अंबिकापुर: यह कहानी छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के जरही गांव में रहने वाले युवा किसान राकेश गुप्ता की है. ईंट के बिजनेस में इस युवक को जब बड़ा नुकसान हुआ, तो वो कर्ज मे दब गया. बैंक का 15 लाख का कर्ज था, बिजनेस नहीं चल रहा था, तब इस युवक ने खेती करने की ठानी. अपनी मेहनत के दम पर आज वह करीब 50 एकड़ से अधिक जमीन पर खेती कर रहा है. सालाना 70 से 80 लाख का व्यापार कर इस युवा किसान ने अपने साथ करीब 150 लोगों को रोजगार दे दिया है. आइये कर्ज तले दबा युवक से सफल किसान बनने तक के उनके सफर को जानते हैं.
15 लाख के कर्ज में डूबा था युवक: राकेश ने 22 वर्ष की उम्र मे ही ईंट का कारोबार 2008 में शुरू किया, लेकिन ये कारोबार नहीं चला. इस काम में 15 लाख का कर्ज अलग हो गया. 2011 में जब राकेश की उम्र 25 वर्ष हुई, तब उनका बिजनेस पूरी तरह से घाटे मे जा चुका था. कर्ज कैसे चूकेगा यह भी नहीं समझ या रहा था. तब राकेश ने बिजनेस बदलने का प्लान किया और उसने खेती करनी शुरु की.
ऐसे शुरु हुआ खेती से सफलता का सफर: पिछला कर्ज चुकाने और नए बिजनेस को शुरू करने में उनकी मां समेत कुछ सहयोगियों ने ने मदद की. राकेश ने अपने भाई के साथ मिलकर खुद की 10 एकड़ जमीन पर खेती शुरू की. खेती से जब मुनाफा समझ आने लगा, तो उसने लीज पर लोगों की खेत लेकर अपने फसल के पैदावार को बढ़ाया. आज जिले में 3 अलग अलग जमीनों पर खेती करने के साथ ही राकेश बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर में भी खेती कर रहे हैं. इनके पास अब खुद की 10 एकड़ और करीब 40 एकड़ से अधिक जमीन लीज पर है.
"जब ईंट के काम मे नुकसान होने लगा तो उसे बंद करके मैंने खेती शुरू की, पहले खुद के 3 एकड़ खेत पर ड्रिप के जरिए मैंने खेती की. जब उसमें फायदा होने लगा, तो धीरे धीरे जमीन किराये पर लेने लगा. खुद की 10 से 12 एकड़ जमीन है. करीब 40 एकड़ जमीन लीज पर लेकर खेती कर रहे हैं. साल का 70 से 80 लाख रुपये का टर्न ओवर होता है. जिसमे सैलरी और सारे खर्च काटने के बाद 15 लाख के करीब मुनाफा हो जाता है." - राकेश, युवा किसान
गांव में रोजगार मिलने से कर्मचारी खुश: खेत मे काम करने वाली उमेश्वरी और गीता कहतीं हैं कि इतना कमा लेते हैं कि घर चला लेते हैं. हमेशा यहीं काम करते हैं. यहां काम करने में अच्छा लगता है, पैसा टाइम से मिल जाता है. मजदूरों का कहना है कि यहां काम इतना है कि कहीं और जाने की जरूरत ही नहीं है. राकेश के खेत में काम करने वाले सभी कर्मचारी खुश हैं. गांव में ही इन्हें बारहों महीने का रोजगार मिल गया है.
100 ज्यादा मजदूरों को दिया रोजगार: राकेश अब करीब 50 एकड़ जमीन पर अलग अलग प्रकार की फसलों की खेती कर रहे हैं. सीजन के अनुसार अलग अलग सब्जियों की खेती से उन्हें काफी मुनाफा हो रहा है. बड़ी बात ये है कि साल के 8 महीने करीब 200 मजदूर इनके साथ काम करते हैं. आफ सीजन मे भी सौ से अधिक मजदूर काम करते हैं. राकेश ने खेती से ना सिर्फ खुद का जीवन संवारा है, बल्कि सौ से अधिक मजदूरों को भी स्थाई काम दे दिया है.