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कचरा फेंकने वालों पर तीसरी आंख रखेगी नजर, GPS के जरिए सफाईकर्मियों की होगी मॉनिटरिंग - Garbage throwing system

अम्बिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) एक और नया प्रयोग करने जा रही है. अब नगर निगम स्वच्छता मॉडल और सफाई व्यवस्था दोनों की रोबोटिक तरीके से मॉनिटरिंग करेगा. तमाम व्यवस्थाओं को अब एक एप्लिकेशन में सेंट्रलाइज कर दिया जायेगा. इसके अलावा कचरा फेंकने वालों पर तीसरी आंख यानि की कैमरा नजर रखेगा.

Ambikapur Municipal Corporation
अम्बिकापुर नगर निगम
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Published : Dec 18, 2021, 11:33 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: 2022 में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए अम्बिकापुर नगर निगम अभी से जुट गया है. अम्बिकापुर नगर निगम WASTE सिस्टम पर काम रहा है. कचरा कलेक्शन के लिए अम्बिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) एक और नया प्रयोग करने जा रहा है. शहर में स्वच्छता मॉडल और सफाई व्यवस्था दोनों की पूरी मॉनिटरिंग रोबोटिक (Monitoring Robotics) तरीके से होगी. तमाम व्यवस्थाओं को अब एक एप्लिकेशन में सेंट्रलाइज कर दिया जायेगा. इसकी कवायद तेज कर दी गई है. एप्लिकेशन का निर्माण हो चुका है और बाकी की प्रक्रिया भी जल्द पूर्ण हो जाएगी. जिसके बाद स्वच्छता के क्षेत्र में किये जा रहे कार्य की मॉनिटरिंग बेहद सख्त होने वाली है.

कचरा फेंकने वालों पर तीसरी आंख की नजर

स्वच्छता दीदियों को मिलेगा स्मार्ट फोन

शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन (Door to Door Garbage Collection) करने वाली स्वच्छता दीदीयों को नगर निगम स्मार्ट फोन या टैबलेट उपलब्ध कराएगा. जिसमें जीपीएस के माध्यम से रूट और कलेक्शन की संख्या क्यू आर कोड के माध्यम से दर्ज होगी. इसके लिए शहर के प्रत्येक यूजर के घर या प्रतिष्ठानों में क्यू आर कोड लगाया जायेगा. स्वच्छता दीदी कचरा कलेक्शन के साथ ही अपने स्मार्ट फोन से क्यू आर कोड स्कैन करेंगी. स्कैन करते ही एप्लिकेशन ऑप्शन पूछेगा. जिसमे यह भी दर्ज होगा कि यूजर ने सूखा और गीला कचरा अलग-अलग किया है या फिर एक साथ मिला दिया है. या कचरा ही नहीं दिया है. ये जानकारी सीधे नगर निगम के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को मिलेगी. जिससे नगर निगम के हर अधिकारी को यह पता चल सकेगा कि लोग सेग्रीगेशन का पालन कर रहे हैं या नही. सारा कचरा मिलाकर रखने वाले लोगों को नगर निगम समझाइस देगी. नहीं मानने पर चालानी कार्रवाई कर सकेगी. वहीं लोग भी इस एप्लिकेशन को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर अपना फीडबैक दे सकेंगे.

स्टॉफ की कमी से जूझ रहा अंबिकापुर नगर निगम, प्रस्ताव के बाद भी नहीं हो रही भर्ती

कचरा को इक्टठा करने में मिलेगी मदद

इस नए प्रयोग से उन लोगों को सहूलियत होगी जो स्वच्छता दीदियों के आने के समय पर सोकर नहीं उठ पाते थे. किसी अन्य वजह से अपना कचरा नहीं दे पाते हैं. ऐसे लोग इस एप्लिकेशन को ओपन कर उसमें नियरेस्ट कचरा गाड़ी सर्च कर पायेंगे और उसे सेलेक्ट करते ही उस कचरा गाड़ी की स्वच्छता दीदी से फोन पर सम्पर्क कर सकेंगे. जिसके बाद अपना कचरा दीदी को दे सकेंगे. इस एप्लिकेशन में हर स्वच्छता दीदी अपने द्वारा कलेक्ट की गई संख्या को दर्ज करेगी. जिससे नगर निगम के पास कचरा कलेक्शन की सही और शत प्रतिशत जानकारी रहेगी.

