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SPECIAL : कचरा मुक्त स्टार रेटिंग में अंबिकापुर को 5 स्टार, नंबर वन की राह हुई आसान

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Published : May 20, 2020, 6:36 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

अंबिकापुर शहर को कचरा मुक्त स्टार रेटिंग में एक बार फिर 5 स्टार रेटिंग दी गई है.इस उपलब्धि के बाद स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में अंबिकापुर के नंबर वन आने की उम्मीद बढ़ गई है.

5 star ambikapur
5 स्टार अंबिकापुर

सरगुजा : लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.. कवि हरिवंश राय बच्चन की इन लाइनों को सार्थक किया है छत्तीसगढ़ के एक छोटे से शहर अंबिकापुर ने. इस शहर ने स्वच्छता के क्षेत्र में ऐसे काम की शुरुआत की, जिसके प्रयोग के समय ही असफलता का डर सता रहा था, बिना योजना, बिना बजट के इतनी बड़ी चुनौती कुछ महिलाओं के कंधों पर थी, लेकिन 2014 से अब तक अंबिकापुर ने लगातार जो चमत्कार किए हैं जिसका ना सिर्फ पूरा देश बल्कि पड़ोसी मुल्क भी तारीफ करता है.

साफ सफाई में अंबिकापुर 5 स्टार

दरअसल, कोरोना के संकट और लॉकडाउन के बीच एक अच्छी खबर सामने आई, स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले नगर निगम अंबिकापुर ने देश में अपना सर्वोच्च स्थान बरकरार रखा है. नगर निगम को इस बार फिर से फाइव स्टार रैंक दिया गया हैं. रैंकिंग की इस सूची में अंबिकापुर का नाम सबसे पहले है, उसके बाद मैसूर, राजकोट, सूरत, इंदौर, नवी मुंबई के नाम शामिल है. इस उपलब्धि के बाद अंबिकापुर के स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नंबर वन आने की उम्मीद बढ़ गई है.

अंबिकापुर नगर निगम ने देश के 5 अन्य शहरों के साथ फाइव स्टार रैंकिंग की सफलता हासिल की है. इस परिणाम की घोषणा मंगलवार को वेबकास्ट के जरिए केंद्रीय शहरी विकास एवं आवासीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की है.

पढ़ें-छत्तीसगढ़ के लिए खुशखबरी: अंबिकापुर कचरा मुक्त शहर घोषित, मिले 5 स्टार

अंबिकापुर को मिल चुके हैं एक हजार अंक

इस बार संपन्न हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणाम अब घोषित होने शुरू हो गए हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत पूर्व में ही अंबिकापुर नगर निगम को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा दिया गया था. हालांकि अंबिकापुर वर्ष 2019 में ही 5 स्टार का दर्जा प्राप्त कर चुका है. इस बार होने वाले 6000 अंकों के स्वच्छता सर्वेक्षण में गार्बेज फ्री सिटी के 5 स्टार रैंकिंग में अंबिकापुर को 1000 अंक मिल चुके हैं जबकि 250 अंक नगर निगम को पूर्व में ओडीएफ प्लस प्लस के मिले थे.

7 स्टार रेटिंग की नहीं हुई घोषणा

अंबिकापुर ने इस बार 1250 अंकों के साथ 7 स्टार रैंकिंग के लिए अप्लाई किया था. 7 स्टार रैंकिंग के लिए शहर का वाटर प्लस और डस्ट फ्री होना जरूरी है. लेकिन इस बार भारत सरकार ने 7 स्टार रेटिंग की घोषणा ही नहीं की है.

पढ़ें-GOOD NEWS: शुरू हुआ देश का पहला गार्बेज कैफे, पॉलीथिन लाइए और खाना खाइए

अंबिकापुर में शुरू हुआ था देश का पहला गार्बेज कैफे

9 अक्टूबर 2019 को अंबिकापुर में देश का पहला गार्बेज कैफे खुला था. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहेदव ने भारत के पहले गार्बेज कैफे का उद्घाटन किया था. अंबिकापुर नगर निगम के बस स्टैंड के पास ये कैफे है. आप यहां आधा किलो पॉलीथिन लाने पर नाश्ता और एक किलो पॉलीथिन लाने पर खाना खा सकते हैं. इस कैफे की पंचलाइन है More the waste, better the taste. इसे कैफे से स्वच्छता की मुहिम को बढ़ावा मिला है.

स्वच्छता दीदियों का अहम योगदान

अंबिकापुर नगर निगम के 48 वार्डों में 470 दीदियां डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का कार्य करती है. प्रतिदिन लगभग 51 टन कचरे को प्रोसेस कर उसका विक्रय किया जाता है. कचरा बेचकर प्रतिमाह 5 से 6 लाख की आय होती है. इसके साथ ही अधिक यूजर चार्ज की वसूली कर प्रति माह लगभग 21 लाख की आय अर्जित की जाती है. इस कार्य की बदौलत ही अंबिकापुर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में दो लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम और ओवरऑल देश में दूसरा स्थान मिल चुका है.

