अम्बिकापुर: टी एस सिंहदेव उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री के साथ शासकीय आयोजन में अम्बिकापुर आने वाले थे. बारिश के कारण वो अम्बिकापुर नहीं पहुंच पाए. आज डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की मां राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव के नाम पर बने मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया गया. खराब मौसम की वजह से सीएम और डिप्टी सीएम सरगुजा में नहीं रहे. वह वर्चुअली जुड़े. जिससे आमजन को थोड़ी निराशा हुई है.
प्रशासन की तैयारियों पर फिरा पानी: बघेल और सिंहदेव के भव्य सम्मान के साथ मेडिकल कॉलेज के नये भवन का शुभारंभ किया जाना था. प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारी की थी. लेकिन बारिश कार्यक्रम में बाधा बन गई. बघेल और सिंहदेव कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए. जिसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर दोनों नेताओं ने इनडोर स्टेडियम और मेडिकल कॉलेज भवन का लोकार्पण किया.
राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है. मेडिकल कॉलेज से सरगुजा संभाग सहित आसपास के आदिवासी अंचलों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होगी. यह एक बड़ी उपलब्धि है. राज्य में दुर्गम क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का लगातार काम किया जा रहा है.- भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
मेडिकल कॉलेज का भवन बनाने में कितनी लागत आई : 374.08 करोड़ की लागत से ये परिसर तैयार हुआ है. इस परिसर में मुख्य रूप से 54.26 करोड़ रुपए की लागत से महाविद्यालय भवन बना है. 120.73 करोड़ रुपए की लागत से हॉस्पिटल भवन के साथ ऑडिटोरियम, छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, डीन आवास सहित अन्य काम हुआ है. यह राज्य का छठा मेडिकल कॉलेज है. इस मेडिकल कॉलेज की खासियत है कि, यहां मेडिकल स्टूडेंट्स के स्किल और ट्रेनिंग के लिए हर तरह का लैब बनाया गया है.
मेडिकल कॉलेज का नामकरण मम्मी के नाम पर किया गया है. राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव की स्मृति में यह बड़ी सौगात दी गई है. इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा योगदान है. ममतामयी मां के सम्मान के लिए आभार. मम्मी सिर्फ मेरी ही नहीं थीं. उनका आंचल पूरे सरगुजावासियों के लिए था. वह बड़ी ममता और प्रेमभाव से सरगुजा को देखती थी. छोटे से छोटे कार्यों के लिए मुख्यमंत्री तक जाने में संकोच नहीं करती थी- टी एस सिंहदेव, उप मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
ऐसी होगी व्यवस्था: मेडिकल कॉलेज के नए कॉलेज भवन में कुल 7 विभाग संचालित होंगे. इनमें एनाटॉमी विभाग, बायोकेमेस्ट्री विभाग, फिजियोलॉजी विभाग, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग और फार्मा विभाग शामिल है. इन विभागों में मेडिकल के स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जाती है. मेडिकल के विद्यार्थियों के लिए सारी व्यवस्थाएं की गई है.