सरगुजा: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण एक बार फिर पैर पसार रहा है. संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. बढ़ते आंकड़ो के बीच कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. कोरोना के नए स्वरूप और ज्यादा खतरनाक होने जैसी बातें भी लोगो के जहन में हैं. इन तमाम सवालों को लेकर ETV भारत ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत की और जाना कि कोरोना के दूसरे पीक से बचने के लिए सरकार की क्या व्यवस्थाएं हैं.
सवाल: क्या ये नया स्ट्रेन है?
जवाब: कोरोना तो चाइना से ही दुनिया में फैला है. भारत में भी वहीं से आया है. अभी बात हो रही दूसरे प्रकार के कोरोना की. तो इसके लिए लोगों को सबसे पहले ये समझना जरुरी है कि उतार और चढ़ाव ये कोरोना का स्वरूप रहा है. कई देशों में आता है चढ़ता है, फिर उतरता है, ये कुछ देशों में तीन चार बार हुआ है. हमारे देश में दूसरे स्पाइक में हम जा रहे हैं. सितंबर में बड़ा स्पाइक आया था. जब करीब 1 लाख प्रकरण एक दिन में आ रहे थे. अब हम देख रहे हैं कि 50 हजार प्रकरण आ रहे हैं. ऐसा मानना है की ये अभी और बढ़ेगा. महाराष्ट्र में जितने प्रकरण हर दिन पहले दौर में नहीं आये थे उससे ज्यादा इस बार में आ रहे हैं. अभी हम फिर से चढ़ाव के रास्ते में हैं. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में हर 100 में से 7 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जो की गंभीर विषय है. 5 के ऊपर इसे गंभीर मानना चाहिए. उसमें भी दुर्ग में 30%, रायपुर 14%, बेमेतरा में 11%, जशपुर 6-7% लोग पॉजिटिव आ रहे हैं. ये बड़ी चिंता की बात है. ये अगर 3 % के नीचे रहे तो सामान्य माना जाता है, 3% के ऊपर चिंता और 5% के ऊपर अधिक चिंता का विषय है. हम 0.99% में पहुंच गए थे और आज हम 6.99% पर पहुंच गए हैं.
3162 नए कोरोना मरीजों के साथ आंकड़ा 17 हजार पार
सवाल: क्या कोरोना स्वरूप बदल रहा है कौन सा वेरिएंट है? कितना खतरनाक है?
जवाब: हर वायरस स्वरूप बदलता है. इसे जेनेटिक सीक्वेंस मानिए. 4 तत्त्व होते हैं. उसके कॉम्बिनेशन होते हैं. ये जिस सीक्वेंस में बनते हैं. एक जीन का सीक्वेंस लाखों का होता है. इसमें कोई भी एक जीन में परिवर्तन आ गया तो उसे अलग मान लिया जाता है. वायरस भी इंसान के जीन के साथ बदलता है. जैसे प्रकृति में लगातार बदलाव होते हैं, वैसे ही वायरस में बदलाव होते हैं. इस तरह के परिवर्तन ये वायरस का स्वरूप होता है. जैसे आप सामान्य सर्दी का वायरस देखिए, जिसे इन्फ्लूएंजा कहते हैं. ये भी हर साल बदलता है. दुनिया के वैज्ञानिकों ने इसको स्टडी कर रखा है, इसमें हर साल वैक्सीन या दवाई में भी परिवर्तन किया जाता है. कोरोना के संबंध में भी हमने देखा कि हजारों परिवर्तन हो चुके हैं. ये कोई एक परिवर्तन नहीं है. जिसकी चिंता करनी है. क्योंकि इसका स्वरूप ही है परिवर्तन का. एक थ्योरी ये कहती है कि ये स्वाभाविक रूप से कमजोर भी करता है और एक थ्योरी ये कहती है की उस परिवर्तन में जो सीक्वेंस बन गया वो ओरिजनल सीक्वेंस से ज्यादा घातक तो नहीं है.
छत्तीसगढ़ में नया स्ट्रेन नहीं
हजारों परिवर्तन दुनिया में हो गए. उसका खतरा हमे कहीं वैसा नहीं दिखा. तीन जो बड़े स्ट्रेन की बात आई है, चर्चा हुई की ये तेजी से फैलता है. एक ब्रिटिश स्ट्रेन, ब्राजीलियन स्ट्रेन, एक साउथ अफ्रीकन स्ट्रेन तो ये तीनो स्ट्रेन की उपस्थिति छत्तीसगढ़ में अभी तक नहीं पाई गई है. तीन दिन पहले भारत सरकार ने जो रिपोर्ट जारी की थी उसमें छत्तीसगढ़ में एक नया प्रकार का वेरिएशन हजारों में एक जो छत्तीसगढ़ में जो पाया गया, उसके 5 प्रकरण छत्तीसगढ़ में पाए गए हैं. पर वो ज्यादा घातक है ऐसे कोई प्रमाण सामने नहीं आए हैं. या उसमें वेक्सीन का असर नहीं होगा ऐसे भी वैज्ञानिक परिणाम सामने नहीं आए हैं. उस हद तक चिंता की बात नहीं है.
जितना ज्यादा केस उतना फैलने का खतरा
पहले देश और छत्तीसगढ़ में शून्य प्रकरण थे. लेकिन चाइना में जो शुरू हुआ तो विश्व भर में फैल गया. शुरू हमने जीरो से किया और 3 लाख 30 हजार से ऊपर पहुंच गए. करीब 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. आज अगर उदाहरण के लिए 10 हजार एक्टिव केस हैं तो उसके फैलने का खतरा ज्यादा है.