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SPECIAL: गरीबों के लिए खुला मां महामाया का 'खजाना'

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Published : May 7, 2020, 12:19 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

अंबिकापुर में गरीबों के लिए महामाया मंदिर का खजाना खोल दिया गया है ताकि सभी का पेट भर सके और कोई भूखा न सोए. सरगुजा राजपरिवार ने इसकी अनुमति ही दै.

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गरीबों के लिए खुला मां महामाया का 'खजाना'

अंबिकापुर: लॉकडाउन में सबसे बड़ा संकट रोजगार का खड़ा हो गया है. उद्योगों में उत्पादन पर ब्रेक लगा, कई लोग बेरोजगार हो गए. सबसे बड़ी परेशानी मजदूर वर्ग के सामने है. इस समय सबसे ज्यादा मुसीबत गरीब परिवारों को झेलनी पड़ रही है जो छोटे-मोटे काम कर अपनी जिंदगी की गाड़ी चलाते हैं लेकिन इन दिनों उनकी इस गाड़ी पर ब्रेक लग गया है, क्योंकि कमाई नहीं हो पाने के कारण उनके घरों में चूल्हा नहीं जल पा रहा है ऐसे ही लोगों के लिए कई दानदाता आगे आकर उनके लिए राशन, भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. सेवा के इसी क्रम में सरगुजा राजपरिवार ने भी गरीबों के लिए महामाया मंदिर का खजाना खोल दिया है.

अंबिकापुर में गरीबों के लिए महामाया मंदिर का खुला खजाना

महामाया मंदिर के फंड का उपयोग

सरगुजा में बहुत से समाजसेवी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं और यही कारण है कि यहां कोई भूखा नहीं है. सरगुजा राजपरिवार ने गरीबों का पेट भरने के लिए अपनी टीम को महामाया मंदिर के फंड के उपयोग की अनुमित दे दी है, जिससे लॉकडाउन के पहले दिन से ही लोगों को भोजन, कच्चा राशन, दवाइयां महामाया हेल्पलाइन की तरफ से दी जा रही है.

कच्चा राशन के साथ पका भोजन भी

महामाया हेल्पलाइन 26 मार्च से लगातार जिले में सेवा दे रही है. अब तक 5 हजार 1 सौ पैकेट कच्चा राशन और लगभग 65 हजार पैकेट पका हुआ भोजन लोगों में बांट चुके हैं. पके हुए भोजन में इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है कि लोग एक ही तरह का खाना खाकर ऊब ना जाए, इसलिए सुबह शाम अलग-अलग तरह का खाना दिया जा रहा है. कभी पूरी, सब्जी, अचार तो कभी वेज पुलाव के पैकेट दिए जा रहे हैं.

बुनकरों के दिन खराब, कच्चे माल की कमी से ठप पड़ा हैंडलूम बाजार

दवाइयों के साथ इलाज भी

मंदिर के फंड से शहर में गरीब असहाय लोगों को दवाइयों के लिए पैसे और दूसरे चिकित्सकीय सुविधाओं की मदद भी दी रही है. कोरोना की इस जंग में महामाया हेल्प लाइन ने स्वास्थ्य विभाग को 15 सौ रैपिड टेस्ट किट भी दान किए हैं. जिससे अब ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जा रहा है. वहीं महामाया हेल्पलाइन महिलाओं के लिए एक खास सेवा शुरू करने की भी तैयारी कर रही है जो इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है. संस्था अब महिला वॉलियंटर्स की मदद से महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन भी बांटने की शुरुआत करने जा रही है.


जांजगीर: मजदूरों के साथ भद्दा मजाक, नहीं लग रहे हेल्पलाइन नंबर

दरअसल सरगुजा रियासत के इकलौते वारिस, प्रदेश के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे और जिला पंचायत सदस्य आदित्येश्वर सिंहदेव ने मंदिर के फंड में जमा राशि का उपयोग लोगों के पेट भरने सहित दूसरी आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए कहा है. बता दें कि मां महामाया राजपरिवार की कुल देवी हैं लिहाजा महामाया मंदिर की पूरी देखरेख राजपरिवार की तरफ से ही की जाती है.

