अम्बिकापुर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बतौली में शुक्रवार को एक बच्ची की मौत इलाज के दौरान हो गई. बच्ची कई दिनों से बीमार चल रही थी. घरवाले सीधा अस्पतला लाने की बजाय बैगा से झाड़ फूंक करा रहे थे. बच्ची की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर आनन फानन बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज शुरू तो हुआ लेकिन इसमें देर होने की वजह से बच्ची को बचाया नहीं जा सका.
4 दिन से बुखार में तप रही थी बच्ची: बच्ची जशपुर जिले के बगीचा थाना क्षेत्र की रहने वाली थी. सरडीग गांव में इस बच्ची का घर है. बच्ची को बीते रविवार से ही तेज बुखार था. तबियत ज्यादा बिगड़ने पर घरवालों ने बैगा से झाड़फूंक कराया. लगातार 4 दिनों तक बुखार न उतरने पर बच्ची की हालत गंभीर हो गई. इसके बाद बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बतौली में गुरुवार को भर्ती कराया गया.
बच्ची की हालात गंभीर थी. अस्पताल में जांच के बाद उसका उपचार किया जा रहा था. शुक्रवार दोपहर अस्पताल में ही बच्ची की मौत हो गई. बच्ची को सही समय पर अस्पताल में लाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी. -संतोष सिंह, बीएमओ
इलाज के दौरान हुई मौत: डाक्टरों की मानें तो बच्ची का बीपी और शुगर कम था. बच्ची का इलाज चल रहा था. लेकिन शुक्रवार की दोपहर अचानक बच्ची की तबीयत बिगड़ गई और कुछ समय बाद ही उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजन का रो रोकर बुरा हाल है. बता दें कि ये पहला मामला नहीं है. पहले भी कई लोग बीमारी का अस्पतला में इलाज कराने की बजाय बैगा से झाड़फूंक कराते हैं. कई बार उनका ये कदम जानलेवा साबित होता है.