सरगुजा: कोविड 19 के बढ़ते प्रकोप की वजह से छत्तीसगढ़ में अब सरकार ने होम आइसोलेशन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. सरगुजा में होम आइसोलेशन का बेहतर रिस्पॉन्स भी मिल रहा है. होम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीजों के लिए शहर में कोविड-19 कंट्रोल रूम बनाया गया है. 15 दिनों में होम आइसोलेशन के मरीजों का रिकवरी रेट भी बहुत अच्छा रहा है. होम आइसोलेशन में मरीजों को लगातार मॉनिटरिंग और चिकित्सकीय सलाह की जरूरत होती है. लोगों को परेशानी न हो, इसलिए 24 घंटे चालू रहने वाला एक कोविड-19 कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था. जहां स्वास्थ्य अमला हर एक मरीज की सतत निगरानी कर रहा है.
स्वास्थ्य विभाग ने इस कोविड-19 कंट्रोल रूम में 7 अनुभवी डॉक्टरों के साथ दूसरे मेडिकल स्टाफ की शिफ्ट वाइस 24 घंटे डयूटी लगाई है. कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता इसकी सतत निगरानी कर रहे हैं. साथ ही यहां पर मेडिकल स्टाफ होम आइसोलेशन या दवाइयों के डोज सहित सारी जानकारी मरीजों को दे रहे हैं. टेलीकॉलिंग के जरिए भी लोग आइसोलेशन में रहकर भी चिकित्सकीय परामर्श ले रहे हैं. इसके लिए कंट्रोल रूम में अलग से नए एंड्राइड मोबाइल भी स्वास्थ्य विभाग ने उपलब्ध कराए हैं. यहां बैठे डॉक्टर होम आइसोलेशन वाले मरीजों को नियमित रूप से फोन पर उनका फीडबैक ले रहे हैं.
रायपुर: होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम कोरोना मरीजों के लिए बना वरदान
मरीजों तक पहुंचाई जा रही दवाईयां
अब तक अंबिकापुर में 703 मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है. जिसमें से 360 मरीज पूरी तरीके से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. जबकि 343 मरीजों का इलाज अब भी जारी है. कंट्रोल रूम में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर लगातार टेलीकॉलिंग के जरिए इन मरीजों के संपर्क में रहते हैं और उन्हें बेहतर सलाह देते हैं. होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को दवाइयां भी स्वास्थ्य विभाग पहले दिन ही भेज देता है. कम पड़ने पर दोबारा मरीजों तक दवाईयां पहुंचाई जा रही हैं.
मरीजों को मिल रही राहत
लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या के बीच होम आइसोलेशन बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है. इससे न सिर्फ प्रशासन का बोझ कम हुआ है, बल्कि मरीजों को भी राहत मिली है.