अंबिकापुर: पेड़ों की कटाई और वनभूमि पर कब्जे का मामला ग्राम बेलदगी में सामने आया है. तस्करों और ग्रामीणों ने मिलकर दो एकड़ में लगे सैकड़ों सागौन पेड़ों की कटाई कर दी है. अंबिकापुर से लगे लखनपुर के जंगलों में कब्जा करने के चक्कर में पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है. लकड़ी तस्कर ग्रामीणों के साथ मिलकर बेखौफ पेड़ों को काट रहे है. जंगल की जमीन पर भी कब्जा किया जा रहा है.
पेड़ तस्करी के साथ जमीन कब्जे का प्रयास: वन विभाग ने ग्राम पंचायत बेलदगी के खचागुड़ा जंगल में सागौन पेड़ों की नर्सरी तैयार की थी. इस नर्सरी में सैकड़ों की संख्या में सागौन के पेड़ थे. लेकिन बीते एक सप्ताह से लकड़ी तस्कर और ग्रामीणों द्वारा सागौन पेड़ों की कटाई की जा रही है. तस्कर व ग्रामीण बेखौफ होकर इमारती लकड़ी की कटाई कर रहे है. इमारती लकड़ी की कटाई कर उनकी तस्करी तो की जा रही है इसके साथ ही जंगल की जमीन पर कब्जे का भी प्रयास किया जा रहा है.
"सामूहिक रूप से ग्रामीण पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है." - प्रेमसाय, सर्किल प्रभारी
विभाग को है जानकारी, लेकिन कार्रवाई नहीं: क्षेत्र के जिम्मेदार वन अधिकारी भी घटना से अवगत है, लेकिन अब तक तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे तस्करों के हौसले बुलंद है. जब इस बात की जानकारी पड़ोस के गांव वालों को हुई, तो उन्होंने घटना की जानकारी वन विभाग को दी. लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कब्जाधारियों और तस्करों द्वारा एक सप्ताह के अंदर लगभग एक हजार पेड़ों को काटा गया है. इस क्षेत्र के जंगलों की रक्षा की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों को दी गई है, वे भी तस्करों के आगे मजबूर नजर आ रहे है.
"पेड़ों के कटाई की जानकारी विभाग को मिली है, टीम को जांच के लिए भेजा जा रहा है, जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी" - बृजेश ठाकुर, एसडीओ
पिछले साल भी कटे थे 5 एकड़ में लगे पेड़: ग्राम पंचायत बेलदगी के जंगल में सागौन पेड़ों की कटाई का यह कोई पहला मामला नहीं है. पिछले साल भी इसी जंगल में सामूहिक रूप से तस्करों और ग्रामीणों ने मिलकर लगभग पांच एकड़ में लगे हजारों पेड़ों को काट दिया था. इस दौरान भी वन विभाग ने कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर मामले को रफा दफा कर दिया गया था. अब इस मामले में अधिकारी जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं. लेकिन समूहिक रूप से की गई पेड़ों की कटाई के मामले में क्या कार्रवाई होती है, यह आने वाले समय में पता चल सकेगा.