सफाई कर्मियों पर नकेल

इस मॉडल को नगर निगम ने 4 भागों में बांटा है. पहला स्वच्छता दीदियों के माध्यम से कचरा कलेक्शन, दूसरा रोड स्वीपिंग यूनिट, तीसरा नाली साफ करने वाली टीम और मेडिकल वेस्ट कलेक्शन टीम चारो पर अलग-अलग तरीके से नजर रखा जा सकेगा. सफाई कर्मी एक स्मार्ट वॉच पहनेंगे जो जीपीएस युक्त होगी शहर की सभी सड़कों और नालियों का जीपीएस मैप किया जा रहा है. हर सफाई कर्मी का दिन और सफाई का दायरा निर्धारित होगा. स्मार्ट वॉच में निर्धारित स्थान पर लॉगिन करने और निर्धारित स्थान तक सफाई करने के बाद लॉगआउट करने के बाद ही उक्त काम पूरा माना जायेगा. वरना कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में रेड लाइट अलर्ट करेगी. जिससे उस सफाई कर्मी पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी.

अब हाजिरी लगाकर घर में सोने वाले सफाई कर्मियों के बुरे दिन आने वाले हैं. इस पैटर्न में डयूटी सख्त होगी. इतना ही नहीं सफाई कर्मियों के सुपरवाइजर भी स्मार्ट वॉच पहनेंगे और वो भी अपने क्षेत्र के कार्य की रिपोर्टिंग इसी माध्यम से करेंगे.

तीसरी आंख की नजर में कचरा फेंकने वाले

शहर वासियों के सहयोग से ही अम्बिकापुर स्वच्छता के क्षेत्र में मॉडल बन सका है. लेकिन अब भी कुछ ऐसे लोग हैं. जो खुले में कचरा फेंक देते हैं और शहर की पहचान और अनुशासन पर सवाल खड़े कर देते हैं. अब ऐसे लोगों की खैर नहीं हैं. छिपे हुये कैमरों से अब नगर निगम इनको पकड़ सकेगा. ये ऐसे कैमरे होंगे जिन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इसका स्टॉलेशन भी नगर निगम गुप्त तरीके से करेगा और कैमरे में कैद कचरा फेंकते व्यक्ति पर बड़े जुर्माने की कार्रवाई की जायेगी. लगातार जुर्माना लगने पर भी नहीं मानने वाले व्यक्तियों की पहचान भी नगर निगम सार्वजनिक करेगा.

अम्बिकापुर में देश का पहला गार्बेज कैफे

2015 से सॉलिड लिक्विड एंड वेस्ट मैनेजमेंट (Solid Liquid and Waste Management) में बेहतर काम करने वाला अम्बिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) लगातार नए प्रयोग करता रहता है. इसी कड़ी में यहां शहर को गार्बेज फ्री बनाने के उद्देश्य से देश का पहला गार्बेज कैफे खोला गया, जिसकी चर्चा विश्व स्तर तक रही है, वहीं अब अम्बिकापुर नगर निगम टेक्नोलॉजी के उपयोग से एक बड़ी कसावट करने जा रहा है.

सरगुजा: 2022 में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए अम्बिकापुर नगर निगम अभी से जुट गया है. अम्बिकापुर नगर निगम WASTE सिस्टम पर काम रहा है. कचरा कलेक्शन के लिए अम्बिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) एक और नया प्रयोग करने जा रहा है. शहर में स्वच्छता मॉडल और सफाई व्यवस्था दोनों की पूरी मॉनिटरिंग रोबोटिक (Monitoring Robotics) तरीके से होगी. तमाम व्यवस्थाओं को अब एक एप्लिकेशन में सेंट्रलाइज कर दिया जायेगा. इसकी कवायद तेज कर दी गई है. एप्लिकेशन का निर्माण हो चुका है और बाकी की प्रक्रिया भी जल्द पूर्ण हो जाएगी. जिसके बाद स्वच्छता के क्षेत्र में किये जा रहे कार्य की मॉनिटरिंग बेहद सख्त होने वाली है.

कचरा फेंकने वालों पर तीसरी आंख की नजर

स्वच्छता दीदियों को मिलेगा स्मार्ट फोन

शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन (Door to Door Garbage Collection) करने वाली स्वच्छता दीदीयों को नगर निगम स्मार्ट फोन या टैबलेट उपलब्ध कराएगा. जिसमें जीपीएस के माध्यम से रूट और कलेक्शन की संख्या क्यू आर कोड के माध्यम से दर्ज होगी. इसके लिए शहर के प्रत्येक यूजर के घर या प्रतिष्ठानों में क्यू आर कोड लगाया जायेगा. स्वच्छता दीदी कचरा कलेक्शन के साथ ही अपने स्मार्ट फोन से क्यू आर कोड स्कैन करेंगी. स्कैन करते ही एप्लिकेशन ऑप्शन पूछेगा. जिसमे यह भी दर्ज होगा कि यूजर ने सूखा और गीला कचरा अलग-अलग किया है या फिर एक साथ मिला दिया है. या कचरा ही नहीं दिया है. ये जानकारी सीधे नगर निगम के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को मिलेगी. जिससे नगर निगम के हर अधिकारी को यह पता चल सकेगा कि लोग सेग्रीगेशन का पालन कर रहे हैं या नही. सारा कचरा मिलाकर रखने वाले लोगों को नगर निगम समझाइस देगी. नहीं मानने पर चालानी कार्रवाई कर सकेगी. वहीं लोग भी इस एप्लिकेशन को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर अपना फीडबैक दे सकेंगे.

