सरगुजा: दुष्कर्म के आरोप में जेल में सजा काट रहे कैदी की मौत हो गई है. कैदी अंबिकापुर केंद्रीय जेल में दुष्कर्म के मामले में 10 साल की सजा काट रहा था. सोमवार-मंगलवार की रात अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान कैदी की मौत हो गई. अभी तक पता नहीं चल पाया है कि कैदी को कोरोना था या फिर अन्य बीमारी. पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. मामले में पुलिस ने मर्ग कायम करने के बाद जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है.
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चाल साल पहले दुष्कर्म के आरोप में हुआ था गिरफ्तार
जशपुर जिले के कांसाबेल थाना के बासेन गांव में रहने वाला नईहर साय (60 वर्ष) को पुलिस ने चार साल पहले गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय पेश किया था. जहां से उसे जशपुर जेल में भेज दिया गया था. मामले की सुनवाई होने पर न्यायालय ने 29 सितंबर 2016 को आरोप सिद्ध होने पर नईहर साय को 10 साल की सजा सुनाई गई थी. न्यायालय से सजा सुनाने पर नईहर साय को अंबिकापुर केन्द्रीय जेल भेज दिया गया था. नईहर साय अंबिकापुर केंद्रीय जेल में 10 साल की सजा काट रहा था. 13 मई को आरोपी की तबीयत खराब होने पर उसे मेडिकल काॅलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सोमवार देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. कैदी की मौत होने पर परिजन को सूचना दी गई. पुलिस ने मर्ग कायम करने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है.
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एसडीएम जांच अधिकारी नियुक्त
कलेक्टर संजीव कुमार झा के केंद्रीय जेल में सजा काट रहे कैदी की मौत के मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इसके लिए एसडीएम प्रदीप साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. आदेश में कलेक्टर ने कहा कि तबीयत खराब होने पर कैदी को 13 मई को मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में भर्ती किया गया था. इलाज के दौरान 16 मई को उसकी मौत हो गई. कलेक्टर ने एसडीएम को मामले की जांच कर एक महीने के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है.
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11 सितंबर 2020 को हत्या के आरोप में सजा काट रहे कैदी की हुई थी मौत
अंबिकापुर केंद्रीय जेल में सजा काट रहे कैदी की मौत कोई नई बात नहीं है. इससे पहले 11 सितंबर 2020 को केंद्रीय जेल में एक कैदी की मौत हो गई थी. कैदी को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. वो पिछले 6 साल से जेल में सजा काट रहा था. अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान कैदी की मौत हो गई थी. बलरामपुर जिले के ग्राम पतरापारा निवासी ललकु पनिका जिसकी उम्र 53 साल थी. ललकु को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाए जाने के बाद ललकु पनिका को 4 सितंबर 2014 को केंद्रीय जेल में दाखिल कराया गया था. पुलिस के अनुसार बुधवार की रात कैदी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी. उसे पहले केंद्रीय जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां प्रारंभिक उपचार के बाद उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान कैदी की मौत हो थी.