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GROUND REPORT: लोगों को नहीं पता अपने लोकसभा प्रत्याशियों के नाम, महिलाओं ने बताई ये वजह

ईटीवी भारत की टीम अंबिकापुर से महज 25 किलोमीटर दूर लखनपुर पहुंची, जहां लोगों से चुनाव की तारीख और प्रत्याशियों के बारे में जानने की कोशिश की.

GROUND REPORT
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Published : Apr 21, 2019, 5:53 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजाः जिले में 23 अप्रैल को तीसरे चरण के मतदान होंगे. एक तरफ जहां राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी हैं, वहीं दूसरी तरफ लखनपुर में लोगों को उनके प्रत्याशी के नाम तक नहीं मालूम हैं. इतना ही नहीं यहां स्वीप अभियान का भी बुरा हाल है.

GROUND REPORT: लोगों को नहीं पता अपने लोकसभा प्रत्याशियों के नाम,

दरअसल, ईटीवी भारत की टीम अंबिकापुर से महज 25 किलोमीटर दूर लखनपुर पहुंची, जहां लोगों से चुनाव की तारीख और प्रत्याशियों के बारे में जानने की कोशिश की.

नहीं जानते कौन हैं प्रत्याशी

ज्यादातर ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें उनके प्रत्याशियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. यहां तक की उन्हें चुनाव की तारीख भी नहीं पता है. हालांकि, कुछ लोगों को सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बारे में जानकारी थी.

स्वीप अभियान का बुरा हाल
ग्रामीण महिलाओं ने अपने प्रत्याशी के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री टीएस सिंहदेव का नाम लिया. इधर, स्वीप अभियान का भी बुरा हाल है. आम जनता तक इसकी कोई पहुंच नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मतदान तिथि की जानकारी तक नहीं है. इसके अलावा 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कई युवा अभी तक मतदाता परिचय पत्र से वंचित हैं.

सरगुजाः जिले में 23 अप्रैल को तीसरे चरण के मतदान होंगे. एक तरफ जहां राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी हैं, वहीं दूसरी तरफ लखनपुर में लोगों को उनके प्रत्याशी के नाम तक नहीं मालूम हैं. इतना ही नहीं यहां स्वीप अभियान का भी बुरा हाल है.

GROUND REPORT: लोगों को नहीं पता अपने लोकसभा प्रत्याशियों के नाम,

दरअसल, ईटीवी भारत की टीम अंबिकापुर से महज 25 किलोमीटर दूर लखनपुर पहुंची, जहां लोगों से चुनाव की तारीख और प्रत्याशियों के बारे में जानने की कोशिश की.

नहीं जानते कौन हैं प्रत्याशी

ज्यादातर ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें उनके प्रत्याशियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. यहां तक की उन्हें चुनाव की तारीख भी नहीं पता है. हालांकि, कुछ लोगों को सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बारे में जानकारी थी.

स्वीप अभियान का बुरा हाल
ग्रामीण महिलाओं ने अपने प्रत्याशी के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री टीएस सिंहदेव का नाम लिया. इधर, स्वीप अभियान का भी बुरा हाल है. आम जनता तक इसकी कोई पहुंच नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मतदान तिथि की जानकारी तक नहीं है. इसके अलावा 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कई युवा अभी तक मतदाता परिचय पत्र से वंचित हैं.

Intro:सरगुजा- सरगुजा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है शहर की चकाचौंध से दूर यहां की ग्रामीण जनता का मुख्य रोजगार खेती किसानी और मजदूरी है ,, छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण का मतदान के लिए महज कुछ ही दिन बाकी है ऐसे में प्रमुख पार्टियों के द्वारा धुआंधार प्रचार प्रसार किया जा रहा है लेकिन सरगुजा जिले में प्रचार प्रसार कितना असर नजर आ रहा है जानने के लिए ई टीवी की टीम अम्बिकापुर शहर से महज 25 किलोमीटर दूर लखनपुर पहुची,, चुनाव कब और प्रत्याशी कौन कौन है जानने की कोशिश की ,, लखनपुर के ग्रामीण को यह नहीं मालूम कि लोकसभा संसद में उनका प्रतिनिधित्व कौन करेगा।किस चीज का चुनाव हो रहा है और कौन कौन प्रत्याशी है यह तक लोगों को नहीं है मालूम ,, ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजनीतिक दलों के द्वारा किस प्रकार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है जब ग्रामीण महिलाओं से पूछा गया है सरगुजा में कौन प्रत्याशी चुनाव में खड़ा है तो कोई मोदी जी का नाम ले रहा है तो कोई मंत्री टीएस सिंह देव का,,

