अंबिकापुर: प्रदेश सरकार के मंत्री शिव डहरिया ने पत्रकारों के बात करते हुए DMF घोटाले के साथ ही धान खरीद को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रहे टकराव के बारे बात की.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डहरिया ने कहा कि, 'DMF के कार्यों के लिए पूर्व में कलेक्टर सर्वेसर्वा हुए करते थे, पूर्व में जो गड़बड़िया हुई उसकी जांच होगी'. उन्होंने कहा कि 'DMF से जरूरी कार्यों के लिए राशि स्वीकृत की जाएगी'.
'2500 प्रति क्विंटल के हिसाब से ही धान खरीदेंगे'
मंत्री ने कहा कि 'अगर केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के पूल से चावल की खरीदी नहीं करती तो भी हम 2500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से ही धान खरीदेंगे'. उन्होंने कहा कि 'सरकार समर्थन मूल्य पांचों साल 2500 दिया जाए, इसके पक्ष में है, लेकिन केंद्र सरकार 1800 में धान खरीदने की बात कहती है'.
'DMF के वो काम जिनकी जरूरत नहीं'
उन्होंने कहा कि 'पिछली सरकार हुए DMF के वो काम जिनकी जरूरत नहीं थी, उन्हें निरस्त किया गया'. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पिछली सरकार की ओर से किए गए ज्यादातर काम मे गड़बड़ी पाई गई है'.
'टैक्स को तुरंत कम करेंगे'
इस दौरान शिव डहरिया ने कहा कि 'अगर राज्य में लगने वाले टैक्स को तुरंत कम करेंगे, तो 14वें वित्त की फंडिंग बंद हो जाएगी, टैक्स कम करने को लेकर मंथन जारी है'. छत्तीसगढ़ सरकार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, 'पट्टे वितरण करने के बाद स्वामित्व देंगे ताकि, लोगों को आगे चलकर कोई परेशानी न हो'.
'हमने किसानों के लिए लोन लिया'
सरकार की ओर से लगातार कर्ज लेने के सवाल पर डहरिया ने कहा कि 'हमने किसानों के लिए लोन लिया, जबकि भाजपा सरकार ने लोन लेकर मोबाइल बांटा'. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'केंद्र सरकार से कोई टकराव नहीं है और हमें केंद्र सरकार से सहयोग की उम्मीद है'.