कोरोना काल की इस विषम परिस्थिति में महामाया हेल्पलाइन की सच्ची सेवा रंग ला रही है, ऐसे महान कोरोना योद्धाओं की बदौलत ही लोग लॉकडाउन में रहकर कोरोना से जंग लड़ पा रहे हैं.

अंबिकापुर: लॉकडाउन में सबसे बड़ा संकट रोजगार का खड़ा हो गया है. उद्योगों में उत्पादन पर ब्रेक लगा, कई लोग बेरोजगार हो गए. सबसे बड़ी परेशानी मजदूर वर्ग के सामने है. इस समय सबसे ज्यादा मुसीबत गरीब परिवारों को झेलनी पड़ रही है जो छोटे-मोटे काम कर अपनी जिंदगी की गाड़ी चलाते हैं लेकिन इन दिनों उनकी इस गाड़ी पर ब्रेक लग गया है, क्योंकि कमाई नहीं हो पाने के कारण उनके घरों में चूल्हा नहीं जल पा रहा है ऐसे ही लोगों के लिए कई दानदाता आगे आकर उनके लिए राशन, भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. सेवा के इसी क्रम में सरगुजा राजपरिवार ने भी गरीबों के लिए महामाया मंदिर का खजाना खोल दिया है.

अंबिकापुर में गरीबों के लिए महामाया मंदिर का खुला खजाना

महामाया मंदिर के फंड का उपयोग

सरगुजा में बहुत से समाजसेवी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं और यही कारण है कि यहां कोई भूखा नहीं है. सरगुजा राजपरिवार ने गरीबों का पेट भरने के लिए अपनी टीम को महामाया मंदिर के फंड के उपयोग की अनुमित दे दी है, जिससे लॉकडाउन के पहले दिन से ही लोगों को भोजन, कच्चा राशन, दवाइयां महामाया हेल्पलाइन की तरफ से दी जा रही है.

कच्चा राशन के साथ पका भोजन भी

महामाया हेल्पलाइन 26 मार्च से लगातार जिले में सेवा दे रही है. अब तक 5 हजार 1 सौ पैकेट कच्चा राशन और लगभग 65 हजार पैकेट पका हुआ भोजन लोगों में बांट चुके हैं. पके हुए भोजन में इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है कि लोग एक ही तरह का खाना खाकर ऊब ना जाए, इसलिए सुबह शाम अलग-अलग तरह का खाना दिया जा रहा है. कभी पूरी, सब्जी, अचार तो कभी वेज पुलाव के पैकेट दिए जा रहे हैं.

बुनकरों के दिन खराब, कच्चे माल की कमी से ठप पड़ा हैंडलूम बाजार

दवाइयों के साथ इलाज भी

मंदिर के फंड से शहर में गरीब असहाय लोगों को दवाइयों के लिए पैसे और दूसरे चिकित्सकीय सुविधाओं की मदद भी दी रही है. कोरोना की इस जंग में महामाया हेल्प लाइन ने स्वास्थ्य विभाग को 15 सौ रैपिड टेस्ट किट भी दान किए हैं. जिससे अब ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जा रहा है. वहीं महामाया हेल्पलाइन महिलाओं के लिए एक खास सेवा शुरू करने की भी तैयारी कर रही है जो इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है. संस्था अब महिला वॉलियंटर्स की मदद से महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन भी बांटने की शुरुआत करने जा रही है.


जांजगीर: मजदूरों के साथ भद्दा मजाक, नहीं लग रहे हेल्पलाइन नंबर

दरअसल सरगुजा रियासत के इकलौते वारिस, प्रदेश के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे और जिला पंचायत सदस्य आदित्येश्वर सिंहदेव ने मंदिर के फंड में जमा राशि का उपयोग लोगों के पेट भरने सहित दूसरी आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए कहा है. बता दें कि मां महामाया राजपरिवार की कुल देवी हैं लिहाजा महामाया मंदिर की पूरी देखरेख राजपरिवार की तरफ से ही की जाती है.

कोरोना काल की इस विषम परिस्थिति में महामाया हेल्पलाइन की सच्ची सेवा रंग ला रही है, ऐसे महान कोरोना योद्धाओं की बदौलत ही लोग लॉकडाउन में रहकर कोरोना से जंग लड़ पा रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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