सरगुजा: किसान आत्महत्या मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. इस मामले को लेकर भाजपा कांग्रेस को घेरने में लगी हुई है. कुछ दिन पहले बबौली गांव में ट्रैक्टर की किस्त नहीं पटा पाने से परेशान एक किसान ने आत्मदाह कर लिया था. गुरुवार को भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने मृतक किसान के परिवार से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. भाजपा सरकार ने किसान आत्महत्या के लिए शासन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. इधर प्रशासन का कहना है कि किसान को सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा था. वो आर्थिक रूप से कमजोर भी नहीं था. पुलिस ने बताया कि मृतक शराब पीने का आदी था. घटना के दिन मृतक की उसके बेटे के साथ बहस हो गई थी, जिससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली.
12 दिसंबर को किसान ने की थी आत्महत्या
लुंड्रा के धौरपुर में 12 दिसंबर को किसान दशन राम ने घर में रखा कीटनाशक पी लिया था. दशन राम को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. दशन राम के बेटे ने इसकी सूचना पुलिस को दी. उसने बताया कि उसके पिता ने फाइनेंस में एक ट्रैक्टर खरीदा था. वो हर महीने 83 हजार 150 रुपए ट्रैक्टर का किस्त पटाता था. बेटे ने बताया कि ट्रैक्टर की आखिरी किस्त बची थी, जिसे वो पटा पाने में असमर्थ था. किस्त का ब्याज लगातार बढ़ रहा था. जिससे परेशान होकर उसके पिता ने सुसाइड कर लिया.
शासन की लापरवाही के कारण किसान ने की आत्महत्या
मृतक के परिजनों ने बताया कि इस साल अच्छी फसल नहीं हुई थी. किसान के नाम से स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि भी बैंक ने स्वीकृत बोरवेल के बकाया किस्त के रूप में काट ली थी. वह लगातार बोझ तले दबता जा रहा था. इसी कारण उसने आत्महत्या कर ली. भाजपा का आरोप है शासन की लापरवाही के कारण किसान की मौत हुई है. इसके पहले भी प्रदेश में सरकार की अव्यवस्थाओं के कारण दो किसानों की मौत हो चुकी है.
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मृतक किसान को मिल रहा था योजनाओं का लाभ
इस मामले में कलेक्टर संजीव झा के निर्देश पर एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है. रिपोर्ट के मुताबिक मृतक दशन राम साल 2018 में 5.7 लाख में एक ट्रैक्टर खरीदा था. इसके लिए उसने बैंक से 3.84 लाख रुपए का फाइनेंस किया था. जिसकी 6 महीने की किस्त 83 हजार 150 रुपए निर्धारित की गई थी. मृतक ने सभी किस्त पटा दिए थे और सिर्फ एक किस्त का भुगतान ही बाकी था. इस टैक्टर के माध्यम से प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपए की आय होती थी. रिपोर्ट के मुताबिक दशन के पिता के नाम पर 2.788 हेक्टेयर जमीन है. जबकि मृतक दशन और तीन अन्य लोगों के नाम पर 3.362 हेक्टयर जमीन है. जिसमें खेती की जाती है.
शासन की योजनाओं का फायदा
साल 2019-20 में दशन राम ने धौरपुर की सहकारी समिति में धन बिक्री कर 6 लाख 9 हजार 730 रूपए का आय अर्जित किया था. साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत साल 2019 में 17 हजार 619 रुपए मिले थे. साल 2020-21 में रकबा 1.993 हेक्टेयर भूमि पंजीकृत है. मृतक किसान को 17 दिसंबर 2020 को 72 क्विंटल विक्रय करने के लिए टोकन दिया गया है. साल 2017-18 में पंचायत ने दशन की नीजि भूमि में 2.7 लाख रुपए का डबरी निर्माण कराया था. साल 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दशन को आवास भी मिला है. इसके अलावा दशन की पत्नी के नाम पर राशन कार्ड है, जिसमें प्रतिमाह चावल, चना, शक्कर,नमक और मिट्टी तेल लिया जाता है. दशन के पिता भूखन को राष्ट्रीय वृद्धावास्था पेंशन भी प्राप्त होता है. दशन के परिवार के नाम पर मनरेगा का जॉब कार्ड भी है. इसके तहत साल 2019-20 में 94 मानव दिवस का कार्य किया गया और भुगतान प्राप्त किया गया.
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हाल की घटनाओं पर नजर-
- पहला मामला- राजनांदगांव में मंगलवार को घुमका धान खरीदी केंद्र में धान बेचने पहुंचे किसान करण साहू की मौत हो गई है. मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि रिश्वत लेने के चक्कर में धान को खराब बताया गया. किसान के बेटे ने इसके लिए धान खरीदी केंद्र के प्रभारी को दोषी ठहराया है और जांच की मांग की है.
- दूसरा मामला- ETV भारत से जांजगीर-चंपा के किसानों ने उनके केसीसी कार्ड से लाखों रुपए के गबन की जानकारी दी थी. किसानों ने मंत्री से मुलाकात कर आत्महत्या की चेतावनी भी दी है.
- तीसरा मामला- कोंडागांव के बड़ेराजपुर ब्लॉक में एक किसान ने रकबे में भारी भरकम कटौती के कारण आत्महत्या कर ली थी. जानकारी के अनुसार गिरदावरी रिपोर्ट में कई प्रकार की गलती की बात सामने आ रही है. इसके कारण किसान ने आत्महत्या कर ली है. इस घटना में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कार्रवाई करते हुए पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. वहीं तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
- चौथा मामला- महीने की शुरुआत में ही दुर्ग में फसल खराब होने की वजह से अन्नदाता ने मौत को गले लगा लिया था. किसान डुगेश प्रसाद निषाद अपने पीछे सुसाइड नोट छोड़ कर गया है, जिसमें उसने दवा का छिड़काव करने के बाद फसल खराब होने की बात लिखी थी. पिता ने कहा था कि उसके बेटे ने तीन बार खेतों में दवा का छिड़काव किया था. करीब 5 एकड़ में लगी खड़ी फसल बर्बाद हो गई और उसका बेटा खेत में ही फांसी के फंदे पर झूल गया.