अंबिकापुर कई कदम आगे

बिना शासन के बड़े बजट और महिला समूह के माध्यम से शुरू किए गए इस अनूठे प्रयोग में अंबिकापुर ने हिम्मत दिखाई थी और ये उसी मेहनत परिणाम है की आज अंबिकापुर कई बड़े शहरों से आगे खड़ा है.

सरगुजा : लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.. कवि हरिवंश राय बच्चन की इन लाइनों को सार्थक किया है छत्तीसगढ़ के एक छोटे से शहर अंबिकापुर ने. इस शहर ने स्वच्छता के क्षेत्र में ऐसे काम की शुरुआत की, जिसके प्रयोग के समय ही असफलता का डर सता रहा था, बिना योजना, बिना बजट के इतनी बड़ी चुनौती कुछ महिलाओं के कंधों पर थी, लेकिन 2014 से अब तक अंबिकापुर ने लगातार जो चमत्कार किए हैं जिसका ना सिर्फ पूरा देश बल्कि पड़ोसी मुल्क भी तारीफ करता है.

साफ सफाई में अंबिकापुर 5 स्टार

दरअसल, कोरोना के संकट और लॉकडाउन के बीच एक अच्छी खबर सामने आई, स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले नगर निगम अंबिकापुर ने देश में अपना सर्वोच्च स्थान बरकरार रखा है. नगर निगम को इस बार फिर से फाइव स्टार रैंक दिया गया हैं. रैंकिंग की इस सूची में अंबिकापुर का नाम सबसे पहले है, उसके बाद मैसूर, राजकोट, सूरत, इंदौर, नवी मुंबई के नाम शामिल है. इस उपलब्धि के बाद अंबिकापुर के स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नंबर वन आने की उम्मीद बढ़ गई है.

अंबिकापुर नगर निगम ने देश के 5 अन्य शहरों के साथ फाइव स्टार रैंकिंग की सफलता हासिल की है. इस परिणाम की घोषणा मंगलवार को वेबकास्ट के जरिए केंद्रीय शहरी विकास एवं आवासीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की है.

पढ़ें-छत्तीसगढ़ के लिए खुशखबरी: अंबिकापुर कचरा मुक्त शहर घोषित, मिले 5 स्टार

अंबिकापुर को मिल चुके हैं एक हजार अंक

इस बार संपन्न हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणाम अब घोषित होने शुरू हो गए हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत पूर्व में ही अंबिकापुर नगर निगम को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा दिया गया था. हालांकि अंबिकापुर वर्ष 2019 में ही 5 स्टार का दर्जा प्राप्त कर चुका है. इस बार होने वाले 6000 अंकों के स्वच्छता सर्वेक्षण में गार्बेज फ्री सिटी के 5 स्टार रैंकिंग में अंबिकापुर को 1000 अंक मिल चुके हैं जबकि 250 अंक नगर निगम को पूर्व में ओडीएफ प्लस प्लस के मिले थे.

7 स्टार रेटिंग की नहीं हुई घोषणा

अंबिकापुर ने इस बार 1250 अंकों के साथ 7 स्टार रैंकिंग के लिए अप्लाई किया था. 7 स्टार रैंकिंग के लिए शहर का वाटर प्लस और डस्ट फ्री होना जरूरी है. लेकिन इस बार भारत सरकार ने 7 स्टार रेटिंग की घोषणा ही नहीं की है.

पढ़ें-GOOD NEWS: शुरू हुआ देश का पहला गार्बेज कैफे, पॉलीथिन लाइए और खाना खाइए

अंबिकापुर में शुरू हुआ था देश का पहला गार्बेज कैफे

9 अक्टूबर 2019 को अंबिकापुर में देश का पहला गार्बेज कैफे खुला था. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहेदव ने भारत के पहले गार्बेज कैफे का उद्घाटन किया था. अंबिकापुर नगर निगम के बस स्टैंड के पास ये कैफे है. आप यहां आधा किलो पॉलीथिन लाने पर नाश्ता और एक किलो पॉलीथिन लाने पर खाना खा सकते हैं. इस कैफे की पंचलाइन है More the waste, better the taste. इसे कैफे से स्वच्छता की मुहिम को बढ़ावा मिला है.

स्वच्छता दीदियों का अहम योगदान

अंबिकापुर नगर निगम के 48 वार्डों में 470 दीदियां डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का कार्य करती है. प्रतिदिन लगभग 51 टन कचरे को प्रोसेस कर उसका विक्रय किया जाता है. कचरा बेचकर प्रतिमाह 5 से 6 लाख की आय होती है. इसके साथ ही अधिक यूजर चार्ज की वसूली कर प्रति माह लगभग 21 लाख की आय अर्जित की जाती है. इस कार्य की बदौलत ही अंबिकापुर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में दो लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम और ओवरऑल देश में दूसरा स्थान मिल चुका है.

अंबिकापुर कई कदम आगे

बिना शासन के बड़े बजट और महिला समूह के माध्यम से शुरू किए गए इस अनूठे प्रयोग में अंबिकापुर ने हिम्मत दिखाई थी और ये उसी मेहनत परिणाम है की आज अंबिकापुर कई बड़े शहरों से आगे खड़ा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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