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सरगुजा:निजी अस्पताल और स्कूल का टैक्स माफ करने की तैयारी, विपक्ष ने खड़े किए सवाल

संस्थाओं ने नियमों का हवाला देते हुए चैरिटी को वजह है. जबकी शहर में शायद ही कोई संस्था है जो चैरिटी करती हो, व्यवसाय नहीं. लिहाजा विपक्ष भी अब इस फैसले पर हमलावर हो चुका है और महापौर और मेयर इन काउंसिल पर आरोप लगाए जा रहे हैं.

नगर निगम
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Published : Jun 16, 2019, 8:36 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: अंबिकापुर नगर निगम में मेयर इन काउंसिल की बैठक में रखे गए एक प्रस्ताव से पूरे शहर की चिंता बढ़ी हुई है. इस प्रस्ताव में शहर के निजी अस्पताल और स्कूलों का बकाया टैक्स माफ कर उन्हें टैक्स फ्री किए जाने की कवायद शुरू की जा रही है.

निजी अस्पताल और स्कूल का टैक्स माफ करने की तैयारी, विपक्ष ने खड़े किए सवाल

इसके पीछे संस्थाओं ने नियमों का हवाला देते हुए चैरिटी को वजह है. जबकि शहर में शायद ही कोई संस्था है जो चैरिटी करती हो, व्यवसाय नहीं. लिहाजा विपक्ष भी अब इस फैसले पर हमलावर हो चुका है और महापौर और मेयर इन काउंसिल पर आरोप लगाए जा रहे हैं.

सीधा आम जनता पर पड़ रहा है असर
आरोप है कि, चैरिटेबल संस्था के नाम पर कुछ बड़े व्यवसायिक संस्थाओं को लाभ देने की नीयत से ये प्रयास किया जा रहा है और इस फैसले का बोझ सीधा आम जनता पर पड़ेगा. विपक्ष में बैठी भाजपा के पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने बताया कि 'ये संस्थाएं सालों से टैक्स नहीं दे रही हैं और इसके पीछे नियमों का हवाला देते हैं, जिससे निगम का राजस्व का नुकसान हो रहा है.

टैक्स बढ़ाने की तैयारी
विपक्ष ने कांग्रेस को उसका वादा याद दिलाते हुए कहा है कि 'आपने घोषणा पत्र में कहा था कि, निगम में सरकार आने पर आम जनता का संपत्ति कर, समेकित कर और जल कर को आधा किया जाएगा. लेकिन 5 साल के बाद में भी वादा नहीं निभाया, बल्कि अब निजी संस्थाओं को छूट देकर जनता पर टैक्स का भार बढ़ाने की तैयारी में हैं'.

निगम करेगा ऑडिट
वहीं नगर निगम में राजस्व विभाग के प्रभारी पार्षद विजय सोनी का कहना है कि, 'टैक्स में छूट के लिए संस्थाओं ने जो दस्तावेज दिए जाएंगे. उसका ऑडिट भी निगम की ओर से किया जाएगा और जो संस्था बिना फायदा और बिना घाटे के संचालित होगी, उसे ही टैक्स में छूट दी जाएगी. अन्य किसी को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा'.

सरगुजा: अंबिकापुर नगर निगम में मेयर इन काउंसिल की बैठक में रखे गए एक प्रस्ताव से पूरे शहर की चिंता बढ़ी हुई है. इस प्रस्ताव में शहर के निजी अस्पताल और स्कूलों का बकाया टैक्स माफ कर उन्हें टैक्स फ्री किए जाने की कवायद शुरू की जा रही है.

निजी अस्पताल और स्कूल का टैक्स माफ करने की तैयारी, विपक्ष ने खड़े किए सवाल

इसके पीछे संस्थाओं ने नियमों का हवाला देते हुए चैरिटी को वजह है. जबकि शहर में शायद ही कोई संस्था है जो चैरिटी करती हो, व्यवसाय नहीं. लिहाजा विपक्ष भी अब इस फैसले पर हमलावर हो चुका है और महापौर और मेयर इन काउंसिल पर आरोप लगाए जा रहे हैं.

सीधा आम जनता पर पड़ रहा है असर
आरोप है कि, चैरिटेबल संस्था के नाम पर कुछ बड़े व्यवसायिक संस्थाओं को लाभ देने की नीयत से ये प्रयास किया जा रहा है और इस फैसले का बोझ सीधा आम जनता पर पड़ेगा. विपक्ष में बैठी भाजपा के पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने बताया कि 'ये संस्थाएं सालों से टैक्स नहीं दे रही हैं और इसके पीछे नियमों का हवाला देते हैं, जिससे निगम का राजस्व का नुकसान हो रहा है.

