अम्बिकापुर: चुनावी मौसम में नेता पहाड़ चढ़ रहे हैं. दरअसल, इन दिनों गर्मी चरम पर है. बावजूद इसके नेता चुनावी मोड में हैं. लोगों के पास पहुंचकर नेता उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं और वादे भी कर रहे हैं. क्योंकि चुनाव नजदीक है. इसलिए नेताओं को गर्मी भी नहीं लग रही है. हाल ही में मंत्री अमरजीत भगत अपने विधानसभा के दूरस्थ गांव आमपानी पहुंचे. खुद को गए कलेक्टर और अधिकारियों को भी पहाड़ पर चढ़वाया.
गर्मी में पहाड़ पर चढ़े मंत्री: सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के बांसाझाल के पहाड़ में बसे दुर्गम गांव तक पहली बार प्रशासन पहुंचा. मंत्री ने सबको लेकर पहाड़ पर चढ़ाई कर दी. इस दौरान गांव में शिविर भी लगाया गया. तमाम तरह वादे और घोषणा किए गए. इस दौरान नेताजी को गर्मी नहीं लगी. क्योंकि चुनाव आने वाला है.
छवि बनाने में लगे नेता: ऐसे कार्यों के जरिए मंत्री अपनी संवेदनशील छवी को चमकना चाहते हैं. लेकिन सवाल ये है कि आजादी के इतने सालों बाद भी यहां विकास नहीं पहुंचा है. अब मंत्री अमरजीत भगत को इस गांव की चिंता हुई. पिछले 19 साल से इस गांव तक विकास नहीं पहुंच सका है.
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ये नेता भी हुए सक्रिय: दक्षिण छत्तीसगढ़ के सुकमा में भी आबकारी मंत्री कवासी लखमा और केदार कश्यप का भी जनता से सम्पर्क इन दिनों तेज हो चुका है. हाल ही में केदार कोंडागांव जिले में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. यहां मर्दापाल में तेंदूपत्ता खरीदी केंद्र में लगे चौपाल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र कार्यालय घेराव कार्यक्रम में लखमा शामिल हुए. इन दिनों लगातार आबकारी मंत्री दूरस्थ क्षेत्रों के दौरे पर हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सत्ता और कुर्सी कितनी बड़ी चीज है कि इन नेताओं को गर्मी भी नहीं लग रही है. पैदल पहाड़ी इलाकों में, दूरस्थ क्षेत्रों में जा रहे हैं.
साल के अंत में चुनाव: दरअसल, 15 जून से छत्तीसगढ़ में मानसून आ जाता है. सितंबर अंत तक बारिश होती है. बारिश में पहाड़ चढ़ना या तेज जनसंपर्क संभव नहीं होगा. इसलिए नेताजी गर्मी में ही ये काम भी निपटा रहे हैं. साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. यही कारण है कि ये नेता गर्मी के दिनों में भी इतने सक्रिय हैं.