सरगुजा: विधानसभा का चुनाव संपन्न हुए महीनों बीत गए. भूपेश बघेल मुख्यमंत्री भी बन गए हैं, लेकिन अब भी सरगुजा के लोग टीएस सिंहदेव को ही अपना मुख्यमंत्री मानते हैं. अपनी हर समस्या के समाधान के लिए वे 'बाबा' को ही याद करते हैं. मंत्री टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री न बनाने की टीस अब तक सरगुजा के लोगों में दिखाई देती है.
दरअसल ये हम नहीं कह रहे हैं, ये कहना है कांग्रेस के मीडिया सेल प्रभारी द्वितेन्द्र मिश्रा का, जिन्होंने माना है कि सरगुजा में कांग्रेस को मिलने वाले बहुमत के पीछे बाबा का मुख्यमंत्री बनना था, लोगों को पूरी उम्मीद थी कि बाबा मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कांग्रेस आलाकमान ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बना दिया, जाहिर है कि कांग्रेस के इस फैसले से सरगुजा संभाग सहित आस-पास के क्षेत्र में निराशा थी.
फिर उठी टीस
वहीं मामला एक बार फिर गर्माया जब लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में भाजपा ने कहा कि सरगुजा के लोगों को ठगा गया है, सीएम का सपना दिखाकर उनका वोट कांग्रेस ने लिया है, लेकिन सीएम बना कोई और ही. इस संबंध में सिंहदेव के करीबी और कांग्रेस मीडिया सेल के प्रभारी से जब बात की गई तो उन्होंने भी माना कि टीएस सिंहदेव जन घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने जिस तरह घोषणापत्र तैयार किया, उसके बाद लोगों को यो उम्मीद थी की वही मुख्यमंत्री बनेंगे. लेकिन 'बाबा' के सीएम न बनने के मलाल को छिपाते हुए उन्होंने कहा कि सरगुजा के लोगों के सीएम तो आज भी बाबा हैं, हमारे सीएम तो बाबा हैं.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरगुजा में तरह-तरह के सियासी रंग देखने को मिल रहे हैं, इनमें से एक मामला ये भी है की कांग्रेस ने टीएस बाबा को सीएम न बनाकर सरगुजा की जनता के साथ छलावा किया है. इस मामले में राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने बयानबाजी की थी जिसपर पलटवार करते हुऐ सिंहदेव ने उन्हें अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों के दम पर वोट मांगने की सलाह भी दी थी.