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सरगुजा में नल-जल योजना का बुरा हाल, यहां दूषित पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण

गांव में सौर ऊर्जा से चलने वाली पानी टंकी के साथ नल भी लगाई गई है. बावजूद ग्रामीण इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

सरगुजा
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Published : Apr 21, 2019, 5:35 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजाः लुण्ड्रा के पास स्थित बहेराडीह और सासोली गांव में नल-जल योजना का बुरा हाल है. गांव में सौर ऊर्जा से चलने वाली पानी टंकी के साथ नल भी लगाई गई है. बावजूद ग्रामीण इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

नल-जल योजना का बुरा हाल

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कुछ नल तो ऐसे हैं, जिनमें पानी निकलता ही नहीं है. पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. लोगों को पीने का पानी काफी दूर से लाना पड़ता है. गांव के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

प्रशासन भी नहीं ले रहा सुध
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही नेता वोट मांगने आ जाते हैं, लेकिन जितने के बाद दर्शन तक नहीं देते. इधर, प्रशासन भी इस समस्या को लेके कोई सुध नहीं ले रहा है.

सरगुजाः लुण्ड्रा के पास स्थित बहेराडीह और सासोली गांव में नल-जल योजना का बुरा हाल है. गांव में सौर ऊर्जा से चलने वाली पानी टंकी के साथ नल भी लगाई गई है. बावजूद ग्रामीण इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

नल-जल योजना का बुरा हाल

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कुछ नल तो ऐसे हैं, जिनमें पानी निकलता ही नहीं है. पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. लोगों को पीने का पानी काफी दूर से लाना पड़ता है. गांव के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

प्रशासन भी नहीं ले रहा सुध
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही नेता वोट मांगने आ जाते हैं, लेकिन जितने के बाद दर्शन तक नहीं देते. इधर, प्रशासन भी इस समस्या को लेके कोई सुध नहीं ले रहा है.

Intro:
लुण्ड्रा,
सरगुजा के लुण्ड्रा जनपद के महज 2 किलोमीटर दूर पर स्थित है यह बहेराडीह व सासोली गांव जहां नल-जल योजना के तहत   सौर ऊर्जा से चलने वाली पानी टँकी तो लगी हुई है और जगह जगह पर नल भी लगाई गई जो सोपिस बनकर रह गया .

विकासखंड लुण्ड्रा से महज 2 किलोमीटर कि दूरी में बसा
ग्राम पंचायत बहेराडीह, सासोली के लोग आज भी पिने की पानी के किल्लत से जूझ रहे हैं।

इन गांवों की आबादी 300 से 400 घरों की है। गांव में चार, पांच सरकारी हैंडपम्प व नल तो शासन ने लगा दिया है , पर ये नल मात्र सोपिस बनकर रह गए हैं।  ग्रामिणो की सुने तो कुछ नल तो ऐसे है जिनमे आजतक पानी निकला ही नही है। जिससे यह बात तो स्पष्ट है कि संबंधित विभाग की खानापूर्ति व कमीशन खोरी के खेल ने गांव में स्थापित इन नलों की खूबसूरती बढा दी है।पानी की किल्लत ने लोगो को दर दर की ठोकर खाने पर मजबूर कर दिया है। जिस कारण से लोगों को पीने का पानी काफी दूर से लाना पड़ता है। गांव के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है. 

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जब वोट के समय नजदीक आते ही नेता तो वोट मांगने आते है लेकिन जितने के बाद दर्शन तक नही होता. और समस्या धरी की धरी रह जाती है। 

(1,2,3 ग्रामीणों की बाइट)
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लुण्ड्रा,
सरगुजा के लुण्ड्रा जनपद के महज 2 किलोमीटर दूर पर स्थित है यह बहेराडीह व सासोली गांव जहां नल-जल योजना के तहत   सौर ऊर्जा से चलने वाली पानी टँकी तो लगी हुई है और जगह जगह पर नल भी लगाई गई जो सोपिस बनकर रह गया .

विकासखंड लुण्ड्रा से महज 2 किलोमीटर कि दूरी में बसा
ग्राम पंचायत बहेराडीह, सासोली के लोग आज भी पिने की पानी के किल्लत से जूझ रहे हैं।

इन गांवों की आबादी 300 से 400 घरों की है। गांव में चार, पांच सरकारी हैंडपम्प व नल तो शासन ने लगा दिया है , पर ये नल मात्र सोपिस बनकर रह गए हैं।  ग्रामिणो की सुने तो कुछ नल तो ऐसे है जिनमे आजतक पानी निकला ही नही है। जिससे यह बात तो स्पष्ट है कि संबंधित विभाग की खानापूर्ति व कमीशन खोरी के खेल ने गांव में स्थापित इन नलों की खूबसूरती बढा दी है।पानी की किल्लत ने लोगो को दर दर की ठोकर खाने पर मजबूर कर दिया है। जिस कारण से लोगों को पीने का पानी काफी दूर से लाना पड़ता है। गांव के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है. 

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जब वोट के समय नजदीक आते ही नेता तो वोट मांगने आते है लेकिन जितने के बाद दर्शन तक नही होता. और समस्या धरी की धरी रह जाती है। 

(1,2,3 ग्रामीणों की बाइट)
Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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