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Lamgaon Hanuman Temple लमगांव के बजरंगबली की महिमा, यहां अपने आप बढ़ रहा मूर्ति का आकार !

सरगुजा के लुंड्रा विकासखंड के लमगांव में एक अद्भुत संयोग वाला हनुमान मंदिर है. इसे लोग चमत्कार मानते हैं. नेशनल हाईवे पर बसे लमगांव में एक बजरंगबली का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर को लेकर अद्भुत मान्यताएं हैं. लोग बताते हैं की यहां स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा अपने आप बढ़ती जा रही है. इस अद्भुत चमत्कार के चर्चे भी अब दूर दूर तक पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि लोग लमगांव के हनुमान जी के दर्शन को यहां पहुंचते हैं.Tuesday pooja

Hanuman Temple in chhattisgarh
सरगुजा में हनुमान मंदिर
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Published : Mar 7, 2023, 7:02 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा में हनुमान मंदिर

सरगुजा: मंदिर के पुजारी रमाकांत तिवारी बताते हैं "पहले जो यहां मुख्य पुजारी थे उन्होंने ही इस मंदिर की स्थापना की थी. करीब 1 फिट से छोटी बजरंगबली की प्रतिमा यहां 80 वर्ष पहले एक पेड़ के नीचे दिखी थी और तभी से बजरंगबली का पूजन पेड़ के नीचे किया जाने लगा. धीरे धीरे लोगों ने यहां भव्य मंदिर बनवा दिया. पेड़ सूख गया लेकिन बजरंगबली आज भी उसी स्थान पर विराजमान हैं और बजरंगबली की अद्भुत महिमा तब लोगों को अचरज में डाल देती है जब उन्हें यह पता चलता है की 1 फिट से भी छोटी मूर्ति इतने वर्षों में बढ़कर साढ़े तीन फीट से भी अधिक ऊंची हो चुकी है. मतलब बजरंगबली की मूर्ति की लंबाई बढ़ रही है. "

एक वर्ष के अंदर लोगों की मन्नत हो जाती है पूरी: पुजारी रमाकांत कहते हैं "मंगलवार और शनिवार को यहां भीड़ होती है. मंगलवार को इनकी पूजा विशेष फल देती है. भक्त यहां आते हैं कोई मीठा चढ़ाता है. कोई नारियल, कोई सिंदूर तो कोई तेल चढ़ाता है. भगवान को सच्चे मन से बस याद किया जाए तो वो मनोकामना पूर्ण करते हैं. हम लोगों ने देखा है लोग यहां आते हैं मन्नत मांगते हैं और पूरी होने के बाद फिर यहां आते हैं प्रसाद चढ़ाते हैं. ज्यादातर देखा गया है कि एक साल के अंदर ही लोगों की मानता पूरी होती है. यहां पिछले 20 वर्षों से 24 घंटे रामचरित मानस का पाठ चलता रहता है और अखंड ज्योत भी 20 वर्ष से जल रही है. "

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मूर्ति का बढ़ना चमत्कार या साइंस: पत्थर की मूर्ति का साइज बढ़ने पर साइंस के अपने दावे हो सकते हैं. लेकिन सनातन धर्म को मनाने वाले लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं समझते हैं कलयुग में भगवान के होने का प्रमाण इसे माना जाता है. दूर दूर से भक्त बजरंगबली के दर्शन को यहां आते हैं.अगर आप भी लमगांव के बजरंगबली के दर्शन करना चाहते हैं तो रायगढ़ अम्बिकापुर मार्ग पर अम्बिकापुर से 17 किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे पर ही मंदिर का पहला द्वार आपको दिख जाएगा. इस द्वार से आगे बढ़ने पर लगभग 2 किलोमीटर अंदर जाने के बाद आप हनुमान मंदिर पहुंच सकते हैं.

सरगुजा में हनुमान मंदिर

सरगुजा: मंदिर के पुजारी रमाकांत तिवारी बताते हैं "पहले जो यहां मुख्य पुजारी थे उन्होंने ही इस मंदिर की स्थापना की थी. करीब 1 फिट से छोटी बजरंगबली की प्रतिमा यहां 80 वर्ष पहले एक पेड़ के नीचे दिखी थी और तभी से बजरंगबली का पूजन पेड़ के नीचे किया जाने लगा. धीरे धीरे लोगों ने यहां भव्य मंदिर बनवा दिया. पेड़ सूख गया लेकिन बजरंगबली आज भी उसी स्थान पर विराजमान हैं और बजरंगबली की अद्भुत महिमा तब लोगों को अचरज में डाल देती है जब उन्हें यह पता चलता है की 1 फिट से भी छोटी मूर्ति इतने वर्षों में बढ़कर साढ़े तीन फीट से भी अधिक ऊंची हो चुकी है. मतलब बजरंगबली की मूर्ति की लंबाई बढ़ रही है. "

एक वर्ष के अंदर लोगों की मन्नत हो जाती है पूरी: पुजारी रमाकांत कहते हैं "मंगलवार और शनिवार को यहां भीड़ होती है. मंगलवार को इनकी पूजा विशेष फल देती है. भक्त यहां आते हैं कोई मीठा चढ़ाता है. कोई नारियल, कोई सिंदूर तो कोई तेल चढ़ाता है. भगवान को सच्चे मन से बस याद किया जाए तो वो मनोकामना पूर्ण करते हैं. हम लोगों ने देखा है लोग यहां आते हैं मन्नत मांगते हैं और पूरी होने के बाद फिर यहां आते हैं प्रसाद चढ़ाते हैं. ज्यादातर देखा गया है कि एक साल के अंदर ही लोगों की मानता पूरी होती है. यहां पिछले 20 वर्षों से 24 घंटे रामचरित मानस का पाठ चलता रहता है और अखंड ज्योत भी 20 वर्ष से जल रही है. "

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मूर्ति का बढ़ना चमत्कार या साइंस: पत्थर की मूर्ति का साइज बढ़ने पर साइंस के अपने दावे हो सकते हैं. लेकिन सनातन धर्म को मनाने वाले लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं समझते हैं कलयुग में भगवान के होने का प्रमाण इसे माना जाता है. दूर दूर से भक्त बजरंगबली के दर्शन को यहां आते हैं.अगर आप भी लमगांव के बजरंगबली के दर्शन करना चाहते हैं तो रायगढ़ अम्बिकापुर मार्ग पर अम्बिकापुर से 17 किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे पर ही मंदिर का पहला द्वार आपको दिख जाएगा. इस द्वार से आगे बढ़ने पर लगभग 2 किलोमीटर अंदर जाने के बाद आप हनुमान मंदिर पहुंच सकते हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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