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दिया तले अंधेरा : सहकारिता मंत्री के गृहक्षेत्र में शक्कर कारखाने में लूट - राज्यसभा में शक्कर कारखाने का मुद्दा गूंजा

सूरजपुर स्थित मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना में भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ गया है कि इससे किसानों के साथ ही शासन को भी चूना लगाया जा रहा है.

Corruption in Maa Mahamaya Cooperative Sugar Factory
मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना में भ्रष्टाचार
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Published : Mar 18, 2021, 1:12 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने बुधवार को सूरजपुर जिले के केरता स्थित मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना में भ्रष्टाचार का मामला राज्यसभा में उठाया. सदन में नेताम ने कहा कि मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना में हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार से किसानों को भारी आर्थिक क्षति हो रही है. कारखाने को भी चपत लगाया जा रहा है.

मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना में भ्रष्टाचार

CAT के जिला अध्यक्ष रविंद्र तिवारी लगातार बीते कई महीनों से शक्कर कारखाने के भ्रष्टाचार के मामले उजागर कर रहे हैं. इसकी शिकायत प्रदेश के सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह, राज्य सभा सांसद राम विचार नेताम, सांसद गोमती साय सहित प्रधानमंत्री तक से की है, लेकिन शक्कर कारखाने में अधिकारियों की मनमानी का सिलसिला नहीं रुक रहा है. अब यह मामला राज्य सभा तक पहुंच चुका है.

65 का मोलसिस 55 और 33 की शक्कर 31 में

दरअसल रविंद्र तिवारी ने आरोप लगाया है की छत्तीसगढ़ के दूसरे शक्कर कारखाने में मोलासीस को 65 सौ रुपये प्रति टन से लेकर 7 हजार रुपये प्रति टन के दर से बेचा जा रहा है. मां महामाया शक्कर कारखाने में बिना निविदा आमंत्रित किए 5500 कि दर से भ्रष्टाचार कर चहेते फर्म को मोलासीस बेच दिया गया है. केंद्र सरकार ने 33 रुपये किलो की दर से शक्कर बेचने तय किया है. जिसमें बगैर निविदा के भ्रष्टाचार कर 31 रुपये किलो में शक्कर बेच दिया गया है.

राज्यसभा: रामविचार नेताम ने मां महामाया शक्कर कारखाने में करप्शन का मुद्दा उठाया

बिना कर्मचारी के वेतन

बिना वैकेंसी के सैकड़ों नियुक्तियां की गई है. उसमे से ज्यादातर कर्मचारी फैक्टरी में कार्यरत नहीं है. लेकिन उनका वेतन उनके खाते में जमा किया जा रहा है. गन्ना परिवहन के निविदा में भी व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है. जिसकी जांच कर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की की मांग भी की गई. अब यही मामला राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम ने राज्यसभा में उठाया है. उम्मीद है की लोकसभा की कार्रवाई में भी सांसद गोमती साय इस मामले को लोक सभा में उठाएंगी.

रिकवरी रेट में बड़ा खेल

शक्कर कारखाने के इलेक्ट्रॉनिक तराजू में गड़बड़ी कर किसानों को चपत लगाई जा रही है. सबसे बड़ा खेल रिकवरी रेट में किया जाता है. आरोप है की सरकार को शक्कर कारखाना प्रबंधन 8 से 8.5 % रिकवरी रेट बताता है. जबकि माँ महामाया शक्कर कारखाने को सरगुजा के गन्ने से 11 प्रतिशत रिकवरी रेट मिलता है जो देश मे सर्वाधिक है. जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से हुई और जांच शुरू हुई तो प्रबंधन ने बता दिया की रिकवरी रेट ज्यादा है. अगर रिकवरी रेट ज्यादा है तो 3.5 प्रतिशत के डिफरेंस का शक्कर कहां गया.

