सरगुजा : पैकेट वाले चिप्स की मार्केट में खासी डिमांड देखी जाती है. जबकि आम तौर पर घर मे भी आलू के चिप्स बनाये जाते हैं. लेकिन बाजार में प्राइवेट कंपनियों के चिप्स की बिक्री को देखते हुये सरगुजा जिला प्रशासन भी इस व्यवसाय से महिला समूहों को जोड़ रहा है. जिससे महिलाओं को रोजगार मिल सके. सरगुजा के सीतापुर क्षेत्र के ढेंकी डोली गौठान में आलू से चिप्स बनाने का काम शुरू किया गया है. जल्द ही यह चिप्स गांव वाला (gawn wala chips in surguja ) ब्रांड के नाम से बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा. बड़ी बात यह है कि चिप्स बनाने के लिए उपयोग में आने वाले चिप्सोना किस्म के आलू भी समूह की महिलाएं गौठान में ही उगा रहीं हैं.
चिप्सोना आलू से बनाया जा रहा है चिप्स
दरअसल हर आलू से चिप्स नहीं बनाया जा सकता, इसके लिये खास चिप्सोना किस्म के आलू की जरूरत होती है. चिप्सोना की खेती भी महिलाएं गौठान में कर रहीं हैं. इस आलू की प्रोसेसिंग के लिये लगभग 6 लाख रुपये की चिप्स बनाने की यूनिट प्रशासन ने गौठान मे डीएमएफ मद से लगवाई है. महिलाएं चिप्स का निर्माण कर रही हैं. बहुत जल्द ये चिप्स बाजार में मिलेंगे और नाम होगा "गांव वाला" चिप्स. इस चिप्स का एक पैकेट 5 रुपए में मिलेगा. इस पैकेट में 15 ग्राम चिप्स होगी. ये वजन बाजार में मिलने वाले 5 रुपये के किसी अन्य चिप्स से अधिक है. हालांकि महिला समूह कई प्रकार की आजीविका से जुड़ी हैं और तमाम वस्तुओं का निर्माण करती हैं. लेकिन आलू चिप्स बेचने का ये फॉर्मूला वोकल फॉर लोकल की अपील को मजबूती प्रदान करेगा. अब जिले में ही पैदा होने वाले आलू से चिप्स जिले में ही बनाई जाएगी. इस तरह लोकल ब्रांड को पहचान मिलेगी. लोग अपने लोकल ब्रांड की चिप्स का स्वाद ले पाएंगे
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रोजगार से जुड़ रही महिलाएं
जिले में बिहान अंतर्गत गठित एफपीओ द्वारा महिला समूहों के सहयोग से क्षेत्र में उत्पादित मसाला प्रसंस्करण का भी विक्रय किया जा रहा है. फ़ूड प्रोसेसिंग एवं वैल्यू एडिशन के बाद वित्तीय वर्ष 2021-22 के जनवरी माह तक लगभग 11 लाख रुपये के उत्पादों का विक्रय किया गया है. फूड प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन से महिला समूहों को आर्थिक रूप से मजबूती मिल रही है. अम्बिकापुर स्थित टीसीपीसी में बिहान की महिलाओं द्वारा मसाला, आचार एवं पापड़ का उत्पादन कर पैकिंग का कार्य किया जा रहा है. इस तरह सरगुजा के गौठानों में महिलाएं रोजागर से जुड़ रही है.