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सरगुजा: बारिश के बावजूद दहन हुए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले - sarguja news

अंबिकापुर में दशहरे के दौरान तेज बारिश हुई, लेकिन बारिश के बावजूद रावण का पुतला दहन किया गया और बुराई पर अच्छाई का पर्व मनाया गया.

बरसते पानी मे जलाए गए रावण कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले
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Published : Oct 9, 2019, 10:13 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा बड़े ही धूमधाम से अंबिकापुर में मनाया गया. बुराई के प्रतीक स्वरूप रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले का दहन पीजी कॉलेज मैदान में किया गया.

बरसते पानी मे जलाए गए रावण कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले

दशहरे पर हुई बारिश से आयोजन में शामिल अतिथि और दर्शकों के उम्मीदों पर पानी फिरते दिखाई दिया,लेकिन इन दिक्कतों के बावजूद पुतलों का दहन कर कार्यक्रम को सफल बनाया गया.

तेज बारिश के बावजूद पुतला दहन
आयोजन में अतिथि के तौर पर केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह और छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत उपस्थित रहे. अतिथि जैसे ही भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के साथ रावण दहन के लिए मंच से प्रस्थान करने वाले थे, उसी वक्त तेज बारिश होने लगी. तेज बारिश की वजह से अफरा-तफरी मच गई. करीब आधे घंटे बाद बारिश कम हुई और दशहरा उत्सव समिति के लोगों ने आतिशबाजी शुरू की. बड़ी मुश्किल से रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया.

राम के मार्ग पर चलने के लिए ली शपथ

मंत्री अमरजीत भगत ने जनसमूह को शुभकामनाएं देने के साथ ही भगवान राम के मार्ग पर चलने की शपथ ली. बारिश होने के बाद ड्यूटी पर मौजूद प्रशासन और पुलिस के अधिकारी आयोजन समिति के लोगों के साथ मिलकर रावण दहन की बची हुई औपचारिकता को पूरा करने में जुटे रहे.

सरगुजा: असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा बड़े ही धूमधाम से अंबिकापुर में मनाया गया. बुराई के प्रतीक स्वरूप रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले का दहन पीजी कॉलेज मैदान में किया गया.

बरसते पानी मे जलाए गए रावण कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले

दशहरे पर हुई बारिश से आयोजन में शामिल अतिथि और दर्शकों के उम्मीदों पर पानी फिरते दिखाई दिया,लेकिन इन दिक्कतों के बावजूद पुतलों का दहन कर कार्यक्रम को सफल बनाया गया.

तेज बारिश के बावजूद पुतला दहन
आयोजन में अतिथि के तौर पर केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह और छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत उपस्थित रहे. अतिथि जैसे ही भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के साथ रावण दहन के लिए मंच से प्रस्थान करने वाले थे, उसी वक्त तेज बारिश होने लगी. तेज बारिश की वजह से अफरा-तफरी मच गई. करीब आधे घंटे बाद बारिश कम हुई और दशहरा उत्सव समिति के लोगों ने आतिशबाजी शुरू की. बड़ी मुश्किल से रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया.

राम के मार्ग पर चलने के लिए ली शपथ

मंत्री अमरजीत भगत ने जनसमूह को शुभकामनाएं देने के साथ ही भगवान राम के मार्ग पर चलने की शपथ ली. बारिश होने के बाद ड्यूटी पर मौजूद प्रशासन और पुलिस के अधिकारी आयोजन समिति के लोगों के साथ मिलकर रावण दहन की बची हुई औपचारिकता को पूरा करने में जुटे रहे.

Intro:सरगुजा : असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा बड़े ही धूमधाम से अंबिकापुर में मनाया गया बुराई के प्रतीक स्वरूप रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले का दहन अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में किया गया इस आयोजन में अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत उपस्थित हुए लेकिन जैसे ही अतिथि भगवान राम लक्ष्मण और सीता के साथ रावण दहन के लिए मंच से प्रस्थान करने ही वाले थे इसी वक्त तेज बारिश ने मैदान में उपस्थित लाखों लोगों के मंसूबों पर पानी फेर दिया तेज बारिश की वजह से भीड़ में अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया और देखते ही देखते पूरा मैदान खाली हो गया लगभग आधे घंटे के बाद बारिश कम हुई तभी दशहरा उत्सव समिति के लोगों के द्वारा आतिशबाजी शुरू की गई और अंततः बड़ी मुश्किल से रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जा सका।

Body: गौरतलब है की पीजी कालेज मैदान में मंच से अतिथि उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे सबसे पहले संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने लोगों को दशहरे की शुभकामनाएं दी और भगवान राम के मार्ग पर चलने की शपथ ली इसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने जैसे ही अपना उद्बोधन शुरू किया वहां बारिश शुरू हो गई बारिश होते ही मंच पर मौजूद सारे अतिथि दशहरा मैदान से रवाना हो गए जिसके बाद ड्यूटी पर मौजूद प्रशासन और पुलिस के अधिकारी आयोजन समिति के लोगों के साथ मिलकर रावण दहन की बची हुई औपचारिकता को पूरा करने में जुट गए

देश दीपक सरगुजाConclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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