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सरगुजा में राजस्व विभाग की लापरवाही, जीवित महिला को फाइलों में मार डाला

सरगुजा में राजस्व विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आयी (negligence of revenue department in surguja ) है. दरअसल, सरगुजा के मैनपाट विकासखंड के अमगांव में राजस्व विभाग ने एक जीवित महिला को मृत घोषित कर दिया है. अब महिला खुद को जीवित साबित करने की जद्दोजहद कर रही है.

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Published : Aug 19, 2022, 5:22 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

negligence of revenue department
राजस्व विभाग की लापरवाही

सरगुजा: सरगुजा जिले में राजस्व विभाग का एक अजब कारनामा सामने आया (negligence of revenue department in surguja ) है. दरअसल, सरगुजा के मैनपाट विकासखंड के अमगांव में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला को क्षेत्र के आरआई और पटवारी ने मृत घोषित कर दिया. वृद्धा को इस बात का पता तब चल सका जब उसने अपने जमीन के सीमांकन के लिए आवेदन किया. अब वृद्धा खुद को जिंदा साबित करने को दर-दर भटक रही है.

खुद को जिंदा बताने को भटक रही महिला: बड़ी बात तो यह है कि जिले के अधिकारी भी यह कह रहे है कि किसी को मृत घोषित करने का अधिकार आरआई पटवारी के पास नहीं है. किसी गलतफहमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. महिला को मृत घोषित नहीं किया गया है, लेकिन पंचनामा के दस्तावेज व महिला की फरियाद कुछ और ही बयां कर रहे हैं.

जिंदा महिला को बताया मृत: सरगुजा के मैनपाट विकासखंड के अमगांव के आश्रित ग्राम ढोहाडीह निवासी नोहरी बाई के पास पुश्तैनी जमीन है. इस जमीन का सीमांकन कराने के लिए महिला अपने बेटे विनोद के साथ मिलकर तहसील कार्यालय में सीमांकन की अर्जी लगाई थी. लेकिन सीमांकन की अर्जी लगाने के बाद जो जानकारी सामने आई उससे उनके होश उड़ गए. राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में नोहरी बाई को मृत घोषित कर दिया गया था.

पंचनामा में ग्रामीणों के हस्ताक्षर शामिल: हैरत की बात तो ये है कि जब महिला को मृत घोषित करने के लिए पड़ोसी पारा के दो ग्रामीणों से पंचनामा पर हस्ताक्षर भी लिए गए थे. अब जब पूरा मामला सामने आया तो सभी हैरान हैं. महिला और उसके बेटे का आरोप है कि आरआई और पटवारी ने मिलीभगत कर नोहरी बाई को मृत घोषित कर दिया. महिला के मृत होने पंचनामा पर दस्तखत करने वाले ग्रामीण जागेश्वर व शिवा का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि अधिकारी उनसे किस पंचनामा पर दस्तखत करा रहे थे.

यह भी पढ़ें: सरगुजा महाराज रामानुज शरण सिंहदेव विश्व के नंबर वन हंटर थे

ग्रामीणों को छला गया: ग्रामीण जागेश्वर का कहना है कि "गांव में जमीन नपाई के दौरान पंचनामा तैयार हुआ था.वे पढ़े-लिखे नहीं हैं. इसलिए उन्होंने पंचनामा पर हस्ताक्षर कर दिया. लेकिन अब जिन्दा महिला को मृत घोषित करने के पंचनामा पर गवाह के रूप में हस्ताक्षर करने के मामले में खुद को बुरी तरह से फंसा हुआ मान रहे हैं."

बहाने बना रहे अधिकारी: वृद्धा का आरोप है कि "आरआई और पटवारी ने उसे मृत घोषित किया और अब वह लगातार पेशी के लिए चक्कर काट रही है. लेकिन अधिकारी उसे नहीं मिल रहे. अधिकारी बहाने बनाकर भाग रहे हैं."

