सरगुजा: छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीन में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जानकारी के बाद जिला कलेक्टर एक्शन मोड में नजर आए. कलेक्टर ने फर्जी तरीके से 112 एकड़ जमीन अपने नाम कराने के मामले में कार्रवाई की है. आगे और भी ऐसे मामलों में कार्रवाई का कलेक्टर ने आश्वासन दिया है.
112 एकड़ जमीन के फर्जी मालिकों पर कार्रवाई: दरअसल, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनते ही प्रशासन भी एक्शन मोड में नजर आ रही है. सरगुजा जिले के मैनापाट की सरकारी जमीनों को कांग्रेस नेता सहित अन्य लोगों के द्वारा अपना कराने का फर्जीवाड़ा मामला सामने आया है. कांग्रेस के शासनकाल में इस मामले में धीमी गति से कार्रवाई हो रही थी. हालांकि भाजपा की छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गई है. जिले में ऐसे फर्जी 112 एकड़ जमीन के फर्जी मालिकों पर कार्रवाई की गई है.
कई जमीनों को किया कब्जा: बताया जा रहा है कि सरगुजा जिले के मैनपाट के उरंगा, बरिमा सहित कमलेश्वरपुर गांव की सरकारी जमीन को अपने नाम करने का मामला ग्रामीणों ने कई बार जनदर्शन सहित कलेक्टर के सामने रखी. हालांकि कांग्रेसी नेताओं की संलिप्तता के कारण जांच की गति धीमी थी. मामले में भू माफिया स्कूल और खेल मैदान सहित जंगल की जमीन को अपने नाम कर लिया था.
एक्शन मोड में कलेक्टर: इस पूरे मामले में सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि, "3 माह पहले शिकायतों की जांच की गई. इसमें कब्जाधारियों द्वारा किसी भी तरह का कोई प्रमाण नहीं दिखाया गया. इसके बाद 112 एकड़ की जमीन को शासकीय मद पर स्थानांतरित कर दिया गया है. इस मामले में 3 पटवारी और 2 आरआई को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया. हालांकि संतोषजनक जवाब न मिलने पर मिलीभगत की कार्रवाई की जाएगी."
ग्रामीणों में जगी उम्मीद: बता दें कि छत्तीसगढ़ में पहले कांग्रेस की सरकार होने के कारण जांच में तेजी नहीं आई थी. हालांकि भाजपा की सरकार बनते ही प्रशासन भी ऐसे मामलों में पहले से ही कार्रवाई कर रही है. बताया जा रहा है कि मैनपाट के ज्यादातर इलाकों में कांग्रेसी नेताओं ने फर्जीवाड़ा कर जमीन अपने नाम कर लिया था. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तो की लेकिन जांच नहीं की गई थी. अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा.