तरह का चॉकलेट खाने का शौक होता है.

सरगुजा की खास चॉकलेट

चॉकलेट डे पर ETV भारत आपको सरगुजा की एक ऐसी संस्थान के बारे में बता रहा है, जहां हेल्दी और नेचुरल प्रोडक्ट से बनी चॉकलेट बेची जा रही है. यहां बनी चॉकलेट पूरे प्रदेश भर में मशहूर है. इस चॉकलेट के लोग दीवाने हैं. अंबिकापुर में एक निजी संस्थान अपना हर प्रोडक्ट खुद तैयार करती है. यहां किसी अन्य ब्रांड के प्रोडक्ट नहीं मिलते हैं. यहां मिठाई, नमकीन, ब्रेड, केक सहित तमाम चीजें मिलती है. संस्थान खुद इसका निर्माण करती है. इस संस्थान की आलमंड चॉकलेट काफी मशहूर है. चॉकलेट प्रेमियों के लिए संस्थान में कई प्रकार के चॉकलेट उपलब्ध हैं.

वैलेंटाइन डे पर प्रेमी ने भेजा खत, एक लाख की इनामी महिला नक्सली ने छोड़ दिया नक्सलवाद

1950 से संचालित है यह संस्थान

1950 से संचालित अंबिकापुर का यह संस्थान हैंडमेड चॉकलेट बना रहा है. इस संस्थान की ओर से अपने ही बेकरी में चॉकलेट का निर्माण कराया जाता है. ये संस्थान किसी भी अन्य ब्रांड की चॉकलेट नहीं बेचती है. रेस्टोरेंट के स्टॉफ का दावा है कि उनके किचन में ऑलमंड चॉकलेट बनाई जाती है, जो किसी फ्लेवर की सहायता से नहीं बल्कि असली भुने हुए बादाम से बनाई जाती है. इसमें चॉकलेट, मिल्क और असली भुने हुए बादाम का उपयोग किया जाता है.

फ्लेवर का इस्तेमाल नहीं

यहां बनने वाली चॉकलेट में फ्लेवर का इस्तेमाल नहीं होता है. बिना फ्लेवर के ड्राई फ्रूट और अन्य फूड प्रोडक्ट के जरिए चॉकलेट बनाई जाती है. ऐसे में चॉकलेट बच्चों के सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. यह चॉकलेट बाजार में मिलने वाली बड़ी कंपनियों की चॉकलेट से महंगी होती है. लेकिन इनमें फ्लेवर नहीं बल्कि ओरिजनल, खाद सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. चॉकलेट डे और अन्य अवसरों पर इन चॉकलेट की बिक्री अधिक होती है. इसे आकर्षक पैकिंग के साथ पैक किया जाता है. ताकि लोग बतौर गिफ्ट इसे भेंट कर सकें.

क्यों मनाया जाता है चॉकलेट डे?

मान्यता के अनुसार वैलेंटाइन वीक के तीसरे दिन चॉकलेट डे के रूप में मनाया जाता है. फरवरी के दूसरे हफ्ते में 9 फरवरी को चॉकलेट डे मनाया जाता है. यह दिन प्यार का इजहार करने के बाद मुंह मीठा करने के लिए मनाया जाता है.

सरगुजा: फरवरी को प्यार का महीना कहा जाता है. क्योंकि इस महीने की 14 तारीख को वैलेंटाइन डे आता है. वैलेंटाइन डे का इंतजार दुनिया भर के प्रेमियों को रहता है. वैलेंटाइन सप्ताह शुरू हो गया है. 9 फरवरी के दिन विश्वभर में चॉकलेट डे मनाया जा रहा है. इस दिन लोग अपने चाहने वालों को चॉकलेट गिफ्ट करते हैं. हर कोई अपने जीवन साथी या मित्र को खुश करने के लिए बेहतर से बेहतर चॉकलेट खरीदने की चाह भी रखते हैं. चॉकलेट का क्रेज ना सिर्फ बच्चों में बल्कि बड़े बूढ़ों में भी होता है. हर किसी को अलग-अलग तरह का चॉकलेट खाने का शौक होता है.

सरगुजा की खास चॉकलेट

चॉकलेट डे पर ETV भारत आपको सरगुजा की एक ऐसी संस्थान के बारे में बता रहा है, जहां हेल्दी और नेचुरल प्रोडक्ट से बनी चॉकलेट बेची जा रही है. यहां बनी चॉकलेट पूरे प्रदेश भर में मशहूर है. इस चॉकलेट के लोग दीवाने हैं. अंबिकापुर में एक निजी संस्थान अपना हर प्रोडक्ट खुद तैयार करती है. यहां किसी अन्य ब्रांड के प्रोडक्ट नहीं मिलते हैं. यहां मिठाई, नमकीन, ब्रेड, केक सहित तमाम चीजें मिलती है. संस्थान खुद इसका निर्माण करती है. इस संस्थान की आलमंड चॉकलेट काफी मशहूर है. चॉकलेट प्रेमियों के लिए संस्थान में कई प्रकार के चॉकलेट उपलब्ध हैं.

वैलेंटाइन डे पर प्रेमी ने भेजा खत, एक लाख की इनामी महिला नक्सली ने छोड़ दिया नक्सलवाद

1950 से संचालित है यह संस्थान

1950 से संचालित अंबिकापुर का यह संस्थान हैंडमेड चॉकलेट बना रहा है. इस संस्थान की ओर से अपने ही बेकरी में चॉकलेट का निर्माण कराया जाता है. ये संस्थान किसी भी अन्य ब्रांड की चॉकलेट नहीं बेचती है. रेस्टोरेंट के स्टॉफ का दावा है कि उनके किचन में ऑलमंड चॉकलेट बनाई जाती है, जो किसी फ्लेवर की सहायता से नहीं बल्कि असली भुने हुए बादाम से बनाई जाती है. इसमें चॉकलेट, मिल्क और असली भुने हुए बादाम का उपयोग किया जाता है.

फ्लेवर का इस्तेमाल नहीं

यहां बनने वाली चॉकलेट में फ्लेवर का इस्तेमाल नहीं होता है. बिना फ्लेवर के ड्राई फ्रूट और अन्य फूड प्रोडक्ट के जरिए चॉकलेट बनाई जाती है. ऐसे में चॉकलेट बच्चों के सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. यह चॉकलेट बाजार में मिलने वाली बड़ी कंपनियों की चॉकलेट से महंगी होती है. लेकिन इनमें फ्लेवर नहीं बल्कि ओरिजनल, खाद सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. चॉकलेट डे और अन्य अवसरों पर इन चॉकलेट की बिक्री अधिक होती है. इसे आकर्षक पैकिंग के साथ पैक किया जाता है. ताकि लोग बतौर गिफ्ट इसे भेंट कर सकें.

क्यों मनाया जाता है चॉकलेट डे?

मान्यता के अनुसार वैलेंटाइन वीक के तीसरे दिन चॉकलेट डे के रूप में मनाया जाता है. फरवरी के दूसरे हफ्ते में 9 फरवरी को चॉकलेट डे मनाया जाता है. यह दिन प्यार का इजहार करने के बाद मुंह मीठा करने के लिए मनाया जाता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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