सहकारिता मंत्री के गृहक्षेत्र का मामला

सहकारिता मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम का गृह ग्राम शक्कर कारखाने से महज 22 किलोमीटर दूर है. वो अक्सर इसी रास्ते से अपने गांव अपने क्षेत्र में जाते हैं. बावजूद इसके मामले में चुप्पी साधे हुए हैं.

सरगुजा : राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने बुधवार को सूरजपुर जिले के केरता स्थित मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना में भ्रष्टाचार का मामला राज्यसभा में उठाया. सदन में नेताम ने कहा कि मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना में हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार से किसानों को भारी आर्थिक क्षति हो रही है. कारखाने को भी चपत लगाया जा रहा है.

मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना में भ्रष्टाचार

CAT के जिला अध्यक्ष रविंद्र तिवारी लगातार बीते कई महीनों से शक्कर कारखाने के भ्रष्टाचार के मामले उजागर कर रहे हैं. इसकी शिकायत प्रदेश के सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह, राज्य सभा सांसद राम विचार नेताम, सांसद गोमती साय सहित प्रधानमंत्री तक से की है, लेकिन शक्कर कारखाने में अधिकारियों की मनमानी का सिलसिला नहीं रुक रहा है. अब यह मामला राज्य सभा तक पहुंच चुका है.

65 का मोलसिस 55 और 33 की शक्कर 31 में

दरअसल रविंद्र तिवारी ने आरोप लगाया है की छत्तीसगढ़ के दूसरे शक्कर कारखाने में मोलासीस को 65 सौ रुपये प्रति टन से लेकर 7 हजार रुपये प्रति टन के दर से बेचा जा रहा है. मां महामाया शक्कर कारखाने में बिना निविदा आमंत्रित किए 5500 कि दर से भ्रष्टाचार कर चहेते फर्म को मोलासीस बेच दिया गया है. केंद्र सरकार ने 33 रुपये किलो की दर से शक्कर बेचने तय किया है. जिसमें बगैर निविदा के भ्रष्टाचार कर 31 रुपये किलो में शक्कर बेच दिया गया है.

राज्यसभा: रामविचार नेताम ने मां महामाया शक्कर कारखाने में करप्शन का मुद्दा उठाया

बिना कर्मचारी के वेतन

बिना वैकेंसी के सैकड़ों नियुक्तियां की गई है. उसमे से ज्यादातर कर्मचारी फैक्टरी में कार्यरत नहीं है. लेकिन उनका वेतन उनके खाते में जमा किया जा रहा है. गन्ना परिवहन के निविदा में भी व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है. जिसकी जांच कर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की की मांग भी की गई. अब यही मामला राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम ने राज्यसभा में उठाया है. उम्मीद है की लोकसभा की कार्रवाई में भी सांसद गोमती साय इस मामले को लोक सभा में उठाएंगी.

रिकवरी रेट में बड़ा खेल

शक्कर कारखाने के इलेक्ट्रॉनिक तराजू में गड़बड़ी कर किसानों को चपत लगाई जा रही है. सबसे बड़ा खेल रिकवरी रेट में किया जाता है. आरोप है की सरकार को शक्कर कारखाना प्रबंधन 8 से 8.5 % रिकवरी रेट बताता है. जबकि माँ महामाया शक्कर कारखाने को सरगुजा के गन्ने से 11 प्रतिशत रिकवरी रेट मिलता है जो देश मे सर्वाधिक है. जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से हुई और जांच शुरू हुई तो प्रबंधन ने बता दिया की रिकवरी रेट ज्यादा है. अगर रिकवरी रेट ज्यादा है तो 3.5 प्रतिशत के डिफरेंस का शक्कर कहां गया.

सहकारिता मंत्री के गृहक्षेत्र का मामला

सहकारिता मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम का गृह ग्राम शक्कर कारखाने से महज 22 किलोमीटर दूर है. वो अक्सर इसी रास्ते से अपने गांव अपने क्षेत्र में जाते हैं. बावजूद इसके मामले में चुप्पी साधे हुए हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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