सरगुजा: देश में सरकारी स्कूलों की हालत बेहतर नहीं है. हालांकि कुछ स्कूल इतिहास रचने की तैयारी में है. बता दें कि किसी भी स्कूल में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती. ऐसे में गरीब बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में सही गाइडेंस और कोचिंग न मिलने की वजह से पिछड़ जाते थे. लेकिन इन दिनों सरगुजा में सरकारी स्कूल के बच्चों को JEE और NEET की निशुल्क कोचिंग दी जा रही (Free education being given for competitive examination in Surguja ) है. इतना ही नहीं इन बच्चों के हॉस्टल और मेस की भी व्यवस्था नि:शुल्क की गई है.
जिला पंचायत की अनोखी पहल: यह अनोखा काम जिला पंचायत सरगुजा के प्रयास से संभव हुआ है. जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने इसमें रुची ली. शिक्षा विभाग और आदिवासी विभाग के सहयोग से JEE और NEET की निःशुल्क कोचिंग शुरू कराई गई. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पास इतना पैसा नहीं होता कि वो प्राइवेट कोचिंग ले सकें. ना ही गांव और घर में पढ़ने का माहौल होता है.
हॉस्टल और मेस भी निःशुल्क: आदिवासी विभाग ने अम्बिकापुर में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास की व्यवस्था की है. हॉस्टल में रहने के कारण बच्चों को घर के अतिरिक्त कार्य न करने पड़े और यहां हर समय सिर्फ पढ़ने का ही माहौल मिलता रहे. इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. यहां रहने वाले बच्चों के खाना और नास्ता का भी प्रबंध किया गया है. हॉस्टल के मेस में ही छात्र-छात्राओं को खाना दिया जाता है.
मल्टीपर्पज स्कूल में लग रही क्लास: मल्टीपर्पज स्कूल अम्बिकापुर में इन छात्र-छात्राओं के कोचिंग की क्लास लगायी जाती है. 8 सरकारी शिक्षक यहां लगातार सेवाएं दे रहे हैं. जिला पंचायत ने बेहतर कोचिंग के लिये 4 शिक्षक बाहर से अरेंज किये हैं. पहले वर्ष यहां 108 बच्चे कोचिंग ले रहे हैं और शिक्षा विभाग इसे और वृहद रूप देकर अगले वर्ष से ज्यादा से ज्यादा बच्चों को सुविधा देना चाहता है.
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इलाज की भी व्यवस्था: बड़ी बात यह है कि यह कोचिंग किसी भी प्राइवेट कोचिंग से कम नहीं है. यहां हर सोमवार को बच्चों का टेस्ट लिया जाता है. एग्जाम के लिए विभिन्न मटेरियल भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. JEE के छात्रों के कम्यूटर विषय संबंधित कोचिंग के लिये अगले सप्ताह से कम्यूटर भी उपलब्ध कराया जायेगा. इसके साथ ही हॉस्टेल में ही छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है. बीमार होने पर डॉक्टर हॉस्टल में आकर ही इलाज करते हैं.
रामपुर के बच्चों ने की थी मांग: इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जिला पंचायत सदस्य आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने बताया, "ऑनलाइन कोचिंग शिक्षा विभाग करा रहा था. लेकिन मैं एक दिन क्षेत्र के दौरे पर था. रामपुर में छात्रों ने बताया कि उन्हें ऑफ लाइन कोचिंग की जरूरत है. ऑनलाइन पढ़कर वो बेहतर नहीं कर पाएंगे. जिसके बाद इस मसले को जिला पंचायत की शिक्षा स्थायी समिति में रखा गया. सभी सदस्यों ने इस प्रयास के लिए अपनी सहमति दी और फिर शिक्षा विभाग, ट्राइबल विभाग के सहयोग से यह कोचिंग शुरू कराई गई. छात्रों को कोचिंग मटेरियल भी उपलब्ध कराया जा रहा है. 104 छात्र सरगुजा जिले से हैं. कुछ छात्र तो बलरामपुर और सूरजपुर जिले से आकर पढ़ रहे हैं."
और बेहतर बनाएंगे व्यवस्था: जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे ने बताया कि 8 शिक्षक रेगुलर और 4 शिक्षक बाहर से लिये गये हैं. 108 बच्चे पढ़ रहे हैं. टीचर काफी मेहनत कर रहे हैं. पूरी उम्मीद है कि छात्र बेहतर प्रदर्शन करेंगे. बच्चों के लिए हॉस्टल और मेस की अच्छी व्यवस्था की गई है. इस वर्ष संचालित व्यवस्था को अगले साल और भी बेहतर करने की योजना है."