वहीं स्वीप अभियान अभी तक केवल स्कूलों व अधिकारियों तक बनी हुई है जबकि आम जनता तक इसकी अभी तक कोई पहुंच नहीं है लोकसभा चुनाव के मतदान की तिथि में मात्र कुछ ही दिन शेष बचे हैं मगर अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान तिथि की जानकारी तक नहीं है एक ओर जहां स्वीप कार्यक्रम के तहत गांव गांव मे नुकड़ नाटक के माध्य्म से मतदाताओं को शत प्रतिशत मतदान करने का संकल्प दिलाने का दावा किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अधिकांश लोग को मतदान तिथि की भी जानकारी नहीं है,, इसके अलावा 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कई युवा अभी भी मतदाता परिचय पत्र से वंचित हैं।

बाईट01 _शारदा( ग्रामीण)
बाईट02_ कृष्णा( मजदुर)
बाईट 03-धन साय(ग्रामीण)
बाईट 04 -रीता ( सब्जी बेचने वाला)
बाईट 05 - रामनाथ(ग्रामीण)
बाईट 06 - नाधियारो(मजदूर)
बाईट 07- विक्की(आटो चालक)
बाईट 08-देव् नरायन (शहरी)


Body:सरगुजा- सरगुजा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है शहर की चकाचौंध से दूर यहां की ग्रामीण जनता का मुख्य रोजगार खेती किसानी और मजदूरी है ,, छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण का मतदान के लिए महज कुछ ही दिन बाकी है ऐसे में प्रमुख पार्टियों के द्वारा धुआंधार प्रचार प्रसार किया जा रहा है लेकिन सरगुजा जिले में प्रचार प्रसार कितना असर नजर आ रहा है जानने के लिए ई टीवी की टीम अम्बिकापुर शहर से महज 25 किलोमीटर दूर लखनपुर पहुची,, चुनाव कब और प्रत्याशी कौन कौन है जानने की कोशिश की ,, लखनपुर के ग्रामीण को यह नहीं मालूम कि लोकसभा संसद में उनका प्रतिनिधित्व कौन करेगा।किस चीज का चुनाव हो रहा है और कौन कौन प्रत्याशी है यह तक लोगों को नहीं है मालूम ,, ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजनीतिक दलों के द्वारा किस प्रकार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है जब ग्रामीण महिलाओं से पूछा गया है सरगुजा में कौन प्रत्याशी चुनाव में खड़ा है तो कोई मोदी जी का नाम ले रहा है तो कोई मंत्री टीएस सिंह देव का,,

वहीं स्वीप अभियान अभी तक केवल स्कूलों व अधिकारियों तक बनी हुई है जबकि आम जनता तक इसकी अभी तक कोई पहुंच नहीं है लोकसभा चुनाव के मतदान की तिथि में मात्र कुछ ही दिन शेष बचे हैं मगर अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान तिथि की जानकारी तक नहीं है एक ओर जहां स्वीप कार्यक्रम के तहत गांव गांव मे नुकड़ नाटक के माध्य्म से मतदाताओं को शत प्रतिशत मतदान करने का संकल्प दिलाने का दावा किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अधिकांश लोग को मतदान तिथि की भी जानकारी नहीं है,, इसके अलावा 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कई युवा अभी भी मतदाता परिचय पत्र से वंचित हैं।




Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

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