सरगुजा: यास चक्रवाती तूफान ने 26 मई को बंगाल और ओडिशा में भयंकर तबाही मचाई. यास ओडिशा के रास्ते 26 की देर शाम झारखंड में दाखिल हुआ. मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था कि यास के झारखंड आने पर इसकी तेज हवाओं का प्रभाव सरगुजा संभाग में भी रहेगा. पहले दिन सुबह से असर दिखने भी लगा था. सुबह से ही आसमान में बदल छाए हुए थे. मौसम विभाग का अनुमान था कि संभाग के जिलों में 50 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रफ्तार से हवाएं यहां चलेंगी. हालांकि ऐसा हुआ नहीं. सरगुजा संभाग के पहाड़ों से टकराने के बाद यास तूफान कमजोर पड़ गया. इससे भारी बारिश नहीं हुई. हवाएं भी 25-30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की रफ्तार से चली. हालांकि तूफान का असर अगले दो दिन जिले में देखने को मिलेगा. जिले में रुक-रुक कर अगले दो दिन हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
सरगुजा के पठारी इलाकों में यास तूफान ज्यादा सक्रिय
यास तूफान सरगुजा के पठारी इलाकों में ज्यादा सक्रिय दिखा. इससे जैसे मैनपाट, जोकापाठ, लाहसुनपाठ, खुड़िया पहाड़ के क्षेत्र में तेज आंधियां चली. लेकिन इन पहाड़ों से टकराने के बाद चक्रवात और कमजोर पड़ गया. मैदानी इलाकों में आने से पहले इसकी रफ्तार कम हो गई. इससे चक्रवात के खतरे से सरगुजा बच गया. गुरुवार सुबह में सरगुज़ा, बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर और कोरिया में बारिश हुई. सरगुजा जिले में बारिश लगातार हो रही है.
'यास तूफान' का सरगुजा संभाग के सभी जिलों में दिख रहा असर, बुधवार दोपहर से हो रही बारिश
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव खुद नजर रख रहे थे नजर
यास के खतरे को भांपकर जिला प्रशासन ने तमाम तैयारियां कर ली थी. समस्या से निपटने रेस्क्यू टीम तक बन गई थी. तमाम अधिकारी और कर्मचारियों की छुट्टियां कैंसल कर दी गई थी. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) खुद नजर बनाए हुए थे. उन्होंने तो कई क्वारेंटीन सेंटर बनवा दिए थे. जिससे तूफान से प्रभावित लोग वहां रह सके.