सरगुजा: अम्बिकापुर (Ambikapur) ने इस नाम से खूब सोहरत कमाई है. छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य संभाग सरगुजा (Tribal majority division Surguja) का मुख्यालय अम्बिकापुर जिसने स्वच्छता के क्षेत्र में नित नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं. कम खर्च और सीमित संसाधन में यहां बड़ा काम किया गया. कचरे का ऐसा प्रबंध किया की सूखा कचरा, गीला कचरा, सेप्टिक टैंक का मलबा (Septic Tank Debris), नालियों का गंदा पानी तक रियूज किया गया और गंदगी और मुसीबत पैदा करने वाली चीजों से ही आमदनी के साधन बनाये. इस पूरे काम की मुख्य कड़ी यहां की स्वच्छता दीदी जिनकी मेहनत से यह सम्भव हो सका. एक बार फिर अम्बिकापुर ने देश में नाम कमाया है.
इस बार भी तीन तीन राष्ट्रीय पुरुष्कार अम्बिकापुर को मिले हैं. हालांकि सेकेंड क्लीनेस्ट सिटी (Second Cleanest City Ambikapur) के खिताब से ही अम्बिकापुर को संतुष्ट होना पड़ा. बहरहाल इस अवार्ड को लेने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) समेत अम्बिकापुर नगर निगम के मेयर भी दिल्ली पहुंचे थे. अवार्ड लेकर मेयर अजय तिर्की वापस अम्बिकापुर आ चुके हैं.
अम्बिकापुर पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले ईटीवी भारत से बातचीत की. स्वच्छता सर्वेक्षण में मिले स्थान के लिये सभी को बधाई दी. इसके साथ ही मेयर ने समाज के हर वर्ग का आभार भी व्यक्त किया. क्योंकि सभी के सहयोग से ही अम्बिकापुर स्वच्छ रखने की मुहिम सफल हो सकी है.
कौन कौन सा अवार्ड लेकर आये आप
इस वर्ष अम्बिकापुर नगर निगम को 5 स्टार गार्बेज फ्री सिटी, अम्बिकापुर को 5 स्टार शहर, प्रेरक दौड़ में गोल्ड अनुपम नगर एवं एक लाख से 10 लाख वाले शहरों में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है.
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कैसे होता है काम
2020 सर्वेक्षण में कचरे का कलेक्शन एवं निपटान के साथ वेस्ट रिडक्शन के लिए अंबिकापुर में कई नवाचार किए गए. प्लास्टिक से दाना, सीमेंट प्लांट के लिए आरडीएफ, दीदी बर्तन बैंक, नेकी की दीवार, आदि का प्रयोग कर जनसहभागिता सुनिश्चित किया गया. इस सर्वेक्षण में अंबिकापुर की ओर से तरल अपशिष्ट प्रबंधन में नालियों के पानी के उपचार के लिए प्राकृतिक पद्धति का प्रयोग कर वॉटर रिसाइकलिंग के क्षेत्र में काम किया. उपचारित जल का प्रयोग निर्माण कार्य एवं उद्यानों में किया जाता है.
नगर के 36 सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों का सौंदर्यीकरण करके बेहतरीन सुविधा सुनिश्चित की गई. स्वच्छता श्रृंगार योजना के माध्यम से समूह की दीदियों को रोजगार के साथ शौचालय संचालन की व्यवस्था की गई. नगर से निकलने वाले मल प्रबंधन के लिए एफएसटीपी प्लांट की स्थापना की गई है.
