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सरगुजा: सस्ते दाम और आसानी से मिलेगा 'कालीमासी', पशुपालन विभाग कर रहा फार्मिंग

सकालो गांव के शासकीय फार्म में कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू की गई है.

कड़कनाथ की फार्मिंग
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Published : May 8, 2019, 9:45 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ पशुपालन विभाग ने मुर्गे की दुर्लभ प्रजाति कड़कनाथ के संवर्धन के क्षेत्र में प्रयास शुरू कर दिया है. सकालो गांव के शासकीय फार्म में कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू की गई है. पशु चिकित्सक नंदलाल यादव इस फार्म की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. अब जल्द ही यहां के खुले बाजार में कड़कनाथ उपभोक्ताओं के लिए सस्ते दाम में उपलब्ध होगा.

कड़कनाथ की फार्मिंग

कड़कनाथ असल में मुर्गे की एक जंगली प्रजाति है, जो घने जंगल वाले इलाके में ही पाई जाती है, लेकिन बीते कुछ दशकों से कड़कनाथ विलुप्त होने के कगार पर है. जिसके कारण इसका बाजार मूल्य भी लगातार बढ़ते जा रहा है. फिलहाल एक हजार रुपये प्रतिकिलो में भी यह मुर्गा बमुश्किल मिल पाता है, लेकिन इस प्रयासों के बाद सरगुजा में इसकी उपलब्धता 5 सौ रुपये प्रति किलो के दर पर हो सकती है.

कड़कनाथ की खासियत
कड़कनाथ मुर्गे के पैर, पंजे, नाखून, चोंच यहां तक की मांस और खून भी काले रंग का होता है. इसमें समान्य सफेद मुर्गे की अपेक्षा आयरन और प्रोटिन की मात्रा अधिक और फैट की मात्रा कम होती है. फैट भी ऐसा होता है जिससे कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ाता है. इन गुणों की वजह से कड़कनाथ डायबिटीज और हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद होता है. पूरी तरह से काला होने की वजह से आदिवासी क्षेत्र में लोग इसे कालीमासी भी कहते हैं.

पशु चिकित्सक डॉ नन्दलाल यादव इसे पशुपालन विभाग का अच्छा प्रयास मानते हैं. वे कहते हैं कि इसके जरिए सरगुजा जिले में कड़कनाथ की दुर्लभता समाप्त होगी. साथ ही लोगों को कम दामों में कड़कनाथ मिल सकेगा.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ पशुपालन विभाग ने मुर्गे की दुर्लभ प्रजाति कड़कनाथ के संवर्धन के क्षेत्र में प्रयास शुरू कर दिया है. सकालो गांव के शासकीय फार्म में कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू की गई है. पशु चिकित्सक नंदलाल यादव इस फार्म की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. अब जल्द ही यहां के खुले बाजार में कड़कनाथ उपभोक्ताओं के लिए सस्ते दाम में उपलब्ध होगा.

कड़कनाथ की फार्मिंग

कड़कनाथ असल में मुर्गे की एक जंगली प्रजाति है, जो घने जंगल वाले इलाके में ही पाई जाती है, लेकिन बीते कुछ दशकों से कड़कनाथ विलुप्त होने के कगार पर है. जिसके कारण इसका बाजार मूल्य भी लगातार बढ़ते जा रहा है. फिलहाल एक हजार रुपये प्रतिकिलो में भी यह मुर्गा बमुश्किल मिल पाता है, लेकिन इस प्रयासों के बाद सरगुजा में इसकी उपलब्धता 5 सौ रुपये प्रति किलो के दर पर हो सकती है.

कड़कनाथ की खासियत
कड़कनाथ मुर्गे के पैर, पंजे, नाखून, चोंच यहां तक की मांस और खून भी काले रंग का होता है. इसमें समान्य सफेद मुर्गे की अपेक्षा आयरन और प्रोटिन की मात्रा अधिक और फैट की मात्रा कम होती है. फैट भी ऐसा होता है जिससे कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ाता है. इन गुणों की वजह से कड़कनाथ डायबिटीज और हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद होता है. पूरी तरह से काला होने की वजह से आदिवासी क्षेत्र में लोग इसे कालीमासी भी कहते हैं.

पशु चिकित्सक डॉ नन्दलाल यादव इसे पशुपालन विभाग का अच्छा प्रयास मानते हैं. वे कहते हैं कि इसके जरिए सरगुजा जिले में कड़कनाथ की दुर्लभता समाप्त होगी. साथ ही लोगों को कम दामों में कड़कनाथ मिल सकेगा.

Intro:सरगुजा : पशुपालन विभाग ने मुर्गे की दुर्लभ प्रजाति कड़कनाथ के संवर्धन के क्षेत्र में प्रयास शुरू किया है। सकालो गांव स्थित शासकीय फार्म में कड़कनाथ की फार्मिंग शुरू की गई है। पशु चिकित्सक नंदलाल यादव इस फार्म की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। और बहोत जल्द खुले बाजार में कड़कनाथ वाजिब मूल्य पर उपलब्ध होगा।

क्या है कड़कनाथ की खासियत

दरअसल कड़कनाथ मुर्गे की एक जंगली प्रजाति है, जो प्रायः घनघोर जंगल वाले क्षेत्रों में ही पाई जाती है, लेकिन पिछले कुछ दशक से कड़कनाथ दुर्लभ हो चुके थे, और इसका बाजार मूल्य भी आसमान छू रहा था, एक हजार रुपये प्रतिकिलो तक यह मुर्गा बमुश्किल लोगो को मिलता था, लेकिन सरगुजा में इसके उपलब्धता 5 सौ रुपये किलो के दर पर हो सकेगी, कड़कनाथ मुर्गे के पांच, पंजे, नाखून, चोंच यहां तक की मांस औऱ खून भी काला होता है, इसमे आयरन की मात्रा अधिक होती है फैट ऐसा होता है, आपका केलोस्ट्रोल नही बढ़ाता, औऱ इसी वजह से यह मुर्गा डायबिटीज और हृदय रोगियों के लिए लाभकारी होता है। पूरी तरह से काला होने की वजह से आदिवासी क्षेत्र में लोग उसे कालीमासी भी कहते हैं।





Body:पशुपालन विभाग की अच्छी पहल

बहरहाल पशुपालन विभाग ने सरगुजा में इसकी फार्मिंग शुरू कर के एक अच्छा प्रयास किया है, इससे कड़कनाथ की दुर्लभता समाप्त होगी, औऱ उपलब्धता होने पर कम दाम में लोगो को कड़कनाथ का स्वाद मिलेगा।


ओपनिंग पीटीसी

बाइट01_डॉ नंदलाल यादव (पशु चिकित्सक)

क्लोजिंग पीटीसी_देश दीपक गुप्ता सरगुजा



Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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