सरगुजा: जिला मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर दूर चुरहट नाला में बना इंदिरा गांधी कुंवरपुर डैम बदहाली का मार झेल रहा है. अंबिकापुर-बिलासपुर मुख्यमार्ग से सटा हुआ डैम हमेशा से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसकी प्राकृतिक खूबसूरती के कारण ही सैलानी यहां पिकनिक मनाने आते है, लेकिन व्यवस्थाओं के अभाव में सैलानियों का आना, न के बराबर हो गया है.
सरगुजा जिले का ये पहला डैम है जो 1972 में बना था. इसका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने किया था. उद्घाटन के बाद से ही क्षेत्रवासी ने इस डैम को लेकर लंबे सपने संजो रखे थे. लेकिन आज की स्थिति में इसकी दुर्दशा बहुत ही खराब है. पहले डैम से निकली नहर का पानी 20 किलोमीटर की दूरी तक किसानों की जमीनों को सींचता था लेकिन अब पांच किलोमीटर तक पहुंचना भी मुश्किल हो चला है. जिससे किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
नहीं आते सैलानी
स्थानीय लोगों का कहना है की शुरुआती समय में कुंवरपुर डैम ठीक था पानी भी लोगों को भरपूर मिल जाता था, लेकिन अब कुंवरपुर डैम भ्रष्टाचार का भेंट चढ गया है. डैम के मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए तो निकाले जाते हैं, लेकिन काम के नाम पर केवल खानापूर्ति ही कर दी जाती है. जिसकी वजह से आज कुंवरपुर डैम में न तो पानी रहा और न ही अब कोई यहां आना पसंद करता है. यहां आने वाले सैलानी भी कहते है कि कुंवरपुर डैम में व्यवस्थाओं की कमी है यहां बैठने की व्यवस्था, रुकने की व्यवस्था, यहां तक कि पानी पीने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है.
डैम के सौंदर्यकरण पर देना चाहिए ध्यान
पहले लोग दूर-दूर से पिकनिक मनाने यहां आते थे, लेकिन सुविधाओं की कमी से महीने में एकाद लोग ही नजर आते है. लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन कुंवरपुर डैम के सौंदर्यकरण पर ध्यान दें तो निश्चित तौर पर यहां पर्यटकों का आना बढ़ जाएगा. सरकार क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े वादे तो करती है लेकिन इंदिरा गांधी कुंवरपुर लखनपुर डैम को देखकर लगता है कि सच्चाई इससे कोसों दूर है.