सरगुजा: देश में आम चुनाव होने जा रहे हैं. देश के लोग सबसे बड़े लोकतंत्र के मुखिया को चुनेंगे और उस मुखिया का चयन तब होता है, जब हम अपने प्रतिनिधि चुनकर उन्हें संसद पहुंचाते हैं. इन सांसदों के बूते सरकार किसी की भी बने पर जरूरी यह है कि आपका सांसद कैसा है? सांसद ने क्षेत्र के लिए क्या किया है? सांसद के विषय में जनता 5 साल बाद क्या सोचती है? बहरहाल ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब हमने सरगुजा के लोगों से जाने.
सांसद के बेटे की गुंडागर्दी से परेशान जनता
2014 के आम चुनाव में मोदी लहर में बीजेपी ने जिसे भी मैदान में उतारा लगभग सभी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. ऐसी ही एक सीट है सरगुजा, जहां से कमलभान सिंह मरावी को सांसद बनने का मौका मिला. जनता ने कमलभान सिंह को 1 लाख 40 हजार से अधिक वोटों से जीत दिलाई, लेकिन सांसद बनने के बाद महोदय कुछ खास कर नहीं सके, लिहाजा जनता अब उन्हें कोस रही है. कोई झूठे वादे करने का आरोप लगा रहा है तो कोई सांसद के बेटे की गुंडागर्दी से परेशान होने का आरोप लगा रहा है.
सिर्फ आश्वासन ही मिला
सरगुजा से झारखंड को जोड़ने के लिए वर्षों से प्रतीक्षित बरवाडीह रेल मार्ग बनाने के दावे सांसद ने किये थे और 5 साल में अपनी ही सरकार के रेल मंत्री के साथ मुलाकात कर लोगों को रेल मार्ग विस्तार का आश्वासन देते रहे, लेकिन हुआ कुछ नहीं. लिहाजा अब रेल विस्तार के क्षेत्र में कुछ न होने से यहां की जनता अपने सांसद से नाराज हैं.
नये चेहरे कितना कारगर
क्षेत्र में हाथियों का आतंक, बेरोजगारी, उद्योग घरानों द्वारा आदिवासियों की जमीनों पर बेजा कब्जा, यातायात की सुविधाओं में कमी, शिक्षा और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. इसे लेकर क्षेत्र की जनता अपने सांसद से खासा नाराज है और शायद इसे देखते हुए पार्टी ने वर्तमान सांसद का टिकट भी काट दिया है. बीजेपी ने वर्तमान सांसद को टिकट न देकर नये चेहरे पर दांव लगाया है. अब देखना यह होगा की बीजेपी का यह दांव कितना कारगार होगा.