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पशुओं के लिए मौजूद आपातकालीन सेवाएं ठप, कबाड़ में तब्दील हो रहे वाहन - पशु रेस्क्यू वाहन जर्जर

पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अंबिकापुर को पशु वाहन की सौगात दी थी, लेकिन विभाग ने इसका इस्तेमाल कभी किया ही नहीं.

पशुओं के लिए मौजूद आपातकालीन सेवाएं ठप, कबाड़ में तब्दील हो रहे वाहन
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Published : Oct 5, 2019, 8:40 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: आपातकालीन स्थिति में मेडिकल सुविधा मुहैया कराने के लिए 108, 102 जैसी सुविधा की जानकारी तो सभी को है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि किसी पशु को अपातकालीन मेडिकल सुविधा दिलाने लिए कौन से नंबर पर फोन लगाया जाए. अगर आप सोच रहे होंगे की एसी कोई सुविधा नहीं है तो, हम आपको बता दें कि 108,102 की तर्ज पर पशु रेस्क्यू वाहन की सुविधा मौजूद है.

पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अंबिकापुर को पशु वाहन की सौगात दी थी. शहर में रहने वाले लोगों के जहन में यह सवाल उठ रहा होगा कि, ऐसे किसी वाहन को तो आपने सड़कों पर घूमते देखा ही नहीं, तो हम आपको बता दें, सरकार की ओर से सुविधा जरूर दी गई थी, लेकिन विभाग ने इसका इस्तेमाल कभी किया ही नहीं.

जिले को पशु वाहन देने के पीछे का मकसद यह था कि, गांव, कस्बे और शहरों की सड़कों पर होने वाले हादसों में घायल आवारा पशुओं के फौरन इलाज मुहैया कराया जाए. पशुपालन विभाग को 15 से 20 लाख रुपए की लागत से लिए गए वाहन में हाईटेक हाइड्रोलिक सिस्टम भी दिया गया है, जिसमें घायल मवेशियों को उठाकर वाहन में रखने और तत्काल पशु चिकित्सालय ले जाने की सुविधा है. इस पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग के जिला अधिकारी को दी गई थी.

पढे़ं : VIDEO: मां महामाया के दर पर पहुंचे सीएम, इस सवाल से बचकर निकले

एक साल से एक ही स्थान में खड़े रहने की वजह से यह वाहन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. यह वाहन आज काम लेने लायक नहीं है. दुर्घटनाग्रस्त पशुओं को नगर निगम के गाड़ियों से पशु अस्पताल तक ले जाया जाता है. हर ब्लॉक में यह सुविधा उपलब्ध कराने की योजना थी, जो की अब पूरी तरह से ठंडे बस्ते में जा चुकी है.

काश ये बेजुबान पशुओं में सोचने और समझने की शक्ति होती और वो भी सिस्टम के खिलाफ मोर्चा खोलकर अपनी बात रख पाते. अफसोस ऐसा नहीं है और इसी वजह से शायद ये बेजुबान सड़कों पर मरने को मजबूर हैं.

सरगुजा: आपातकालीन स्थिति में मेडिकल सुविधा मुहैया कराने के लिए 108, 102 जैसी सुविधा की जानकारी तो सभी को है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि किसी पशु को अपातकालीन मेडिकल सुविधा दिलाने लिए कौन से नंबर पर फोन लगाया जाए. अगर आप सोच रहे होंगे की एसी कोई सुविधा नहीं है तो, हम आपको बता दें कि 108,102 की तर्ज पर पशु रेस्क्यू वाहन की सुविधा मौजूद है.

पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अंबिकापुर को पशु वाहन की सौगात दी थी. शहर में रहने वाले लोगों के जहन में यह सवाल उठ रहा होगा कि, ऐसे किसी वाहन को तो आपने सड़कों पर घूमते देखा ही नहीं, तो हम आपको बता दें, सरकार की ओर से सुविधा जरूर दी गई थी, लेकिन विभाग ने इसका इस्तेमाल कभी किया ही नहीं.

जिले को पशु वाहन देने के पीछे का मकसद यह था कि, गांव, कस्बे और शहरों की सड़कों पर होने वाले हादसों में घायल आवारा पशुओं के फौरन इलाज मुहैया कराया जाए. पशुपालन विभाग को 15 से 20 लाख रुपए की लागत से लिए गए वाहन में हाईटेक हाइड्रोलिक सिस्टम भी दिया गया है, जिसमें घायल मवेशियों को उठाकर वाहन में रखने और तत्काल पशु चिकित्सालय ले जाने की सुविधा है. इस पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग के जिला अधिकारी को दी गई थी.

