सरगुजा: पुरानी फिल्म 'जनता हवलदार' का बेहद फेमस और दर्द भरा गीत है 'हमसे का भूल हुई जो ये सजा हमका मिली'. ये लाइनें उन कलाकारों के दर्द को बयां करती हैं, जो हर किसी की खुशियों का मजा दोगुना करते हैं. अपनी कलाकारी से हर उत्सव में रोमांच भर देते हैं, लेकिन आज इनके जीवन में ही अंधेरा छाया हुआ है. हालात ऐसे हैं की कोई बच्चों का फिक्स डिपॉजिट तोड़ कर पेट पाल रहा है, तो कोई अपने वाद्य यंत्र बेचने को मजबूर हैं.
कोरोना का असर फिल्म और मनोरंजन उद्योग पर पड़ा
कोरोना वायरस (coronavirus) संक्रमण का असर हर सेक्टर में पड़ा है. वहीं मनोरंजन उद्योग (entertainment industry) भी इससे अछूता नहीं है. कोरोना महामारी चलते कलाकारों (Artst) के सामने अब जीवनयापन करने का भी जुगाड़ नहीं बचा है. सबके घर की खुशियों में अपने कला के प्रदर्शन से चार चांद लगाने वाले ये कलाकर अब गाड़ी बेचकर, वाद्य यंत्र बेचकर या एफडी तोड़कर अपने बच्चों का किसी तरह पेट भर रहे हैं.
SPECIAL : कोरोना से छॉलीवुड में आर्थिक संकट, बेरोजगार हुए कई कलाकार
पिछले साल से कलाकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट
कोरोना की पहली लहर के बाद बीच में थोड़ा हालात सुधरे थे, लेकिन दूसरी लहर ने काम-काज पूरी तरह से प्रभावित किया. कोरोना के चलते लॉकडाउन से शादी-ब्याह और दूसरे सांस्कृतिक आयोजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया. जिसके चलते कलाकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ हो गया है. सरगुजा के कलाकार पिछले एक वर्ष से बेरोजगार बैठे हुए हैं. हालांकि कुछ कलाकार दूसरे व्यवसाय के साथ इस फील्ड में आते हैं तो उनका गुजारा चल जा रहा है, लेकिन जिनकी आजीविका कला के प्रदर्शन से ही चलती है. उनका तो बहुत बुरा हाल है.
कलाकारों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
ETV भारत से बातचीत में कलाकारों ने अपनी पीड़ा बताई. कलाकारों का कहना है कि सरकार ऐसा रास्ता निकाले जिससे प्रदेश के कलाकारों की स्थिति का स्थाई समाधान हो सके. कलाकारों ने प्रदेश के शासकीय स्कूलों में म्यूजिक टीचर की भर्ती करने की भी सलाह सरकार को दी है. इस निर्णय से ना सिर्फ कलाकरों की बेरोजगारी दूर होगी बल्कि बच्चों में संस्कार का सृजन होगा. अन्य प्रदेशों की तरह छत्तीसगढ़ में भी बच्चे छोटी उम्र में संगीत सीख सकेंगे. प्रदेश में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन उन्हें सही मार्ग नहीं मिल रहा है. अगर सरकार सभी शासकीय स्कूलों में संगीत शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है तो प्रदेशा का कला के क्षेत्र में नाम रोशन होगा.
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता-निर्देशकों के साथ की बैठक
नई फिल्म विकास नीति से कलाकारों और निर्देशकों को मिलेगा लाभ
छत्तीसगढ़ में लंबे समय से निर्माता-निर्देशक फिल्म पॉलिसी (New film policy of chhattisgarh) तैयार करने की मांग की जा रही थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के कलाकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी मांगों को गंभीरता से लिया और अब जल्द ही नई फिल्म पॉलिसी तैयार की जाएगी. संस्कृति मंत्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है. जिससे प्रदेश के फिल्म विकास को एक नई ऊंचाई पर लेकर जाएगी. नई फिल्म विकास नीति बन जाने से बॉलीवुड-हॉलीवुड सहित अन्य राज्यों के फिल्ममेकर फिल्म बनाने छत्तीसगढ़ आएंगे और यहां के कलाकारों और तकनीशियनों (chhattisgarh artist and technician) को भी मौका मिल सकेगा. मंत्री भगत ने बताया कि फिल्म, धारावाहिक, लघु फिल्म, वेबसीरीज की शूटिंग कि लिए सरकारी जगहों को निशुल्क उपलब्ध कराने के साथ-साथ अनुदान पर भी विचार किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ की नई फिल्म पॉलिसी (new policy of Chhattisgarh film) के लिए प्रदेश के दर्जनों निर्माता-निर्देशकों ने अपने-अपने सुझाव दिए.