की जाएगी कार्रवाई: इस मामले में सीतापुर एसडीएम अनमोल टोप्पो का कहना है, "तहसीलदार से जानकारी ली गई है. महिला को मृत घोषित नहीं किया गया है. कुछ गलतफहमी थी, जिससे यह बात सामने आई. महिला का सीमांकन रिकॉर्ड दुरुस्त है. आरआई पटवारी के पास किसी को मृत घोषित करने का अधिकार ही नहीं है. फिर भी जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

सरगुजा: सरगुजा जिले में राजस्व विभाग का एक अजब कारनामा सामने आया (negligence of revenue department in surguja ) है. दरअसल, सरगुजा के मैनपाट विकासखंड के अमगांव में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला को क्षेत्र के आरआई और पटवारी ने मृत घोषित कर दिया. वृद्धा को इस बात का पता तब चल सका जब उसने अपने जमीन के सीमांकन के लिए आवेदन किया. अब वृद्धा खुद को जिंदा साबित करने को दर-दर भटक रही है.

खुद को जिंदा बताने को भटक रही महिला: बड़ी बात तो यह है कि जिले के अधिकारी भी यह कह रहे है कि किसी को मृत घोषित करने का अधिकार आरआई पटवारी के पास नहीं है. किसी गलतफहमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. महिला को मृत घोषित नहीं किया गया है, लेकिन पंचनामा के दस्तावेज व महिला की फरियाद कुछ और ही बयां कर रहे हैं.

जिंदा महिला को बताया मृत: सरगुजा के मैनपाट विकासखंड के अमगांव के आश्रित ग्राम ढोहाडीह निवासी नोहरी बाई के पास पुश्तैनी जमीन है. इस जमीन का सीमांकन कराने के लिए महिला अपने बेटे विनोद के साथ मिलकर तहसील कार्यालय में सीमांकन की अर्जी लगाई थी. लेकिन सीमांकन की अर्जी लगाने के बाद जो जानकारी सामने आई उससे उनके होश उड़ गए. राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में नोहरी बाई को मृत घोषित कर दिया गया था.

पंचनामा में ग्रामीणों के हस्ताक्षर शामिल: हैरत की बात तो ये है कि जब महिला को मृत घोषित करने के लिए पड़ोसी पारा के दो ग्रामीणों से पंचनामा पर हस्ताक्षर भी लिए गए थे. अब जब पूरा मामला सामने आया तो सभी हैरान हैं. महिला और उसके बेटे का आरोप है कि आरआई और पटवारी ने मिलीभगत कर नोहरी बाई को मृत घोषित कर दिया. महिला के मृत होने पंचनामा पर दस्तखत करने वाले ग्रामीण जागेश्वर व शिवा का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि अधिकारी उनसे किस पंचनामा पर दस्तखत करा रहे थे.

यह भी पढ़ें: सरगुजा महाराज रामानुज शरण सिंहदेव विश्व के नंबर वन हंटर थे

ग्रामीणों को छला गया: ग्रामीण जागेश्वर का कहना है कि "गांव में जमीन नपाई के दौरान पंचनामा तैयार हुआ था.वे पढ़े-लिखे नहीं हैं. इसलिए उन्होंने पंचनामा पर हस्ताक्षर कर दिया. लेकिन अब जिन्दा महिला को मृत घोषित करने के पंचनामा पर गवाह के रूप में हस्ताक्षर करने के मामले में खुद को बुरी तरह से फंसा हुआ मान रहे हैं."

बहाने बना रहे अधिकारी: वृद्धा का आरोप है कि "आरआई और पटवारी ने उसे मृत घोषित किया और अब वह लगातार पेशी के लिए चक्कर काट रही है. लेकिन अधिकारी उसे नहीं मिल रहे. अधिकारी बहाने बनाकर भाग रहे हैं."

की जाएगी कार्रवाई: इस मामले में सीतापुर एसडीएम अनमोल टोप्पो का कहना है, "तहसीलदार से जानकारी ली गई है. महिला को मृत घोषित नहीं किया गया है. कुछ गलतफहमी थी, जिससे यह बात सामने आई. महिला का सीमांकन रिकॉर्ड दुरुस्त है. आरआई पटवारी के पास किसी को मृत घोषित करने का अधिकार ही नहीं है. फिर भी जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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