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इनकी सरकार को सुध नहीं, सरकारी दफ्तरों में भी दिव्यांगों के लिए नहीं बना रैंप - composit bhawan

कलेक्ट्रेट कार्यालय सह कंपोजिट भवन में दिव्यांगों के प्रवेश के लिए रैंप नहीं बनाया गया है, भवन के मुख्य द्वार पर बस सीढियां बना दी गई हैं. इससे दिव्यांगजनों को व्हील चेयर अंदर ले जाने में मुश्किल होती है.

सरकारी दफ्तरों में भी दिव्यांगों के लिए नहीं बना रैंप
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Published : Aug 3, 2019, 3:37 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: सरकार दिव्यांगों के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही है. लेकिन उनकी सहूलियत के लिए खुद शासकीय कार्यालयों में ही उचित व्यवस्था नहीं है. शासकीय कार्यालयों में प्रवेश के लिए रैंप की व्यवस्था नहीं है, उन्हें बड़ी मुश्किल से सीढियों से जाना पड़ता है.

सरकारी दफ्तरों में भी दिव्यांगों के लिए नहीं बना रैंप

बता दें कि हाल में बने कलेक्ट्रेट कार्यालय सह कंपोजिट भवन में दिव्यांगों के प्रवेश के लिए रैंप नहीं बनाया गया है. भवन के मुख्य द्वार पर सीढियां बनाई गई हैं. इससे दिव्यांगों को व्हील चेयर से अंदर ले जाना मुश्किल हो गया है. यह स्थिति अम्बिकापुर के कंपोजिट भवन, जिला पंचायत कार्यालय और नगर निगम के आयुक्त कार्यालय की है.

इस संबंध में ETV भारत ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को इस संबंध में निर्देश दे दिया गया है.

सरगुजा: सरकार दिव्यांगों के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही है. लेकिन उनकी सहूलियत के लिए खुद शासकीय कार्यालयों में ही उचित व्यवस्था नहीं है. शासकीय कार्यालयों में प्रवेश के लिए रैंप की व्यवस्था नहीं है, उन्हें बड़ी मुश्किल से सीढियों से जाना पड़ता है.

सरकारी दफ्तरों में भी दिव्यांगों के लिए नहीं बना रैंप

बता दें कि हाल में बने कलेक्ट्रेट कार्यालय सह कंपोजिट भवन में दिव्यांगों के प्रवेश के लिए रैंप नहीं बनाया गया है. भवन के मुख्य द्वार पर सीढियां बनाई गई हैं. इससे दिव्यांगों को व्हील चेयर से अंदर ले जाना मुश्किल हो गया है. यह स्थिति अम्बिकापुर के कंपोजिट भवन, जिला पंचायत कार्यालय और नगर निगम के आयुक्त कार्यालय की है.

इस संबंध में ETV भारत ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को इस संबंध में निर्देश दे दिया गया है.

Intro:सरगुज़ा : निःशक्त जनों की बेहतरी के लिए सरकारे कई योजनाएं चला रही है, विभिन्न सामाजिक संगठन इनकी बेहतरी और समाज मे अलग स्थान दिलाने के दावे करते हैं, भारत सरकार ने भी विशेष नियमावली निःशक्त जनो के लिए बना रखी है, लेकिन छत्तीसगढ़ के सरगुज़ा जिले में विशेष सुविधाओं को तो छोड़िए, यहां के शासकीय कार्यालयों में दिव्यांगों के अंदर जाने की ही व्यवस्था नही है।


Body:पुराने समय के बने भवनों को छोड़ दें तो हालही में बने कलेक्ट्रेट कार्यालय सह कंपोजिट भवन में भी दिव्यांगों के प्रवेश के लिए रैंप नही बनाया गया है, भवन के मुख्य द्वार पर सीढियां बना दी गई हैं, लेकिन रैम्प नही बनाया गया है, जिसमे दिव्यांग लोगो को व्हील चेयर से अंदर ले जाया जा सके.. यह स्थिति अम्बिकापुर के कंपोजिट भवन, जिला पंचायत कार्यालय और नगर निगम के आयुक्त कार्यलय की है।


Conclusion:बहरहाल इस सम्बंध में हमने सरकार के मंत्री अमरजीत भगत से पूछा की ऐसा क्यों निःशक्त जनो का ख्याल भवन निर्माण के समय क्यों नही रखा गया, जिस पर मंत्री अमरजीत ने इस संबंध में जिला प्रशासन को निर्देश देने की बात कही है।

बाईट01_रीता अग्रवाल (दिव्यांगो की पैरोकार)

बाईट02_अमरजीत भगत (मंत्री छ. ग.शासन)

देश दीपक सरगुज़ा

नोट - इस खबर की एक बाईट और विजुअल रिपोर्टर एप्स से गई है
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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