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Snake Bite Incidents In Rain : बारिश आते ही बढ़ते हैं स्नेक बाइट के मामले,जानिए कैसे करना है बचाव ? - case of snake bite in rain

बारिश आते ही सरगुजा संभाग में स्नेक बाइट यानी की सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं. सर्पदंश से मौत के मामले भी सरगुजा संभाग में सर्वाधिक होते हैं. इसलिए सरगुजा को नागलोक भी कहा जाता है. ऐसे में सर्पदंश के मामलों में क्या सावधानी रखनी चाहिये इस विषय पर ईटीवी भारत ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सह अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अर्पण सिंह चौहान से खास बातचीत की है. Snake Bite Incidents In Rain

How to prevent Snake Bite
अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज में सर्पदंश के मामले
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Published : Jun 17, 2023, 3:21 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सर्पदंश के बाद क्या करें क्या नहीं

सरगुजा : अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संभाग भर से स्नेक बाइट के मरीज रेफर होकर आते हैं. तात्कालिक मौतों के अलावा सर्पदंश के सारे मामले अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही आते हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक एक वर्ष में 370 सर्पदंश के मामले आये हैं.अच्छी बात ये रही कि इनमें से सिर्फ 20 की मौतें हुई हैं. बाकी 350 लोगों की जान बचा ली गई है.


क्यों होती हैं स्नेक बाइट से मौतें : मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. अर्पण सिंह बताते हैं कि " पहले पंडो और कोरवा जाति के मरीजों की संख्या अधिक थी. क्योंकि वो आदतन जमीन पर सोते हैं. उनकी जैसी जातियों की आदत होती है कि वो ज्यादातर जमीन पर सोते हैं.लेकिन यदि बारिश के मौसम में सावधानी बरती जाए और जमीन पर ना सोए तो सर्पदंश से बचा जा सकता है.क्योंकि बारिश में सबसे ज्यादा सर्पदंश के मामले होते हैं.''


सांप काटने पर क्या ना करें : डॉ अर्पण के मुताबिक सांप काटने पर जो प्रथा चली आ रही है, सांप काटने पर उस जगह पर पट्टी बांध लेना, ऐसा नहीं करना चाहिये. क्योंकि इससे जहर एक जगह पर रुक जाता है.जिससे उस अंग को काटने तक की नौबत आ जाती है. जिस जगह पर सांप ने काटा है वहां कोयले से जला लेने आदि यह सब टोटके बेकार है. जो लोगों में एक तरफ का कन्फ्यूजन पैदा करते हैं. ऐसा नहीं करना है. जितनी भी मौतें होती है वो ज्यादातर न्यूरो टॉक्सिक सांप, करैत, कोबरा के काटने से होती है.



वेस्क्यूलो टॉक्सिक सांप : वेस्क्यूलो टॉक्सिक सांप ऐसा स्नेक होता है जिसके काटने से खून पतला हो जाता है.सांप काटने पर तीन चीजें ध्यान रखना है कि 24 घंटे में आपके कमर में दर्द तो नही हो रहा है, इसका मतलब है आपकी किडनी खराब हो रही हैं. कहीं आपके पेशाब में लाल रंग तो नही आ रहा है मतलब आपका खून पतला हो रहा है. थूक या मल किसी भी रास्ते से खून तो नही आ रहा है मतलब को सांप आपको काटा है वो खून पतला करने वाला सांप है.

सरगुजा में सांप कांटने से होती है हर हफ्ते एक मौत
सरगुजा में एक युवक को दो जहरीले सांपों ने काटा,इलाज के दौरान मौत
जशपुर में सांप के डसने पर युवक ने सांप को काटा, सांप की मौत




न्यूरो टॉक्सिक सांप : डॉक्टर के मुताबिक अगर न्यूरो टॉक्सिक सांप है तो आपकी आंखें बुझी बुझी सी रहेंगी. आधी खुली आधी बंद जैसी रहेंगी. ये सब लक्षण को देखना है.अगर ऐसा होता है तो आपको जिला अस्पताल आकर अपना इलाज कराना चाहिए.जिला अस्पताल में एंटी वेनम का पर्याप्त स्टॉक है.24 घंटे चाहे दिन हो या रात सर्पदंश जब भी हो बिना देरी किए जिला अस्पताल तक मरीज को पहुंचाने से उसकी जान बच सकती है.

सर्पदंश के बाद क्या करें क्या नहीं

सरगुजा : अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संभाग भर से स्नेक बाइट के मरीज रेफर होकर आते हैं. तात्कालिक मौतों के अलावा सर्पदंश के सारे मामले अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही आते हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक एक वर्ष में 370 सर्पदंश के मामले आये हैं.अच्छी बात ये रही कि इनमें से सिर्फ 20 की मौतें हुई हैं. बाकी 350 लोगों की जान बचा ली गई है.


क्यों होती हैं स्नेक बाइट से मौतें : मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. अर्पण सिंह बताते हैं कि " पहले पंडो और कोरवा जाति के मरीजों की संख्या अधिक थी. क्योंकि वो आदतन जमीन पर सोते हैं. उनकी जैसी जातियों की आदत होती है कि वो ज्यादातर जमीन पर सोते हैं.लेकिन यदि बारिश के मौसम में सावधानी बरती जाए और जमीन पर ना सोए तो सर्पदंश से बचा जा सकता है.क्योंकि बारिश में सबसे ज्यादा सर्पदंश के मामले होते हैं.''


सांप काटने पर क्या ना करें : डॉ अर्पण के मुताबिक सांप काटने पर जो प्रथा चली आ रही है, सांप काटने पर उस जगह पर पट्टी बांध लेना, ऐसा नहीं करना चाहिये. क्योंकि इससे जहर एक जगह पर रुक जाता है.जिससे उस अंग को काटने तक की नौबत आ जाती है. जिस जगह पर सांप ने काटा है वहां कोयले से जला लेने आदि यह सब टोटके बेकार है. जो लोगों में एक तरफ का कन्फ्यूजन पैदा करते हैं. ऐसा नहीं करना है. जितनी भी मौतें होती है वो ज्यादातर न्यूरो टॉक्सिक सांप, करैत, कोबरा के काटने से होती है.



वेस्क्यूलो टॉक्सिक सांप : वेस्क्यूलो टॉक्सिक सांप ऐसा स्नेक होता है जिसके काटने से खून पतला हो जाता है.सांप काटने पर तीन चीजें ध्यान रखना है कि 24 घंटे में आपके कमर में दर्द तो नही हो रहा है, इसका मतलब है आपकी किडनी खराब हो रही हैं. कहीं आपके पेशाब में लाल रंग तो नही आ रहा है मतलब आपका खून पतला हो रहा है. थूक या मल किसी भी रास्ते से खून तो नही आ रहा है मतलब को सांप आपको काटा है वो खून पतला करने वाला सांप है.

सरगुजा में सांप कांटने से होती है हर हफ्ते एक मौत
सरगुजा में एक युवक को दो जहरीले सांपों ने काटा,इलाज के दौरान मौत
जशपुर में सांप के डसने पर युवक ने सांप को काटा, सांप की मौत




न्यूरो टॉक्सिक सांप : डॉक्टर के मुताबिक अगर न्यूरो टॉक्सिक सांप है तो आपकी आंखें बुझी बुझी सी रहेंगी. आधी खुली आधी बंद जैसी रहेंगी. ये सब लक्षण को देखना है.अगर ऐसा होता है तो आपको जिला अस्पताल आकर अपना इलाज कराना चाहिए.जिला अस्पताल में एंटी वेनम का पर्याप्त स्टॉक है.24 घंटे चाहे दिन हो या रात सर्पदंश जब भी हो बिना देरी किए जिला अस्पताल तक मरीज को पहुंचाने से उसकी जान बच सकती है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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