सरगुजा: कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन से हर वर्ग व्यथित है. सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को है, जो अपने घरों से दूर अन्य प्रदेशों में रोजी-रोटी कमाने निकले थे. इस भयंकर महामारी ने इनसे न सिर्फ इनका रोजगार छीन लिया बल्कि दो वक्त की रोटी को भी मोहताज बना दिया है. देशभर में लाखों ऐसे लोग हैं, जो अपने घर से दूर अन्य प्रदेशों में लाकडाउन में फंसे हैं.
ऐसे ही एक व्यक्ति से ETV भारत ने बातचीत की और लॉकडाउन में हो रही परेशानियों के बारे में जाना. उन्होंने हमें बताया कि वे उत्तरप्रदेश के जौनपुर के हैं और रायपुर के पंडरी कपड़ा बाजार में काम करते हैं. अपने घर जाने के लिए ये व्यक्ति पैदल ही निकल गया था, लेकिन रास्ते में एक ट्रक से लिफ्ट लेकर वो अंबिकापुर पहुंच गया. उन्होंने बताया कि सरकार बस बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है.
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मजदूरों का हाल बेहाल
प्रवासी मजदूरों को हो रही परेशानी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मजदूरों के पास न सोने की जगह है और न ही खाने को कुछ भोजन है. वे बस चले जा रहे हैं, इस आस में कि सरकार की किसी तरह इनपर नजर पड़े और इन्हें अपने घर पहुंचा दिया जाए. उन्होंने हमें बताया कि सरकार की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर भी काम नहीं करता है.
ETV भारत ने की मदद
ऐसा नहीं है कि इस व्यक्ति ने सरकार से मदद न मांगी हो लेकिन नोडल अधिकारी से कई बार निवेदन करने के बाद भी कोई पहल नहीं की गई. लिहाजा, ETV भारत ने अपने कर्तव्यों निभाते हुए इस व्यक्ति को भोजन कराकर ट्रैफिक पुलिस की मदद से बनारस तक भेजने का जिम्मा उठाया और एक ट्रक ड्राइवर की मदद से ये कपड़ा श्रमिक अपने घर की ओर निकल चुका है.