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गोबर गैस संयंत्र ने कर दी जिंदगी आसान, एक साथ कई समस्याओं का हुआ समाधान

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Published : Nov 22, 2019, 7:59 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रशासन की ओर से किए गए प्रयासों ने 25 किसान परिवारों की जिंदगी बदल कर रख दी.

गोबर गैस संयंत्र

सरगुजा: स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरगुजा की पुरकेला ग्राम पंचायत में 10 लाख 50 हजार रुपये की लागत से गोबर गैस संयत्र लगाया गया है. गोबर से मीथेन गैस निकलने के बाद जो भी अवशेष बचता है. उसे खाद के तौर पर खेतों में उपयोग किया जाता है.

गोबर गैस संयंत्र ने बदली जिंदगी

घर से गोबर इकट्ठा करने से लेकर उसे प्लांट में प्रोसेस करने तक का काम गांव की महिलाओं की ओर से बनाए गए एक स्वसहायता समूह को दिया गया है. प्रोसेस के दौरान संयंत्र में जौ गैस बनती है उसे गांव में मौजूद 25 किसानों को सप्लाई किया जाएगा जो भी खाद बचेगी उसे गांव के किसानों को बेचा जाएगा, जिससे समूह की महिलाओं को आमदनी होगी.

स्वच्छता दुकान से हो रहा फायदा
गोबर गैस संयंत्र के पास ही स्वच्छता दुकान का निर्माण कराया गया है, इस दुकान में स्वच्छता से जुड़े कई सामान मौजूद रहेंगे. इन दुकान में महिलाओं के लिए खास तरह के सेनेटरी नैपकिन भी मौजूद रहेंगे, ये नैपकिन पूरी तरह इको फ्रेंडली है जो इस्तेमाल के बाद मिट्टी में मिल कर खुद ब खुद नष्ट हो जाता है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत गोवर्धन योजना को जिले में पहली बार इस रूप में शुरू किया जा रहा है यह बायोगैस संयंत्र मॉडल प्रोजेक्ट के तौर पर बनाया गया है.

आठ और संयत्र लगाने की है योजना
इसके साथ ही जिले में 8 अन्य गोबर गैस संयंत्रों की स्वीकृति भी जिला पंचायत में दे दी है और धीरे-धीरे पूरे जिले में ऐसे संयत्र स्थापित करने की योजना जिला पंचायत की ओर बनाई जा रही है प्रशासन की इस कोशिश की जितनी तारीफ की जाए वो कम है. इस प्रयास से जहां ग्रामीणों को महंगी गैस की मार से बचाने के लिए यह एक सफल प्रयास साबित होगा.

सरगुजा: स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरगुजा की पुरकेला ग्राम पंचायत में 10 लाख 50 हजार रुपये की लागत से गोबर गैस संयत्र लगाया गया है. गोबर से मीथेन गैस निकलने के बाद जो भी अवशेष बचता है. उसे खाद के तौर पर खेतों में उपयोग किया जाता है.

गोबर गैस संयंत्र ने बदली जिंदगी

घर से गोबर इकट्ठा करने से लेकर उसे प्लांट में प्रोसेस करने तक का काम गांव की महिलाओं की ओर से बनाए गए एक स्वसहायता समूह को दिया गया है. प्रोसेस के दौरान संयंत्र में जौ गैस बनती है उसे गांव में मौजूद 25 किसानों को सप्लाई किया जाएगा जो भी खाद बचेगी उसे गांव के किसानों को बेचा जाएगा, जिससे समूह की महिलाओं को आमदनी होगी.

स्वच्छता दुकान से हो रहा फायदा
गोबर गैस संयंत्र के पास ही स्वच्छता दुकान का निर्माण कराया गया है, इस दुकान में स्वच्छता से जुड़े कई सामान मौजूद रहेंगे. इन दुकान में महिलाओं के लिए खास तरह के सेनेटरी नैपकिन भी मौजूद रहेंगे, ये नैपकिन पूरी तरह इको फ्रेंडली है जो इस्तेमाल के बाद मिट्टी में मिल कर खुद ब खुद नष्ट हो जाता है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत गोवर्धन योजना को जिले में पहली बार इस रूप में शुरू किया जा रहा है यह बायोगैस संयंत्र मॉडल प्रोजेक्ट के तौर पर बनाया गया है.

आठ और संयत्र लगाने की है योजना
इसके साथ ही जिले में 8 अन्य गोबर गैस संयंत्रों की स्वीकृति भी जिला पंचायत में दे दी है और धीरे-धीरे पूरे जिले में ऐसे संयत्र स्थापित करने की योजना जिला पंचायत की ओर बनाई जा रही है प्रशासन की इस कोशिश की जितनी तारीफ की जाए वो कम है. इस प्रयास से जहां ग्रामीणों को महंगी गैस की मार से बचाने के लिए यह एक सफल प्रयास साबित होगा.