स्वच्छता दीदियों का उत्कृष्ट कार्य
नगर के 3,000 से ज्यादा परिवारों की तरफ से होम कम्पोस्टिंग के द्वारा गीले कचरे का घरों में निष्पादन किया जा रहा है. निगम की ओर से तैयार खाद का विक्रय कर आय अर्जन एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने में भी कार्य हो रहा है. नगर में निकलने वाले मलबे के प्रोसेसिंग कर विभिन उत्पाद तैयार किए जा रहे है. स्वच्छता दीदियों द्वारा कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी नगर के स्वच्छता अभियान में उत्कृष्ट कार्य किया गया है. निगम द्वारा किए गए कार्य एवं नागरिक फीडबैक के आधार पर अंबिकापुर को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में 1 लाख से 10 लाख जनसंख्या श्रेणी में देश में प्रथम स्थान से पुरस्कृत किया गया था.
2017 से 2020 तक सफर
अंबिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation), स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 में दो लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम एवं पूरे देश में 15वें स्थान पर था. अंबिकापुर नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में दो लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम, बेस्ट प्रैक्टिस इनोवेशन में देश में अव्वल और पूरे देश में 11वें स्थान में था. अंबिकापुर नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में दो लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम एवं पूरे देश में द्वितीय स्थान में था।. एवं 5 स्टार रेटिंग से पुरस्कृत किया गया था. इस वर्ष 2020 में हैट्रिक से भी एक कदम आगे जाते हुए अंबिकापुर अपने श्रेणी में लगातार चौथी बार देश में प्रथम स्थान पर रहा है. 1 लाख से 10 लाख के जनसंख्या के शहरों में अंबिकापुर अव्वल रहा है. उल्लेखनीय है कि देश के 6 फाइव स्टार शहरों में अंबिकापुर शामिल है.
गीला और सूखा कचरा बेचकर 6 करोड़ की कमाई
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर चलाए गए अभियान के तहत सरगुजा के नाम अब तक अनेकों उपलब्धियां जुड़ चुकी है. शहर में 17 एसएलआरएम सेंटर और एक टर्सरी सेंटर के माध्यम से सफाई वयवस्था का काम वर्तमान में 456 स्वच्छता दीदियां संभाल रही है. इन दीदियों गीला और सूखा कचरा बेचकर और यूजर चार्ज के माध्यम से 6 करोड़ से अधिक की कमाई की है. इनकी मासिक आय 18-20 लाख रुपए तक है. इन दीदियों को प्रतिमाह निगम से 8 हजार रुपए वेतन भी दिया जाता है.
वी रामचंद्रन अवार्ड
स्वच्छता सर्वेक्षण प्रारम्भ होने के बाद से अंबिकापुर नगर निगम के नाम अनेकों उपलब्धियां जुड़ी है. एसएलआरएम सेंटर प्रोजक्ट (SLRM Center Project) के कारण ही ननि को वर्ष 2015-16 में स्कॉच अवार्ड, 2017 में 2 लाख की आबादी में प्रथम और देश में 15वां स्थान मिला था. साल 2017 में ननि की स्वच्छता दीदियों को स्वच्छता ही सेवा अवार्ड, यूनाइटेड नेशन थ्री आर फोरम अवार्ड (United Nations 3R Forum Award), वी रामचंद्रन अवार्ड (V Ramachandran Award) मिल चुका है.
वर्ष 2018 में नगर निगम को स्वच्छता के क्षेत्र में 2 लाख की आबादी में प्रथम और देश में 11 वां रैंक मिली थी. जबकि 2019 में देश में दूसरा और बेस्ट प्रैक्टिस एन्ड इनोवेशन के लिए प्रथम स्थान, 5 स्टार रेटिंग मिल चुका है. वर्ष 2020 के स्वच्छता सर्वेक्षण में स्टार रेटिंग (Star Rating in Cleanliness Survey) में ननि को 5 स्टार मिले जबकि 20 अगस्त को स्वच्छता सर्वेक्षण की में 10 लाख की आबादी वाले शहरों में अम्बिकापुर पहले स्थान पर था. जबकि इस वर्ष अम्बिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) को 5 स्टार गार्बेज फ्री सिटी, अम्बिकापुर को 5 स्टार शहर, प्रेरक दौड़ में गोल्ड अनुपम नगर और एक लाख से 10 लाख वाले शहरों में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था.