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SPECIAL: अब मौसमी बीमारियां बनी चुनौती, सर्दी-खांसी के करीब 1 लाख केसेज़ - मौसमी बीमारियां बनी चुनौती

सरगुजा में कोरोना संकट के बीच अब नई चुनौती सामने आ गई है. मौसम में हुए बदलाव मौसमी बीमारियों को लगातार बढ़ा रहे हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्दी, खांसी और बुखार के पिछले एक महीने में ओपीडी के 1 लाख 16 हजार 493 केस हैं.

Havoc of seasonal diseases
मौसमी बीमारियों का कहर
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Published : Apr 24, 2020, 5:11 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: कोरोना वायरस से जंग के बीच अब नई चुनौती सामने आ गई है. मौसम में हो रहे लगातार बदलाव से मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. बड़ी संख्या में सर्दी, खांसी, जुकाम, बदन दर्द, पेट दर्द जैसी बीमारियों से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना के बीच ये हालात डराने वाले हैं, हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि हर सर्दी-खांसी औ बुखार कोरोना वायरस का खतरा लेकर नहीं आती है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

कोरोना संकट के बीच मौसमी बीमारियों का खतरा

डॉक्टरों का कहना है कि इस समय सर्दी-खांसी होना सामान्य बात है और ज्यादातर लोग इससे पीड़ित हो रहे हैं, लेकिन इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. अगर किसी को सर्दी-खांसी हो जाए, तो इसका मतलब कतई नहीं है कि उसे कोरोना वायरस का संक्रमण है. डॉक्टर ने कहा कि सामान्य सर्दी-खांसी को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है. सर्दी-खांसी होने पर तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या फिर अपने चिकित्सक से सम्पर्क करें और उपचार कराएं.

बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी
बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी

सर्दी, खांसी, बुखार के केस बढ़े

स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू किए गए मेडिसिन ऑन व्हील के जरिए स्लम एरिया का सर्वे कर लोगों का उपचार किया गया और उन्हें दवाईयां दी गईं. स्वास्थ्य विभाग ने करीब साढ़े 300 लोगों का हेल्थ चेकअप किया, जिनमें ढाई सौ से ज्यादा लोग सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित मिले. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले एक महीने में ओपीडी के 1 लाख 16 हजार 493 केस और आईपीडी के 21 हजार 163 केस सामने आए हैं, जबकि यूपीएचसी नवापारा में आईपीडी के 2 हजार 986 केस सामने आए हैं

आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखें

डॉक्टर्स ने बताया कि मानव शरीर का तापमान सामान्य रूप से 37 डिग्री सेल्सियस होता है. मानव शरीर में एंजाइम, हॉर्मोन्स का इम्युनिटी को बनाए रखने में अहम योगदान होता है. मौसम में परिवर्तन होने से प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है और हमारा शरीर इससे लड़ने का प्रयास करता है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए ये करें-

  • नींबू, शहद, हल्दी वाला दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
  • मौसम में परिवर्तन के समय गुनगुने पानी का उपयोग करना चाहिए.
  • गर्म पानी से नहाएं.
  • एसी-कूलर का कम से कम उपयोग करें और सबसे जरूरी अपनी आदतों में परिवर्तन लाने की है. स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं और व्यायाम जरूर करें.

सरगुजा: कोरोना वायरस से जंग के बीच अब नई चुनौती सामने आ गई है. मौसम में हो रहे लगातार बदलाव से मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. बड़ी संख्या में सर्दी, खांसी, जुकाम, बदन दर्द, पेट दर्द जैसी बीमारियों से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना के बीच ये हालात डराने वाले हैं, हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि हर सर्दी-खांसी औ बुखार कोरोना वायरस का खतरा लेकर नहीं आती है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

कोरोना संकट के बीच मौसमी बीमारियों का खतरा

डॉक्टरों का कहना है कि इस समय सर्दी-खांसी होना सामान्य बात है और ज्यादातर लोग इससे पीड़ित हो रहे हैं, लेकिन इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. अगर किसी को सर्दी-खांसी हो जाए, तो इसका मतलब कतई नहीं है कि उसे कोरोना वायरस का संक्रमण है. डॉक्टर ने कहा कि सामान्य सर्दी-खांसी को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है. सर्दी-खांसी होने पर तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या फिर अपने चिकित्सक से सम्पर्क करें और उपचार कराएं.

बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी
बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी

सर्दी, खांसी, बुखार के केस बढ़े

स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू किए गए मेडिसिन ऑन व्हील के जरिए स्लम एरिया का सर्वे कर लोगों का उपचार किया गया और उन्हें दवाईयां दी गईं. स्वास्थ्य विभाग ने करीब साढ़े 300 लोगों का हेल्थ चेकअप किया, जिनमें ढाई सौ से ज्यादा लोग सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित मिले. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले एक महीने में ओपीडी के 1 लाख 16 हजार 493 केस और आईपीडी के 21 हजार 163 केस सामने आए हैं, जबकि यूपीएचसी नवापारा में आईपीडी के 2 हजार 986 केस सामने आए हैं

आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
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रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखें

डॉक्टर्स ने बताया कि मानव शरीर का तापमान सामान्य रूप से 37 डिग्री सेल्सियस होता है. मानव शरीर में एंजाइम, हॉर्मोन्स का इम्युनिटी को बनाए रखने में अहम योगदान होता है. मौसम में परिवर्तन होने से प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है और हमारा शरीर इससे लड़ने का प्रयास करता है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए ये करें-

  • नींबू, शहद, हल्दी वाला दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
  • मौसम में परिवर्तन के समय गुनगुने पानी का उपयोग करना चाहिए.
  • गर्म पानी से नहाएं.
  • एसी-कूलर का कम से कम उपयोग करें और सबसे जरूरी अपनी आदतों में परिवर्तन लाने की है. स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं और व्यायाम जरूर करें.
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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