अंबिकापुर: संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं की आंसर शीट को स्पीड पोस्ट करने का फरमान तो जारी कर दिया है, लेकिन यह फरमान छात्र-छात्राओं के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. उत्तर पुस्तिका जमा करने के चक्कर में पोस्ट ऑफिस में छात्र-छात्राओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में यहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच अपना एक साल बर्बाद होने के डर से मजबूरन स्टूडेंट्स कतार में लगकर आंसर शीट जमा करा रहे हैं. स्टूडेंट्स का कहना है कि डर तो है पर परीक्षा भी तो है.
दरअसल संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय से संबंधित महाविद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित कराई जा रही है. ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन प्रश्न पत्र भेजे जा रहे हैं. उन्हें अपने घर से ही परीक्षा देनी है. परीक्षा देने के बाद स्टूडेंट्स को उत्तर पुस्तिकाओं को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजना है, लेकिन आंसर शीट को स्पीड पोस्ट करने के लिए छात्र-छात्राओं को पोस्ट ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच हो रही तकलीफ
छात्र-छात्राएं परीक्षा देने के बाद आंसर शीट स्पीड पोस्ट करने के लिए पोस्ट ऑफिस पहुंच रहे हैं. यही कारण है कि पोस्ट ऑफिस में अचानक से भीड़ बढ़ गई है. हर स्टूडेंट अपनी उत्तर पुस्तिका पहले जमा करना चाहता है, ऐसे में पोस्ट ऑफिस के अंदर और बाहर छात्र-छात्राओं की कतार लग रही है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि वर्तमान में शहर सहित जिलेभर में कोरोना वायरस नियंत्रण के बाहर हो चुका है. हर दिन बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं और अब मौत के आंकड़ों में भी तेजी से वृद्धि हो रही है.
कॉलेज में जमा कराई जानी थी आंसर शीट
पोस्ट ऑफिस में उत्तर पुस्तिका जमा कराने आए छात्र-छात्राओं का कहना है कि पोस्ट ऑफिस के अंदर ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और ना ही सैनिटाइजेशन का ध्यान रखा जा रहा है. ऐसे में उचित होता कि कॉलेज में भी उत्तर पुस्तिकाओं को जमा कराने की व्यवस्था की गई होती या फिर नाम के अल्फाबेट के आधार पर आंसर शीट जमा कराने के लिए बुलवाया गया होता.
जमा करने का भी पैसा
छात्र-छात्राओं का कहना है कि कॉलेज में एडमिशन से लेकर परीक्षा के नाम पर फीस ली गई, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. परीक्षा लिखने के लिए आंसर शीट खुद से खरीदनी पड़ी और अब लिफाफा खरीदने के साथ ही स्पीड पोस्ट का खर्च अलग से वहन करना पड़ रहा है.
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छात्राओं का कहना है कि परीक्षा में ऑनलाइन जैसा कुछ भी नहीं रह गया है. ऑनलाइन के नाम पर प्रश्न पत्र भेज दिया जाता है. अब छात्र आंसर शीट में सवालों के जवाब देखकर लिख रहे हैं या फिर बिना देखे, इसका कोई पैमाना नहीं है. ऐसे में इस परीक्षा को लेकर सवाल उठना तो लाजिमी है.