सरगुजा: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में देरी से किसान नाराज हैं. किसानों ने प्रदेश में धान खरीदी जल्दी कराने के लिए प्रदर्शन भी किया है. ETV भारत ने किसानों की परेशानियों को प्रमुखता से दिखाया और इस मसले पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से चर्चा की है. खाद्य मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी और बारदाने की कमी की वजह से धान खरीदी अभी शुरू नहीं हो पाई है. दिवाली का पर्व पास है और हाथ में पैसा न होने की वजह से अन्नदाता परेशान हैं.
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि केंद्र ने धान खरीदी में लगने वाला बारदाना नहीं दिया है. जितना बारदाना देने का वादा केंद्र सरकार ने किया था, वो अभी तक नहीं मिला है इसलिए खरीदी में देरी हो रही है. भगत ने कहा कि सरकार प्रदेश में ही बारदाने की व्यवस्था कर रही है. उन्होंने कहा कि कुछ पुराने बारदाने, कुछ एफसीआई और कुछ राइस मिलर्स के सहयोग से 3 करोड़ के लगभग बारदाने का इंतजाम हो जाएगा. इससे एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो जाएगी.
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केंद्र से नहीं हुई बारदाने की आपूर्ति
खाद्य मंत्री ने कहा कि केंद्र ही बारदाना उपलब्ध कराता है. इस सिस्टम में राज्य सरकार सिर्फ एक एजेंसी के रूप में काम करती है. केंद्र ने बताया कि कोविड संक्रमण की वजह से पश्चिम बंगाल में जहां बारदाने बनाए जाते थे, वहां से आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इसकी वजह से राज्य को बारदाना नहीं मिला है. फिलहाल खाद्य मंत्री की बात ये स्पष्ट हो गया है कि धान खरीदी जल्दी नहीं शुरू होगी.
दिवाली पर मायूस किसान
दिवाली का त्योहार भी आ रहा है लेकिन किसानों के हाथ खाली हैं. धान नहीं बिकेगा तो दीपावली में उनके पास पैसे नहीं रहेंगे. बेमेतरा के किसान सागर साहू कहते हैं कि धान खरीदी हो जाती तो उनकी दीपावली भी अच्छे से मन जाती. देरी ने दिवाली की रौनक फीकी कर दी है. किसानों का कहना है कि सरकार धान का पैसा दिसंबर में दे लेकिन धान की खरीदी अभी से शुरू कर दे, जिससे किसानों को धान रखने और उसकी देख-रेख करने में परेशानी न हो.
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फसल की चिंता
किसानों ने बताया कि धान की कटाई के बाद किसान धान को कहां रखें यह चिंता सता रही है. पहले कोरोना के कारण किसान पहले ही परेशान हैं. अब सरकार देरी से धान की खरीदी कर रही है, जिसके कारण किसान आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो गया है. भंडारण और बारदाने की कमी से भी किसान जूझ रहे हैं.