अंबिकापुर: सरगुजा जिले में कई ऐसे इलाके हैं, जो विकास की राह देख रहे हैं. वर्षों बीत जाने के बाद भी विकास की गाड़ी इन इलाकों में नहीं पहुंची. हम बात कर रहे हैं लखनपुर ब्लॉक के डांड़केसरा ग्राम पंचायत की. यहां के ग्रामीण सड़क के अभाव में संघर्ष का सफर तय करने को मजबूर हैं. ये सफर महज 6 किलोमीटर की है, लेकिन ग्रामीणों को ब्लॉक मुख्यालय तक पहुंचने के लिए 100 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
SPECIAL: जान की परवाह किए बिना नक्सलियों की मांद में घुसकर बना रहे उम्मीदों की सड़क
मैनपाट के तराई क्षेत्र में बसा डांड़केसरा ग्राम पंचायत आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. ब्लॉक मुख्यालय लखनपुर से ग्राम पंचायत की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है. बावजूद इसके मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली 6 किलोमीटर की सड़क का निर्माण आज तक नहीं हो सका है. ग्रामीणों को मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते 6 किलोमीटर का मुश्किल सफर तय करना पड़ता है.
SPECIAL: पैदल यात्रियों के लिए मुसीबत बनी सड़क
बारिश के मौसम में बढ़ जाती है मुसीबत
ग्रामीणों का कहना है खराब रास्ते से बाइक और ट्रैक्टर के अलावा दूसरी वाहनों का बहुत कम आना जाना रहता है. ग्रामीणों ने कहा बारिश के मौसम में मुसीबत और भी बढ़ जाती है. पक्की सड़कें नहीं होने की वजह से बारिश में ब्लॉक मुख्यालय से लोगों का संपर्क टूट जाता है. ग्रामीणों को जनपद कार्यालय लखनपुर तक पहुंचने के लिए 100 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
6 किलोमीटर की सड़क बनी मुसीबत
ग्रामीणों की समस्या यहीं खत्म नही होती. गांव में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है. ग्रामीणों को इलाज के लिए मैनपाट जाना पड़ता है. मरीजों को इलाज के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. बारिश के मौसम में गर्भवती महिलाओं के लिए 6 किलोमीटर की सड़क मुसीबत बन जाती है. ग्रामीण सड़क के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं. बावजूद इसके उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी हासिल नहीं मिला.
मुश्किल भरे रास्तों का सफर
मैनपाट के डांड़केसरा ग्राम पंचायत के लोगों की परेशानी मंत्री महोदय भी नहीं सुन रहे हैं. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि जल्द गांव में सड़क निर्माण कराया जाएगा. बारिश के पहले ग्रामीणों की समस्या दूर हो जाएगी. अब देखने वाली बात है कि मंत्री अमरजीत भगत के आश्वासन के बाद ग्रामीणों की समस्या का निराकरण होता है या नहीं या फिर ग्रामीणों को मुश्किल रास्तों का सफर ही करना पड़ेगा.