Intro:सरगुजा : तेजी से बढ़ती तकनीकी वाले देश में सरगुजा जिले में एक ऐसा गांव है जहां अब घरों में गोबर गैस से खाना बनेगा स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना के तहत गांव की महिलाएं स्व सहायता समूह के माध्यम से खुद ही गोबर गैस बनाएंगे और इसका उपयोग घरों में खाना पकाने के लिए किया जाएगा इतना ही नहीं बायो गैस बनने के बाद बचे हुए गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में किया जा सकेगा.

दरअसल गोबर से मीथेन गैस निकल जाने के बाद गोबर शुद्ध खाद का रूप ले लेता है जो खेतों के लिए काफी लाभदायक है प्रशासन के इस प्रयास से ग्राम पुरकेला के 25 घरों में अब गैस का खर्चा नहीं होगा और ना ही ईंधन के लिए इन्हें जंगल से लकड़ियां लानी पड़ेगी इस योजना के तहत 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम बायो गैस सप्लाई की जाएगी जिला प्रशासन ने 1050000 की लागत से यहां गोबर गैस संयत्र स्थापित करा दिया है और इसकी देखरेख का जिम्मा गांव की ही महिला समूह को दे दिया गया है.

अब महिलाएं गांव के हर घर से रिक्शे में गोबर लेकर आती हैं और इस गोबर को गोबर गैस प्लांट के टैंक में डाल दिया जाता है इसके बाद बायो गैस बनने की प्रक्रिया शुरू होती है यह गोबर टैंक में पानी से मिलने के बाद डाइजेस्टर में जाता है डाइजेस्टर वही यूनिट है जहां पर गोबर से गैस बनने की प्रक्रिया होती है इसके बाद यह गैस बैलून चेंबर में जाती है और बैलून चेंबर में गैस एकत्र होने के बाद प्रेशर से पाइप लाइन के जरिए लोगों के घरों तक पहुंचती है गैस की सप्लाई के लिए अंडरग्राउंड पाइप लाइन का विस्तार भी कर लिया गया है और लोगों के घरों में इसके कनेक्शन के साथ चूल्हे भी फिट कर दिए गए हैं बता और प्रयोग गांव के लोग अभी इस गैस का उपयोग कर रहे हैं और भोजन पका रहे हैं लेकिन योजना की विधिवत शुरुआत अभी नहीं की गई है जल्द ही प्रशासन के द्वारा आधिकारिक तौर पर गोबर गैस संयंत्र की शुरुआत कर दी जाएगी.

जिसके बाद प्रतिदिन सुबह और शाम गांव के 25 घरों को गैस मिल सकेगी समूह की महिलाएं प्रति घर से ₹200 प्रति माह यूजर चार्ज लेंगी और इससे वह रोजगार से भी जुड़ सकेंगे इतना ही नहीं गैस बनाने के बाद बचे हुए गोबर को किसानों को बेचा जाएगा जिससे महिलाओं की आमदनी होगी इसके साथ ही गोबर गैस संयंत्र में स्वच्छता दुकान का निर्माण कराया गया है इस दुकान में स्वच्छता से जुड़े कई सामान मौजूद रहेंगे स्वच्छता की दुकान में जो सबसे अहम चीज है वह यह है कि यहां महिलाओं के उपयोग में आने वाला सेनेटरी नैपकिन रखा गया है यह सेनेटरी नैपकिन पूरी तरह इको फ्रेंडली है इसे नष्ट करने के लिए किसी डाइजेस्टर की जरूरत नहीं है या मिट्टी में मिल कर खुद ब खुद नष्ट हो जाता है.


Body:स्वच्छ भारत मिशन के तहत गोवर्धन योजना को जिले में पहली बार इस स्वरूप में शुरू किया जा रहा है यह बायोगैस संयंत्र मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में बनाया गया है इसके साथ ही जिले में 8 अन्य गोबर गैस संयंत्रों की स्वीकृति भी जिला पंचायत में दे दी है और धीरे-धीरे पूरे जिले में ऐसे संयत्र स्थापित करने की योजना जिला पंचायत के द्वारा बनाई जा रही है।

बहरहाल महंगी गैस की मार से ग्रामीणों को बचाने के लिए यह एक सफल प्रयास साबित होगा वह समूह बनाकर किए जा रहे कार्य की वजह से महिलाओं को गांव में ही रोजगार मिल सकेगा इसके साथ ही गांव में ही किसानों को गोबर खाद की उपलब्धता भी हो सकेगी लिहाजा एक संयंत्र से कई लोगों का जीवन सुधारने का काम किया जा रहा है।

बाईट01_भानमती नागेश (ग्रामीण समूह की महिला)

बाईट02_अविनाश राज सिन्हा (उप अभियंता)

बाईट03_कुलदीप शर्मा (सीईओ जिलापंचायत सरगुज़ा)

देश दीपक सरगुज़ा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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