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44 डिग्री तामपान के बाद हल्की बारिश ने दी लोगों को राहत

जिले के कई इलाकों में हल्की बारिश के हवाओं से तापमान में गिरावट आई है. जिससे लोग राहत महसूस कर रहे हैं.

44 डिग्री तामपान के बाद हल्की बारिश ने दी लोगों को राहत
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Published : Jun 14, 2019, 11:16 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: भीषण गर्मी में लोगों का हाल बेहाल हो रहा है. जिले में तापमान 44.2 डिग्री पार हो चुकी है. हालांकि, आज जिले में मौसम में अचानक बदलाव ने लोगों को थोड़ी राहत दी है.

जिले के कई इलाकों में हल्की बारिश के हवाओं से तापमान में गिरावट आई है. जिससे लोग राहत महसूस कर रहे हैं.

44 डिग्री तामपान के बाद हल्की बारिश ने दी लोगों को राहत

तापमान में आई गिरावट
34 साल में तीसरी बार ऐसा हुआ है. जब जिले का तापमान 44 डिग्री से पार हुआ है. इससे पहले 1986 में अंबिकापुर का अधिकतम तापमान 44 डिग्री दर्ज किया गया था. बीच में 1 जून 2012 को भी 44.7 डिग्री जिले में अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था. इस साल भी 44.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है.

मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि जिले में तापमान बढ़ना एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि उत्तरी पाकिस्तान से पश्चिम बंगाल के गंगेर क्षेत्र तक पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी होते हुए पूर्व से पश्चिम की ओर एक द्रोणिका सक्रिय है, इसके प्रभाव से उत्तरी छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड, यूपी और एमपी के कुछ इलाकों में गरज, चमक के साथ बादल बने हैं, जिससे हवा और बारिश हो रही है.

सरगुजा: भीषण गर्मी में लोगों का हाल बेहाल हो रहा है. जिले में तापमान 44.2 डिग्री पार हो चुकी है. हालांकि, आज जिले में मौसम में अचानक बदलाव ने लोगों को थोड़ी राहत दी है.

जिले के कई इलाकों में हल्की बारिश के हवाओं से तापमान में गिरावट आई है. जिससे लोग राहत महसूस कर रहे हैं.

44 डिग्री तामपान के बाद हल्की बारिश ने दी लोगों को राहत

तापमान में आई गिरावट
34 साल में तीसरी बार ऐसा हुआ है. जब जिले का तापमान 44 डिग्री से पार हुआ है. इससे पहले 1986 में अंबिकापुर का अधिकतम तापमान 44 डिग्री दर्ज किया गया था. बीच में 1 जून 2012 को भी 44.7 डिग्री जिले में अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था. इस साल भी 44.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है.

मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि जिले में तापमान बढ़ना एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि उत्तरी पाकिस्तान से पश्चिम बंगाल के गंगेर क्षेत्र तक पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी होते हुए पूर्व से पश्चिम की ओर एक द्रोणिका सक्रिय है, इसके प्रभाव से उत्तरी छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड, यूपी और एमपी के कुछ इलाकों में गरज, चमक के साथ बादल बने हैं, जिससे हवा और बारिश हो रही है.

Intro:सरगुज़ा : मुख्यालय अम्बिकापुर का तापमान राजधानी रायपुर की बराबरी तक पहुंच गया.. शहर में रात में भी गर्म हवाओं से लोग विचलित हो रहे थे, शायद सरगुज़ा ने ऐसा कम ही देखा था.. 12 जून को अम्बिकापुर का अधिकत तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.. लिहाजा इस तापमान में गर्मी तो लगनी ही थी, और समय के साथ तेजी से सीमेंट की इमारतों में तब्दील हुये सरगुज़ा में देर रात भी इस तापमान की गर्माहट देखी गई.. लेकिन अचानक दोपहर बाद मौसम ने करवट ली और फिर बादल, हल्की बारिश के साथ तापमान में गिरावट हुई और गर्मी से राहत मिली.. इस राहत से लोगो को यह लगा की मानसून ने दस्तक दे दी है.. लेकिन नही अभी मानसून नही आया है।

वहीं इस वर्ष जून महीने की गर्मी की बात करें तो तापमान के रिकार्ड ये बताते है की बीते 34 वर्षो में 1986 से अब तक ऐसा कम ही हुआ है जब जून के महीने में अम्बिकापुर का अधिकतम तापमान 44 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया हो, इन 34 वर्षो में जून महीने में सबसे अधिकत तापमान 1 जून 2012 को 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो जून महीने में अब तक का सर्वाधिक तापमान है। वहीं 2 जून 1998 में 44.5, 3 और 4 जून 2003 को 44.3, 5 जून 1995 को 44.2, 2 जून 2010 को 44.1, 2 जून 1994 को 44.0 और 12 जून 2019 को 44.2 डिग्री सेल्सियस में साथ पिछले 34 वर्षों में छठवीं बार जून महीने में सबसे गर्म दिन का रिकार्ड 12 जून को दर्ज हुआ।

दअरसल मौसम को समझना इतना भी आसान नही है, इसमे जो जैसा दिखता है वैसा हो ये जरूरी नही होता, लिहाजा ईटीवी भारत ने सीधे मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट से ही जाना की मौसम का ये हाल क्यों है.?

बहरहाल तापमान का बढ़ना तो अपने आप में एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन तेज गर्मी के बाद अचानक मौसम में बदवाल के सवाल पर उन्होंने बताया की उत्तरी पाकिस्तान से पश्चिम बंगाल के गंगेर क्षेत्र तक पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी होते हुए पूर्व से पश्चिम की ओर एक द्रोणिका सक्रिय है, इसके प्रभाव से उत्तरी छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड, यूपी औऱ एमपी के कुछ इलाकों में गरज, चमक के साथ बदल बने है जिससे हवा व बारिश हो रही है। और आने वाले दो तीन दिन दोपहर बाद बदल, गरज के साथ 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार की हवाएं चल सकती है।

क्या है द्रोणिका .?

दअरसल हवाओ के मार्ग में उच्चदाब और निम्नदाब का क्षेत्र बनता है, हवाओ में इन्ही मार्ग पर क्रमशः कई निम्न दाब के क्षेत्र के बिल्कुल बीच से निकल कर बनने वाले पोर्शन को द्रोणिका कहा जाता है, या ड्राइंग की भाषा मे इसे ऐसे ही समझा जा सकता है.. साइंस में इसके फार्मूले जरूर अलग हो सकते हैं।

बहरहाल तेजी से हो रही वनों की कटाई और भू भाग का कांक्रीट करण का नतीजा है की कभी खुशनुमा मौसम की पहचान रखने वाले सरगुज़ा में भी गर्मी से लोगो का हाल बेहाल है, फिलहाल 13 जून को अधिकतम तापमान में 39.8 डिग्री सेल्सियस के साथ बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे थोड़ी राहत गर्मी से मिली है।


Body:बाईट_अक्षय मोहन भट्ट (मौषम विज्ञानी)

देश दीपक सरगुज़ा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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