सरगुजा: छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि केंद्र का कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि इस कानून से किसानों का लेना-देना ही नहीं है. इस कानून की जरूरत सिर्फ प्राइवेट सेक्टर को थी. प्राइवेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने के लिए ये कानून लाया गया है.
अमरजीत भगत ने कहा कि बाजारों में किसानों की फसल जो औने-पौने दाम में बेची जा रही है उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. मंत्री ने कहा कि कोई भी उद्योगपति जब खेती करेगा तो हजारों एकड़ में करेगा, कानून में कहीं नहीं लिखा कि बिना जमीन का स्वरूप बदले खेती की जाए. किसान उद्योगपतियों से नहीं लड़ सकते हैं. उन्हें अपनी जमीन वैसी वापस नहीं मिलेगी, जैसी वो देंगे.
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केंद्र पर बारदाने नहीं देने का आरोप
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि केंद्र ने धान खरीदी में लगने वाला बारदाना नहीं दिया है. जितना बारदाना देने का वादा केंद्र सरकार ने किया था, वो अभी तक नहीं मिला है, इसलिए खरीदी में देरी हो रही है. भगत ने कहा कि सरकार प्रदेश में ही बारदाने की व्यवस्था कर रही है. उन्होंने कहा कि कुछ पुराने बारदाने, कुछ एफसीआई और कुछ राइस मिलर्स के सहयोग से 3 करोड़ के लगभग बारदाने का इंतजाम हो जाएगा. इससे एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो जाएगी.