पढे़ं : VIDEO: मां महामाया के दर पर पहुंचे सीएम, इस सवाल से बचकर निकले

एक साल से एक ही स्थान में खड़े रहने की वजह से यह वाहन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. यह वाहन आज काम लेने लायक नहीं है. दुर्घटनाग्रस्त पशुओं को नगर निगम के गाड़ियों से पशु अस्पताल तक ले जाया जाता है. हर ब्लॉक में यह सुविधा उपलब्ध कराने की योजना थी, जो की अब पूरी तरह से ठंडे बस्ते में जा चुकी है.

काश ये बेजुबान पशुओं में सोचने और समझने की शक्ति होती और वो भी सिस्टम के खिलाफ मोर्चा खोलकर अपनी बात रख पाते. अफसोस ऐसा नहीं है और इसी वजह से शायद ये बेजुबान सड़कों पर मरने को मजबूर हैं.

Intro:अम्बिकापुर -शहर एवं ग्रामीण इलाकों में कई प्रकार के आपातकालीन सेवाएं संचालित की जा रही है जिससे लोगों को तत्काल राहत मिल रहा है तो कई लोगों के लिए आपातकालीन सेवा वरदान साबित हो चुका है लेकिन क्या आप को मालूम है कि पशुओं के लिए भी आपातकालीन सेवा चलाया जा रहा है ज्यादातर लोग पशुओं के लिए चलाए जा रहे आपातकालीन सेवा के बारे में नहीं जानते हैं|
जब की हकीकत यह है कि पशुओं के लिए भी आपातकालीन सेवाएं संचालित की जा रही है लेकिन विभाग की लापरवाही की वजह से यह सेवा पूरी तरह से जिले में ध्वस्त हो चुकी है। सिस्टम ने पशु रेस्क्यू वाहन को कबाड़ में तब्दील होने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया है। Body:दरअसल भाजपा शासनकाल में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के द्वारा अंबिकापुर में रेस्क्यू वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था इसका मुख्य उद्देश्य की राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य राजमार्ग सहित जिला प्रमुख मार्गो में स्थित ग्राम कस्बे एवं शहरों की सड़कों पर विचरण करने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुए पशुओं को तत्काल इलाज मुहैया कराई जा सके लेकिन यह उद्देश्य सिस्टम की लापरवाही की वजह से पूरा नहीं हो सका। छत्तीसगढ़ के सभी जिले में रेसक्यू वाहन कबाड़ में तब्दील हो रहा है करीब 15 से 20 लाख रुपए की लागत से बना वाहन पूरी तरह से हाईटेक है जिसमें हाइड्रोलिक सिस्टम भी दिया गया है जिसमें घायल मवेशियों को उठाकर वाहन में रखते हुए उन्हें तत्काल गौशाला पशु चिकित्सालय ले जाया जा सके। इस पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग के जिला अधिकारी को दी गई थी लेकिन आज तक एक भी रेस्क्यू इस वाहन से नहीं किया गया न हीं इस वाहन के बारे में लोगों को जानकारी दी गई कि किसी भी प्रकार की पशु दुर्घटना के दौरान इसे बुलाया जा सके अधिकारियों के इस रवैए की वजह से लाखों रुपए के रेस्क्यू वाहन आज धीरे-धीरे कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं। Conclusion: इस पशु रेस्क्यू वाहन खरीदी करीब 1 साल पहले ही की गई थी वही हर ब्लाक में इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना थी जो अब पूरी तरह से ठंडे बस्ते में जा चुकी है वर्तमान में दुर्घटनाग्रस्त पशुओं को नगर निगम के गाड़ियों से पशु अस्पताल तक ले जाया जाता है जिम्मेदार अधिकारी शायद इसलिए इस ओर जिम्मेदारी नहीं दिखाते हैं कि बेजुबान जानवर किस के पास जाकर अपनी समस्या बताएंगे,,

बाईट 01 - रिंकू तिवारी (गौ सेवक )
बाईट 02 - डॉ .एन.पी.सिंह (उप संचालक पशु विभाग )

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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