सूरजपुर: मरहट्टा के गलफुली नदी के किनारे बसे राम लक्ष्मण पायन को श्री राम वन गमन पथ से जोड़ा जाएगा. कलेक्टर दीपक सोनी ने एक टीम गठित की है ताकि जिले के सभी स्थानों का चिन्हांकन कर उनका विकास किया जा सके. उन्होंने एसपी राजेश कुकरेजा और अन्य अधिकारियों के साथ ओड़गी के सीतालेखनी और लक्ष्मण पाव नामक स्थानों का निरीक्षण भी किया. बताया जा रहा है कि प्रतापपुर के मरहट्टा में भगवान राम वनवास के दौरान आये थे, लेकिन यह छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना में शामिल नहीं था.
श्री राम वन गमन पथ छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना है. इसके तहत स्थानों को जोड़ उन्हें पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां भगवान राम वनवास के दौरान सीता माता और लक्ष्मण के साथ आये थे. यह योजना दो चरणों में पूरी होनी है.
पर्यटन स्थल को ये अधिकारी करेंगे विकसित
कलेक्टर दीपक सोनी ने इन स्थानों का चिन्हांकन कर उसे पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए टीम बनाई है. शासन के निर्देशानुसार जिले के कलेक्टर दीपक सोनी ने रामवन गमन मार्ग का सर्वेक्षण मार्ग का सौंदर्य मार्ग का सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, कैफेटेरिया का निर्माण, शौचालय निर्माण और विद्युत व्यवस्था सहित अन्य कार्यों के लिए कमेटी गठित की है. इसमें वन मंडलाधिकारी अधिकारी जेआर भगत, सीईओ अश्वनी देवांगन, एसके विश्वकर्मा कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग, एसएस राजपूत कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, गौस बैक व्यापम शिक्षक और मोहन साहू को शामिल किया गया है.
खुश हुए ग्रामीण
इसके साथ ही कलेक्टर दीपक सोनी, पुलिस अधिक्षक राजेश कुकरेजा, वन मंडल अधिकारी जेआर भगत ने ओड़गी के सितालेखनी और लछमन पाव का संयुक्त रूप से भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया. साथ ही संबंधित दल को मार्गो का चिन्हांकन कर सौंदर्यीकरण सहित जगह को पर्यटन के रूप में विकसित करने की बात कही है. इन स्थलों में सुविधाओं को विकसित करने के साथ ही कार्य योजना अनुसार प्रस्ताव बनाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं. मरहट्टा के ग्रामीणों ने यह जानकारी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने मंत्री प्रेमसाय सिंह और कलेक्टर दीपक सोनी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रसन्नता जाहिर की है.
इन स्थलों का होगा चिन्हांकन
इस महत्वाकांक्षी परियोजना में जिले के ओड़गी, भैयाथान व प्रतापपुर, सूरजपुर, रामानुजनगर विकासखंड क्षेत्र शामल है. शोधकर्ताओं के मुताबिक भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास में इन क्षेत्रों से होकर गुजरे थे. उसी लोक आस्थाओं पर आधारित स्थलों का चिन्हांकन कर पूरे राज्य सहित सूरजपुर जिले को भी राम वन गमन पथ मार्ग को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे यहां की जनता की प्राचीन लोक मान्यताओं पर आधारित समग्र विकास का कार्य किया जाएगा.
जिले में भगवान राम के वन मार्गों की कई मान्यताएं हैं, जिसके अध्ययन के बाद इन स्थलों का समुचित विकास कलेक्टर के सफल मार्गदर्शन में किया जाएगा. कोरिया जिले से सूरजपुर पहुंच मार्ग रसौकी से रकसगण्डा, सीतालेखनी, बांक, कुदरगढ़, जोगीमारा, डुगडुगी पखना, सारासोर, मरहट्टा, बिल द्वार गुफा सहित विश्वा ऋषि आश्रम से रामेश्वरनगर स्थान जो प्राचीन जन मान्यता है, उन्ही स्थानों को चिन्हांकित कर विकसित किया जाएगा. मुख्य स्थानों के साथ-साथ शोधकर्ताओं द्वारा समय-समय पर पढ़े गए शोध पत्र, समाचार पत्र के आधार पर पूर्णतः लोक मान्यताओं को आधार मानकर कार्य किया जाएगा.