टैक्स बढ़ाने की तैयारी
विपक्ष ने कांग्रेस को उसका वादा याद दिलाते हुए कहा है कि 'आपने घोषणा पत्र में कहा था कि, निगम में सरकार आने पर आम जनता का संपत्ति कर, समेकित कर और जल कर को आधा किया जाएगा. लेकिन 5 साल के बाद में भी वादा नहीं निभाया, बल्कि अब निजी संस्थाओं को छूट देकर जनता पर टैक्स का भार बढ़ाने की तैयारी में हैं'.

निगम करेगा ऑडिट
वहीं नगर निगम में राजस्व विभाग के प्रभारी पार्षद विजय सोनी का कहना है कि, 'टैक्स में छूट के लिए संस्थाओं ने जो दस्तावेज दिए जाएंगे. उसका ऑडिट भी निगम की ओर से किया जाएगा और जो संस्था बिना फायदा और बिना घाटे के संचालित होगी, उसे ही टैक्स में छूट दी जाएगी. अन्य किसी को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा'.

Intro:सरगुज़ा : अम्बिकापुर नगर निगम में मेयर इन काउंसिल की बैठक में रखे गए एक प्रस्ताव से पूरे शहर की चिंता बढ़ी हुई है, दरअसल इस प्रस्ताव में शहर के निजी अस्पताल और स्कूलो का बकाया टेक्स माफ कर उन्हें टेक्स फ्री किये जाने की कवायद शुरू की जा रही है, इसके पीछे नियमो का हवाला और इस संस्थाओं द्वारा चैरिटी करने की वजह बताई जा रही है, जबकी अम्बिकापुर शहर में शायद ही कोई संस्था हो जो चैरिटी करती हो, व्यवसाय नही, लिहाजा विपक्ष भी अब इस फैसले पर हमलावर हो चुका है, और महापौर और कांग्रेस की मेयर इन काउंसिल पर आरोप लगाए जा रहे हैं, आरोप है की चैरिटेबल संस्था के नाम पर कुछ बड़े व्यवसाइक संस्थाओं को लाभ देने की नीयत से ये प्रयास किया जा रहा है, और इस फैसले का बोझ सीधा आम जनता पर पड़ेगा, विपक्ष में बैठी भाजपा के पार्षद मधुसुदन शुक्ला ने बताया की ये संस्थाएं वर्षो से टैक्स नही दे रही हैं, औऱ इसके पीछे नियमो का हवाला देते हैं, जिससे निगम के राजस्व को हानि हो रही है, इसके साथ ही विपक्ष ने कांग्रेस को अपना वादा याद दिलाते हुए कहा है की आपने घोषणा पत्र में कहा था की निगम में सरकार आने पर आम जनता का संपत्ति कर, समेकित कर और जल कर आधा किया जाएगा लेकिन 5 वें वर्ष में भी वादा नही निभाया बल्कि अब निजी संस्थाओं को छूट देकर जनता पर टैक्स का भार बढ़ाने की तैयारी में हैं।

वहीं नगर निगम अम्बिकापुर में राजस्व विभाग के प्रभारी पार्षद विजय सोनी का कहना है की टेक्स में छूट के लिए संस्थाओं द्वारा जो दस्तावेज दिए जाएंगे, उसकी आडिट निगम भी करेगी और जो संस्था बिना फायदा और बिना घाटे के संचालित होगी उसे ही टेक्स में छूट दी जाएगी, अन्य किसी को इसका लाभ नही दिया जाएगा।

बहरहाल नियमो का हवाला निगम की कांग्रेस सरकार दे रही है और विपक्ष इस मामले में व्यक्तिगत लाभ देने का आरोप लगा रही है, अब देखना यह है की टेक्स माफी की इस सियासत में और कौन से नए रंग देखने को मिलते हैं, फिलहाल यह मामला अभी सामान्य सभा की बैठक में रखा जाएगा और सामान्य सभा मे इस मामले में जबरदस्त हंगामे के आसार हैं।


Body:बाईट01_मधुसूदन शुक्ला (पार्षद भाजपा)

बाईट02_विजय सोनी (एमआईसी सदस्य प्रभारी राजस्व)


देश दीपक सरगुज़ा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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