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अंबिकापुर के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती बच्ची की मौत, परिजनों ने लगाए ये आरोप

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Published : Sep 8, 2019, 9:25 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

परिजन केन्द्र के संचालक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं कि इलाज के आभाव में सिमरन की मौत हुई है. मौत की खबर किसी को पता ना चले इसलिए बच्ची का शव परिजनों को सौंप दिया गया और आनन-फानन में शव को गांव रवाना कर दिया गया.

पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती बच्ची की मौत

सरगुजा : जिले के लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सेमरडीह की डेढ़ वर्षीय कुपोषित बच्ची की अंबिकापुर में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में इलाज के दौरान मौत हो गई है. परिजनों का आरोप है कि इलाज के अभाव में बच्ची की मौत हुई है.

पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती बच्ची की मौत

बीते 3 सितंबर को महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों ने शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात मासूम सिमरन की तबीयत खराब होने पर पोषण पुनर्वास केन्द्र लाया था, लेकिन परिजनों के कहने पर भी उसे डाक्टर के पास नहीं ले जाया गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

परिजनों ने लगाया डॉक्टर पर आरोप
परिजन केन्द्र के संचालक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं कि इलाज के अभाव में सिमरन की मौत हुई है. मौत की खबर किसी को पता न चले इसलिए बच्ची का शव परिजनों को सौंप दिया गया और आनन-फानन में शव को गांव रवाना कर दिया गया.

पढ़ें - कवर्धा : आकाशीय बिजली गिरने से दो बच्चों की मौत

इस तरह की आशंका
वहीं विभाग के अधिकारी मौत की वजह बच्ची के गले में कुछ फंसा होना बता रहे हैं. सिमरन की मौत होने के बाद ये सवाल उठ रहा है कि आखिर डेढ़ साल की बच्ची के गले में क्या फंसा था कि उसकी मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक जिस लुण्ड्रा ब्लॉक बच्ची रहने वाली है, उस क्षेत्र में सबसे अधिक कुपोषित बच्चों की पहचान हुई है. सिमरन की मौत के बाद क्षेत्र और गांव के जनप्रतिनिधि इस केन्द्र में बच्चा भेजने से डर रहे हैं.

सरगुजा : जिले के लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सेमरडीह की डेढ़ वर्षीय कुपोषित बच्ची की अंबिकापुर में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में इलाज के दौरान मौत हो गई है. परिजनों का आरोप है कि इलाज के अभाव में बच्ची की मौत हुई है.

पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती बच्ची की मौत

बीते 3 सितंबर को महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों ने शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात मासूम सिमरन की तबीयत खराब होने पर पोषण पुनर्वास केन्द्र लाया था, लेकिन परिजनों के कहने पर भी उसे डाक्टर के पास नहीं ले जाया गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

परिजनों ने लगाया डॉक्टर पर आरोप
परिजन केन्द्र के संचालक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं कि इलाज के अभाव में सिमरन की मौत हुई है. मौत की खबर किसी को पता न चले इसलिए बच्ची का शव परिजनों को सौंप दिया गया और आनन-फानन में शव को गांव रवाना कर दिया गया.

पढ़ें - कवर्धा : आकाशीय बिजली गिरने से दो बच्चों की मौत

इस तरह की आशंका
वहीं विभाग के अधिकारी मौत की वजह बच्ची के गले में कुछ फंसा होना बता रहे हैं. सिमरन की मौत होने के बाद ये सवाल उठ रहा है कि आखिर डेढ़ साल की बच्ची के गले में क्या फंसा था कि उसकी मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक जिस लुण्ड्रा ब्लॉक बच्ची रहने वाली है, उस क्षेत्र में सबसे अधिक कुपोषित बच्चों की पहचान हुई है. सिमरन की मौत के बाद क्षेत्र और गांव के जनप्रतिनिधि इस केन्द्र में बच्चा भेजने से डर रहे हैं.

Intro:सरगुजा - जिले के लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सेमरडीह की डेड वर्षीय कुपोषित बच्ची सिमरन की अम्बिकापुर में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र मे इलाज के दौरान मौत हो गई परिजनों का आरोप है कि इलाज के आभाव मे बच्ची की मौत हुई है. तो वही महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियो के बयान से केन्द्र के संचालक और डाक्टरो की लापरवाही की बात स्पष्ट हो रही है ,डॉक्टरों का कहना है की बच्चे के गले में कुछ फसने से मौत हुई है







Body: अंबिकापुर मेडिकल कालेज कैंपस मे संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र वैसे तो कुपोषित बच्चो को सुपोषित करने के लिहाज से खोला गया है लेकिन केन्द्र की अनदेखी और बेहतर आहार की कमी के कारण केन्द्र मे बच्चे की बेहतर देखभाल नही हो पा रही है. ऐसे मे इस केन्द्र मे एक मासूम की मौत हो जाना केन्द्र के बेहतर संचालन पर सवाल खडा करने के लिए काफी है

दरअसल जिले के लुण्ड्रा क्षेत्र के सेमरडीह गांव की रहने वाले एक परिवार की डेढ साल की बच्ची सिमरन कुपोषण की शिकार थी. जिसके बाद बीते 3 सितंबर को महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियो ने बच्ची की बेहतरी के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्र लाया था. लेकिन शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात मासूम सिमरन की तबियत बिगडी. लेकिन परिजनो की कहने पर भी उसे डाक्टर के पास नहीं ले जाया गया और उसकी मौत हो गई. लिहाजा अब परिजन केन्द्र के संचालक डाक्टर पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. कि इलाज के आभाव मे सिमरन की मौत हुई है.जिसके बाद सिमरन की मौत की खबर किसी को पता ना चले . इसलिए उसकी मौत के बाद बच्ची का शव परिजनो को सौंप दिया गया और आनन फानन मे सिमरन के शव को गांव रवाना कर दिया गया

Conclusion:वही विभाग के अधिकारी मौत की वजह बच्चे के गले मे कुछ फंस जाने की वजह से मौत होना बताया है . इस तरह से सिमरन की मौत होने के बाद ये सवाल उठता है कि आखिर डेढ साल की बच्ची के गले मे आखिर क्या फंस गया था कि उसकी मौत हो गई.. जानकारी के मुताबिक जिस लुण्ड्रा ब्लाक की रहने वाली इस बच्ची की मौत हुई है. उस क्षेत्र मे सबसे अधिक कुपोषित बच्चो की पहचान हुई है. लेकिन सिमरन की मौत के बाद क्षेत्र और गांव के जनप्रतिनिधि इस केन्द्र मे बच्चा भेजने से भी डरने लगे हैं.



बाईट-1-उबलाल , मृतका सिमरन के पिता

बाईट 2--गजेंद्र सिंह टेकाम, सरपंच,सेमरडीह

बाईट-3-बसंत मिंज, महिला बाल विकास विभाग अधिकारी,सरगुजा 



Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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