सरगुजा: किसी की मौत पर सियासत किस हद तक हो सकती है, ये इस समय सरगुजा में देखने को मिल रहा है. यहां सभी राजनीतिक पार्टी पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना रखते हुए इस लड़ाई को मृतक के परिवार की लड़ाई बता रही है. पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में पहले युवा मोर्चा फिर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और अब वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री रेणुका सिंह भी इस मामले में सरगुजा पहुंची और पंकज बेक की हत्या का आरोप सीधे पुलिस पर लगा रही हैं.
रेणुका सिंह सांसद और मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने उसी चिर परिचित अंदाज में दिखीं जिस शैली के लिए वो जानी जाती थी. उन्होंने इस बार सीधा हमला किया है और छत्तीसगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
मंत्री के भाई का दामाद था पंकज
कांग्रेस पर सरकार और पुलिस को बचाने का आरोप भले लग रहे हों, लेकिन एक बड़ा सच सामने निकलकर ये आया है कि मृतक पंकज बेक से कांग्रेस का गहरा नाता है. पंकज बेक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और उनकी कैबिनेट में मंत्री अमरजीत भगत के भाई का दामाद था. यहीं वजह है कि शनिवार को अमरजीत भगत तेज बुखार में भी मृतक पंकज के घर पहुंचे थे.
'दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई'
पंकज के परिवार से मिलने के बाद मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच चल रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर वे पंकज के परिवार से मिलने आये हैं. हालांकि इस दौरान मंत्री जी ने मृतक के परिजन को 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग पर कहा कि बात पैसे की नहीं है, पैसे से किसी की जिंदगी वापस नहीं आती है और किसी की जान की तुलना पैसे से नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कांग्रेस सरकार सजग है और इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है.
'पुलिस और सरकार जिम्मेदार'
पंकज के परिजन से मिलने के बाद अमरजीत भगत ने सरगुजा में ही विश्राम गृह में जनजातीय मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और तमाम बड़े अधिकारियों के साथ करीब एक घंटे तक बैठक की. बैठक सरगुजा आईजी, एसपी, सूरजपुर एसपी, सरगुजा कलेक्टर सहित जिले के तमाम बड़े अधिकारी मौजूद थे. बैठक खत्म होते ही रेणुका सिंह मीडिया के सामने आईं और पुलिस पर सीधा प्रहार करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. रेणुका सिंह ने सरकार और पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह से पुलिस हिरासत में एक आदिवासी युवक की हत्या की गई. जितनी क्रूरता युवक के साथ की गई, उतनी क्रूरता नक्सली भी नहीं करते हैं.