सरगुजा: बरसात के मौसम में सरगुजा में सर्पदंश के मामलों की बाढ़ सी आ जाती है, जंगली और पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से यहां सांपों की संख्या अधिक हैं
लिहाजा सांप अधिक संख्या में यहां पाये जाते हैं, इसी डर से यहां आम तौर पर लोग जमीन पर बिस्तर लगाकर नहीं सोते हैं. सरकारी आंकड़े के अनुसार जिले में अब तक 147 लोग सांप काटने के कारण अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं. हालांकि सही इलाज मिलने से सभी की जान बच गई.
दरअसल इस वर्ष सरगुज़ा जिले के शासकीय अस्पतालों समेत मिशन अस्पताल में सर्पदंश के कुल 147 मरीज भर्ती हुए और इनमें से सभी स्वस्थ और सुरक्षित बचा लिए गए.
झाड़फूंक पर विश्वास कर रहे लोग
इसके बावजूद सरगुजा में लोग झाड़फूंक और अंधविश्वास के चक्कर मे पड़ कर मरीज को समय पर अस्पताल नहीं ले जाते है और उनकी मौत हो जाती है. हाल ही में सीतापुर से एक सर्पदंश से मृत व्यक्ति को जिला अस्पताल लाया गया था. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
अंधविश्वास का खेल जारी
बहरहाल जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इन आंकड़ों से खुश हैं कि अस्पताल में लाए गए सर्पदंश के एक भी मरीज की मौत नहीं हुई लेकिन अंधविश्वास के जाल में फंसकर मौत के गाल में समा जाने वालों के लिए ये चेतवानी और सबक भी है कि वो ऐसे ठगों के चक्कर में न पड़ें और सांप काटने पर उसे तुरंत अस्पताल ले जाएं.