सरगुजा: जिले में सारे नियम कायदे को ताक पर रख गिट्टी क्रेशर का संचालन किया जा रहा है. जिससे यहां के लोग बीमार हो रहे हैं. क्रेशर से उड़ने वाली धूल लोगों के फेफड़े पर सीधा असर कर रही है, लेकिन किसी जिम्मेदार को कोई परवाह नहीं है.
25 गिट्टी क्रेशर संचालित
खनिज विभाग के मुताबिक जिले में कुल 25 गिट्टी क्रेशर संचालित हो रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश क्रेशर संचालक प्रदूषण नियंत्रण यंत्रों के बिना ही क्रेशर का संचालन कर रहे हैं. नियम है कि क्रेशर संचालक को इलाके में दूर तक धूल उड़ने से रोकने के लिए पौध रोपण कराना है, लेकिन पौध रोपण तो दूर धूल उड़ने से रोकने के लिए संचालक ने न तो मशीनों की स्क्रीन पर एमएस सीट लगाई है और न ही वॉटर स्प्रिंकलर.
ग्रामीण हो रहे परेशान
ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर से उड़ने वाली धूल के कारण उनको हमेशा सर्दी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है. इतना ही नहीं धूल घर के अंदर रखे भोजन-पानी में भी चला जाता है. ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं.
प्रशासन से आस
पर्यावरण अधिकारी एसके वर्मा बताते हैं कि उनके कर्मचारी दो-तीन महीने में गिट्टी क्रेशर की जांच के लिए जाते हैं. इसके अलावा ईटीवी भारत की पहल के बाद अधिकारी निरीक्षण कर नियमों का उल्लंघन करने वाले क्रेशर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं.