अंबिकापुर: आज अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस है. इस मौके पर ETV भारत कुछ ऐसे नर्सों से आपको मिलवाने जा रहा है, जो दूरस्थ और अंदरूनी आदिवासी क्षेत्रों में अपनी सेवा दे रहे हैं. . ये वो नर्स हैं, जो विषम परिस्थितियों में भी अपने दायित्वों को निभाती रही. चाहे कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर डयूटी करना हो या फिर सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराना, सबमें इन नर्सों ने बेहतर परिणाम दिये. अस्पताल का रखरखाव और मरीजों से बेहतर व्यवहार के लिए इन्हें नंबर दिया गया. राज्य सरकार और केंद्र सरकार की टीमों ने राज्य में आयोजित कायाकल्प पुरस्कार समारोह में इन नर्सों को सम्मानित भी किया है.
ईमानदारी और जिम्मेदारी से करें काम: सीतापुर में पदस्थ नर्स सुषमा कुजूर बताती है कि उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी निभाई. बीते दिनों अस्पताल का असेसमेंट, जिला राज्य व केंद्र की तरफ से किया गया. टीम ने काफी सराहा और अच्छे अंक दिए. नर्स डे पर सुषमा कहना चाहती हूं कि सभी नर्स अपना काम पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ करे.
हर वक्त सेवा में रहती हैं तत्पर: बलरामपुर जिले की नर्स रागिनी विश्वकर्मा ने बताया कि कालाकल्प प्रतियोगिता में उनके अस्पताल को पहला स्थान मिला है. उनका अस्पताल 24x7 सेवा देता है. अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ साथ स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान रखा जाता है.
सुरक्षित प्रसव कराने में मिली ख्याति: अंबिकापुर के परसोढ़ी में अपनी सेवा दे रही नर्स रजनी कुशवाहा को संस्थागत सुरक्षित प्रसव कराने में ख्याति पहले भी मिल चुकी है. इनके पैर कोरोना काल में भी नहीं रुके. उस दौरान भी ये प्रसव कराती रहीं. रजनी का कहना है कि सब हेल्थ सेंटर में साल में 60 से 70 प्रसव होते हैं. सभी की नॉर्मल प्रसव होती है. इस वर्ष भी कायाकल्प सम्मान के लिये चयन हुआ और सम्मानित होकर काफी अच्छा लगा.
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मरीज का हर काम नर्स के भरोसे : कोरोना काल में नर्सों की भूमिका और उनकी ड्यूटी को भूला नहीं जा सकता. साल 2022 में बड़ी संख्या में नर्सों की भर्ती की मांग उठी थी लेकिन जितनी डिमांड थी उतनी हुई नहीं. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव बताते हैं कि "प्रदेश में नर्सेस और नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त संख्या बढ़ी है. आरक्षण के कारण कुछ भर्तियां लटकी हैं, जल्द इस काम का निपटान होगा."
सिंहदेव ने बताया कि अलग अलग विभाग में नर्सों की भर्तियां होती रहती हैं. इनके पद नाम भी कई तरह के होते हैं. लेकिन काम सिर्फ सेवा ही है. संचनालय स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत प्रदेश में 10273 नर्सिंग स्टाफ हैं. इसके अतिरिक्त एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के तहत 2641 आरएचओ, 1995 स्टाफ नर्स, 2463 एएनएम, 311 लैब टेक्नीशियन, 355 फार्मासिस्ट व 5799 अन्य स्टाफ हैं. इस प्रकार एनएचएम के जरिये 13564 नर्सिंग स्टाफ प्रदेश में काम कर रहे हैं. प्रदेश के मेडिकल कालेज अस्पतालों में भी नर्सिंग स्टाफ की तैनाती होती है, जिसकी गिनती इसमें शामिल नहीं है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रावधानों के तहत स्वास्थ्य विभाग से पृथक उनके स्टाफ होते है. सिर्फ मेडिकल कॉलेज या उससे सम्बद्ध अस्पताल में ही ये सेवा देते हैं.
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर नर्सों की भूमिका के बारे में बताते हुए सिंहदेव कहते हैं कि " नर्सों की सेवा अंधेरे में दीपक की रोशनी जैसा है. ये एक ऐसी सेवा है, जिसके मूल्य बड़े हैं. स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सेस बड़ी भूमिका निभाती हैं. डॉक्टर अपना काम करते हैं. टेक्नीशियन अपना काम करते हैं, लेकिन मरीज का हर काम नर्सेस करती हैं. दूरस्थ क्षेत्रों में भी सेवा दे रही हैं.