स्टॉफ की कमी से जूझ रहा अंबिकापुर नगर निगम, प्रस्ताव के बाद भी नहीं हो रही भर्ती

कचरा को इक्टठा करने में मिलेगी मदद

इस नए प्रयोग से उन लोगों को सहूलियत होगी जो स्वच्छता दीदियों के आने के समय पर सोकर नहीं उठ पाते थे. किसी अन्य वजह से अपना कचरा नहीं दे पाते हैं. ऐसे लोग इस एप्लिकेशन को ओपन कर उसमें नियरेस्ट कचरा गाड़ी सर्च कर पायेंगे और उसे सेलेक्ट करते ही उस कचरा गाड़ी की स्वच्छता दीदी से फोन पर सम्पर्क कर सकेंगे. जिसके बाद अपना कचरा दीदी को दे सकेंगे. इस एप्लिकेशन में हर स्वच्छता दीदी अपने द्वारा कलेक्ट की गई संख्या को दर्ज करेगी. जिससे नगर निगम के पास कचरा कलेक्शन की सही और शत प्रतिशत जानकारी रहेगी.

सफाई कर्मियों पर नकेल

इस मॉडल को नगर निगम ने 4 भागों में बांटा है. पहला स्वच्छता दीदियों के माध्यम से कचरा कलेक्शन, दूसरा रोड स्वीपिंग यूनिट, तीसरा नाली साफ करने वाली टीम और मेडिकल वेस्ट कलेक्शन टीम चारो पर अलग-अलग तरीके से नजर रखा जा सकेगा. सफाई कर्मी एक स्मार्ट वॉच पहनेंगे जो जीपीएस युक्त होगी शहर की सभी सड़कों और नालियों का जीपीएस मैप किया जा रहा है. हर सफाई कर्मी का दिन और सफाई का दायरा निर्धारित होगा. स्मार्ट वॉच में निर्धारित स्थान पर लॉगिन करने और निर्धारित स्थान तक सफाई करने के बाद लॉगआउट करने के बाद ही उक्त काम पूरा माना जायेगा. वरना कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में रेड लाइट अलर्ट करेगी. जिससे उस सफाई कर्मी पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी.

अब हाजिरी लगाकर घर में सोने वाले सफाई कर्मियों के बुरे दिन आने वाले हैं. इस पैटर्न में डयूटी सख्त होगी. इतना ही नहीं सफाई कर्मियों के सुपरवाइजर भी स्मार्ट वॉच पहनेंगे और वो भी अपने क्षेत्र के कार्य की रिपोर्टिंग इसी माध्यम से करेंगे.

तीसरी आंख की नजर में कचरा फेंकने वाले

शहर वासियों के सहयोग से ही अम्बिकापुर स्वच्छता के क्षेत्र में मॉडल बन सका है. लेकिन अब भी कुछ ऐसे लोग हैं. जो खुले में कचरा फेंक देते हैं और शहर की पहचान और अनुशासन पर सवाल खड़े कर देते हैं. अब ऐसे लोगों की खैर नहीं हैं. छिपे हुये कैमरों से अब नगर निगम इनको पकड़ सकेगा. ये ऐसे कैमरे होंगे जिन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इसका स्टॉलेशन भी नगर निगम गुप्त तरीके से करेगा और कैमरे में कैद कचरा फेंकते व्यक्ति पर बड़े जुर्माने की कार्रवाई की जायेगी. लगातार जुर्माना लगने पर भी नहीं मानने वाले व्यक्तियों की पहचान भी नगर निगम सार्वजनिक करेगा.

अम्बिकापुर में देश का पहला गार्बेज कैफे

2015 से सॉलिड लिक्विड एंड वेस्ट मैनेजमेंट (Solid Liquid and Waste Management) में बेहतर काम करने वाला अम्बिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) लगातार नए प्रयोग करता रहता है. इसी कड़ी में यहां शहर को गार्बेज फ्री बनाने के उद्देश्य से देश का पहला गार्बेज कैफे खोला गया, जिसकी चर्चा विश्व स्तर तक रही है, वहीं अब अम्बिकापुर नगर निगम टेक्नोलॉजी के उपयोग से एक बड़ी कसावट करने जा रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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