सरगुजा: कोरोना वायरस को लेकर पूरे विश्व में डर का माहौल है. सावधानी को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने एडवाइजरी भी जारी की है. सरकार की ओर से कोरोना वायरस को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया गया है. लगातार स्वास्थ्य विभाग कोरोना के आंकड़े और सुरक्षा के बचाव आम लोगों से साझा कर रहा है.
इन सबके बीच सोशल साइट्स पर आने वाले फेक पोस्ट के कारण लोग भ्रमित हो रहे हैं. कुछ भ्रामक पोस्ट की वजह से आम लोगों में डर का माहौल बन रहा है. इस पूरे मामले को लेकर ETV भारत ने सरगुजा स्वास्थ्य विभाग के जनसंपर्क आधिकारी से बातचीत की और शहर में वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी ली.
शहर में एक भी केस नहीं
अधिकारी ने बताया कि शहर में अब तक एक भी पॉजिटिव केस नहीं पाया गया है. मतलब सरगुजा में कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया है, लेकिन विदेशों से आए ऐसे लोग जिन्हें सामान्य सर्दी-खांसी भी है, उन्हें एहतियातन आइसोलेशन में रखा गया है. कुछ लोगों को होम आइसोलेशन में भी रखा गया है. वहीं 2 लोगों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है.
जानें आइसोलेशन का मतलब
आइसोलेशन का मतलब ये नहीं है कि किसी गंभीर बीमारी का इलाज किया जा रहा हो. यह सामान्य तौर पर बरती जाने वाली सतर्कता है. एहतियातन संदिग्ध व्यक्ति को कुछ समय के लिए दूसरों के संपर्क से दूर रख दिया जाता है, क्योंकि कोरोना की जांच निगेटिव आने के बाद भी उस शख्स को 28 दिनों तक खुद को दूसरों के संपर्क से बचाकर रखना है, ताकि दोबारा संक्रमण खतरा न हो.
दुष्प्रचार करने वालों पर होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की इस सतर्कता को भ्रामक रूप से प्रचारित करने के मामले भी सामने आ रहे हैं. जिससे प्रशासन और आम लोगों में भी अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है, लिहाजा स्वास्थ्य विभाग अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में है. कोरोना को लेकर भ्रामक प्रचार करते पाए जाने पर अब पुलिस का सहारा लिया जाएगा, साथ ही कानूनन कार्रवाई भी की जाएगी.
सभी रिपोर्ट नेगेटिव
बता दें कि सरगुजा में अब तक 11 लोगों को आइडेंटिफाई किया गया है, जिसमें 5 लोगों के जांच सैंपल लिए गए हैं. सभी की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है, मतलब फिलहाल किसी को भी कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं है.